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Haryana News: डेरा प्रमुख राम रहीम को हाईकोर्ट से राहत नहीं, फरलो की अर्जी पर बिना कोई राहत टली सुनवाई

जेल में बंद डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। राम रहीम की फरलो अर्जी पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सुनवाई को आठ अगस्त के लिए टाल दिया है। याची ने अपनी अर्जी में कल्याणकारी कामों के लिए फरलो की अर्जी दाखिल की थी। लेकिन इस बाबत अब सुनवाई एक हफ्ते के लिए टाल दी गई है।

By Inderpreet Singh Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 31 Jul 2024 07:55 PM (IST)
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राम रहीम को हाईकोर्ट से राहत नहीं, फरलो की अर्जी पर बिना कोई राहत सुनवाई टली

राज्य ब्यूरो,चंडीगढ़। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से डेरा प्रमुख राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) को तुरंत फरलो पर रिहाई की मांग वाली अर्जी पर कोई राहत नहीं मिली है। अब इस मामले की अगली सुनवाई आठ अगस्त को होगी।

राम रहीम ने अर्जी दाखिल करते हुए हाईकोर्ट से 21 दिन की फरलो देने के निर्देश जारी करने की मांग की है। अर्जी में उसने कहा है कि उसे यह फरलो कल्याणकारी कार्यों के लिए चाहिए।

याची ने फरलो के लिए हरियाणा सरकार को आवेदन किया था। लेकिन हाईकोर्ट के 29 फरवरी के आदेश के चलते उसे यह लाभ नहीं मिल सका।

डेरे द्वारा किए जाते हैं कल्याणकारी कार्य: याची

हाईकोर्ट ने उस आदेश के तहत सरकार को बिना अदालत की मंजूरी के याची को पैरोल देने पर रोक लगा दी थी। याची ने कहा कि उनके नेतृत्व में डेरे में कई कल्याणकारी कार्य किए जाते हैं जिनमें गरीब लड़कियों की शादियां, वृक्षारोपण आदि शामिल हैं।

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हरियाणा सरकार 89 ऐसे अन्य कैदियों को पैरोल दे चुकी है जो तीन या इससे अधिक मामलों में दोषी ठहराए जा चुके हैं और उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। हाईकोर्ट भी सात अप्रैल, 2022 के आदेश में स्पष्ट कर चुका है कि याची कट्टर अपराधी की परिभाषा में नहीं आता है।

हरियाणा गुड कंडक्ट ऑफ प्रिजनर एक्ट के तहत हर साल कैदियों को 70 दिन की पैरोल और 21 दिन की फरलो देने का प्रावधान है। याची ने अभी तक मिली पैरोल या फरलो का दुरुपयोग नहीं किया है और ऐसे में वह फरलो का हकदार है। याची की 20 दिन की पैरोल और 21 दिन की फरलो पहले से ही अधिकारियों के समक्ष विचाराधीन है।

यह है मामला

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने याचिका दाखिल करते हुए डेरा प्रमुख को दुष्कर्म और हत्या के मामलों में दोषी होने के बावजूद हरियाणा सरकार द्वारा बार-बार पैरोल या फरलो पर रिहा करने पर आपत्ति जताई थी। 22 फरवरी को हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दिया था कि अदालत की अनुमति के बिना राम रहीम को अब पैरोल नहीं दी जाएगी।

डेरा प्रमुख ने अवकाशकालीन बेंच के सामने 14 जून को अर्जी दायर की थी लेकिन अवकाशकालीन बेंच ने कोई आदेश जारी न करते हुए कहा था कि चीफ जस्टिस की बेंच ही इस अर्जी पर सुनवाई करेगी क्योंकि उसी बेंच के समक्ष एसजीपीसी की याचिका विचाराधीन है।

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