हरियाणा की राजनीति में बढ़ेगी हलचल, राजस्थान समेत पांच राज्यों के चुनाव नतीजों का पड़ेगा असर; सभी दलों ने झोंकी ताकत
हरियाणा की राजनीति का भविष्य पांच राज्यों के चुनाव परिणामों पर निर्भर करेगा। हरियाणा की राजनीति पर सबसे ज्यादा असर राजस्थान के चुनाव परिणाम का होगा। भाजपा कांग्रेस जेजेपी और इनेलो समेत हरियाणा के सभी राजनीतिक दलों ने राजस्थान मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनाव में प्रचार किया है। भाजपा व कांग्रेस के अध्यक्ष साफ कर चुके हैं कि पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद संगठन का ऐलान किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Haryana Politics News: हरियाणा की राजनीति का भविष्य रविवार को आने वाले पांच राज्यों के चुनाव परिणामों पर निर्भर करेगा। हरियाणा के लगभग सभी राजनीतिक दलों के नेता पांच राज्यों में चुनाव में सीधे तौर पर शामिल रहे हैं। हरियाणा की राजनीति पर सबसे ज्यादा असर राजस्थान के चुनाव परिणाम का होगा।
राजस्थान से लगती है हरियाणा के सात जिलों की सीमा
प्रदेश के सात जिले सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और नूंह की सीमा राजस्थान से लगती है। भाजपा, कांग्रेस, जेजेपी और इनेलो समेत हरियाणा के सभी राजनीतिक दलों ने राजस्थान (Rajasthan election result), मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh Election Result) और छत्तीसगढ़ (Chattishgarh Election Result) चुनाव में प्रचार किया है। इनके नतीजे राज्य की राजनीति को दिशा देने के साथ ही राजनीतिक दलों को अपनी रणनीति में बदलाव करने के लिए मजबूर करेंगे।
जेजीपी ने राजस्थान की 19 सीटों पर उतारे हैं प्रत्याशी
हरियाणा में पिछले करीब चार साल से भाजपा की सहयोगी जननायक जनता पार्टी ने राजस्थान में 19 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए अपने प्रत्याशी उतारे हैं। ताऊ देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला परिवार के पुराने कार्यक्षेत्र में अपनी पार्टी को खड़ा करने के लिए उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला एवं जजपा संस्थापक अजय सिंह चौटाला ने राजस्थान चुनाव में खूब पसीना बहाया है।
इसके अलावा हरियाणा कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता किरण चौधरी राजस्थान में कांग्रेस की सह प्रभारी तो पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई राजस्थान में ही भाजपा की तरफ से सह चुनाव प्रभारी रहे हैं। कुलदीप बिश्नोई ने राजस्थान में बिश्नोई बाहुल्य 27 विधानसभा सीटों पर प्रचार अभियान की कमान संभाली है।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस की प्रभारी हैं कुमारी सैलजा
राजस्थान में अगर जजपा अपना खाता खोल लेती है तो सीमावर्ती जिलों के अलावा प्रदेश में भाजपा-जजपा गठबंधन को लेकर चलने वाली अटकलें पूरी तरह से खत्म हो जाएंगी। हरियाणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा छत्तीसगढ़ कांग्रेस की प्रभारी हैं।
सैलजा कुमारी के नेतृत्व में लड़ा कांग्रेस ने चुनाव
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने यह चुनाव सैलजा के नेतृत्व में ही लड़ा है। इसके अलावा कांग्रेस महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला मध्य प्रदेश में कांग्रेस के चुनाव प्रभारी रहे हैं। कांग्रेस इससे पहले कर्नाटक में सुरजेवाला के नेतृत्व में चुनाव लड़कर सरकार बना चुकी है। कर्नाटक में जीत के बाद कांग्रेस ने सुरजेवाला को मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी थी।
राजस्थान के स्टार प्रचारक हैं भूपेंद्र हुड्डा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा राजस्थान में कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में शामिल रहे हैं। दीपेंद्र सिंह हुड्डा की ससुराल भी मिर्धा परिवार में राजस्थान में ही है। हुड्डा व दीपेंद्र का राजस्थान में अलग ही प्रभाव है। दोनों पिता-पुत्रों ने राजस्थान में कई रोड शो व जनसभाएं की हैं। इसके अलावा भाजपा ने अपने विधायकों व कार्यकर्ताओं की हलकों में ड्यूटियां लगाकर उन्हें तैनात किया हुआ था।
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हरियाणा की राजनीति में पड़ेगा राजस्थान चुनाव रिजल्ट का असर
भाजपा व कांग्रेस के अध्यक्ष यह साफ कर चुके हैं कि पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद संगठन का ऐलान किया जाएगा। ऐसे में यह स्पष्ट है कि पड़ोसी राज्यों में हुए चुनाव परिणाम के बाद ही हरियाणा में मुख्य राजनीतिक दलों के संगठन में फेरबदल होने के साथ ही उनकी राजनीतिक दिशा में भी बदलाव संभव है।
शादी के बहाने शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में कुलदीप बिश्नोई
कांग्रेस से भाजपा में शामिल होकर अपने बेटे की राजनीति को आगे बढ़ा रहे कुलदीप बिश्नोई अपने दोनों बेटों की शादियों के बहाने राजनीतिक संबंधों को मजबूत करने में लगे हैं। भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई अपने विधायक बेटे भव्य बिश्नोई और चैतन्य बिश्नोई की शादी की तैयारी में जुटे हैं।
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