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Shivaji Park Murder Case: खौफनाक हत्याकांड में चार को उम्रकैद, महिला ने की थी पति और 4 बच्चों की हत्या

Alwar News साल 2017 में हुए अलवर के शिवाजी पार्क हत्याकांड में मंगलवार को अपर जिला और सेशन कोर्ट ने महिला व उसके प्रेमी को उम्र कैद की सजा सुनाई है। महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति तीन बेटों व एक भतीजे की हत्या कर दी थी।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Wed, 22 Mar 2023 12:01 PM (IST)
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पति व चार बच्चों की गला रेत हत्या कराने वाली महिला व प्रेमी को उम्र कैद की सजा

रेवाड़ी, जागरण संवाददाता। साल 2017 में हुए अलवर के शिवाजी पार्क हत्याकांड में मंगलवार को अपर जिला और सेशन कोर्ट-दो के न्यायाधीश वेणु श्रीवास्तव ने महिला व उसके प्रेमी को उम्र कैद की सजा सुनाई है। महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिल कर पति, तीन बेटों व एक भतीजे की गला काट कर हत्या कर दी थी।

अलवर के शिवाजी पार्क के रहने वाले बनवारी लाल शर्मा की शादी वर्ष 1999 में कठूमर के गांव गारू की रहने वाली ताइक्वांडो कोच संतोष शर्मा उर्फ संध्या से हुई थी। दोनों के तीन बेटे थे। बनवारी लाल अलवर के एमआइए स्थित एक फैक्ट्री में आपरेटर का काम करते थे।

संतोष शर्मा बच्चों को ताइक्वांडो की कोचिंग देती थी। संतोष के हनुमान प्रसाद नामक युवक के साथ अनैतिक संबंध थे। संतोष शर्मा उर्फ संध्या को लग्जरी लाइफ और घूमना-फिरना पसंद था। हनुमान के साथ कई-कई दिनों तक घर से बाहर भी रही थी।

पति बनवारी लाल और बड़े बेटे मोहित को संतोष व हनुमान के अफेयर के बारे में पता लग गया था, जिसके बाद उसका बाहर जाना कम हो गया था। इसके बाद उसने पूरी योजना बनाकर हत्याकांड को अंजाम दिया। हत्याकांड के बाद संतोष ने परिवार के लोगों पर ही जमीन विवाद में पांचों की हत्या करने का आरोप लगाया था।

दोषियों को मिली उम्रकैद की सजा

बाद में पुलिस की जांच में हत्याकांड से पर्दा उठ गया था। पुलिस ने हत्या के आरोप में संतोष शर्मा, प्रेमी हनुमान व दो अन्य को गिरफ्तार किया था। हत्याकांड में शामिल दो अन्य आरोपित जांच में नाबालिग पाए गए थे। छह साल तक मामले की सुनवाई के बाद मंगलवार को अपर जिला और सेशन कोर्ट-दो के न्यायाधीश वेणु श्रीवास्तव की अदालत ने संतोष व हनुमान को पांचों की हत्या का दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है।

अदालत के निर्णय के अनुसार दोनों दोषी मरते दम तक जेल में रहेंगे। हत्याकांड में शामिल दो अन्य आरोपितों के नाबालिग होने के कारण मामला बाल अदालत में लंबित है।

आंखों के सामने कराई हत्या

हत्या में दोषी संतोष व हनुमान को बनवारी लाल व बेटा मोहित अपने संबंधों के बीच रोड़ा लगने लगे थे। दोनों ने बनवारी व मोहित की हत्या करने की साजिश रची। साजिश के तहत दो अक्टूबर 2017 की रात संतोष ने रायते में नींद की गोलियां मिला दी थी। रात को हनुमान अपने दो साथियों के साथ घर पर पहुंचा तो संतोष ने दरवाजा खोल दिया था। हनुमान व उसके दो साथियों ने छुरे से सबसे पहले बनवारी लाल का गला रेत दिया था।

इसके बाद संतोष के बड़े बेटे मोहित, 15 वर्षीय हैप्पी, 12 वर्षीय अज्जू व दस वर्षीय भतीजे निक्की की भी हत्यारों ने गला रेत कर हत्या कर दी थी। हत्या के दौरान संतोष वहीं खड़ी सब देखती रही। हत्या के बाद संतोष ने अपनी स्कूटी व तीन हजार रुपये देकर आरोपितों को वहां से भगा दिया था। अगले दिन सुबह हत्याकांड का पता लगा तो पूरा अलवर हिल गया था।

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