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कौन हैं राव इंद्रजीत? मोदी मंत्रिमंडल में लगाई हैट्रिक, हरियाणा में बीजेपी को दिलाई जीत; अब मुख्यमंत्री बनने की चाह

हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद विधायक दल का नेता चुनना है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह भी मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी कर चुके हैं। राव इंद्रजीत सिंह हरियाणा में भाजपा के दिग्गज नेता हैं। वह छठी बार संसद के सदस्य बने हैं। इस चुनाव में भाजपा की जीत में उनका अहम योगदान रहा है। पढ़िए राव इंद्रजीत सिंह का राजनीतिक सफर...

By Rajiv Mishra Edited By: Rajiv Mishra Updated: Wed, 16 Oct 2024 08:11 AM (IST)
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राव इंद्रजीत सिंह ने कांग्रेस से की थी राजनीतिक सफर की शुरुआत (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शानदार जीत दर्ज की है। भाजपा की इस जीत में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का अहम योगदान है। हरियाणा के दिग्गज नेता गुरुग्राम से सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर छठी बार संसद पहुंचे हैं। उन्होंने लगातार 5 बार सांसद बनने का रिकॉर्ड भी बनाया है।

राव इंद्रजीत सिंह मोदी मंत्रिमंडल में लगातार तीसरी बार मंत्री भी बने हैं। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का जन्म 11 फरवरी 1950 को हरियाणा के रेवाड़ी में हुआ था। वह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री रहे स्व. राव बिरेंद्र सिंह के बेटे हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए एलएलबी की डिग्री ली है। कांग्रेस से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले राव इंद्रजीत सिंह भूपेंद्र हुड्डा से अनबन होने की वजह से 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे।

साल 1977 में हुई थी राजनीतिक सफर की शुरुआत

राव इंद्रजीत सिंह के राजनीतिक सफर की शुरुआत साल 1977 में कांग्रेस पार्टी से हुई। साल 1977 में वह जाटूसाना से पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे। उन्होंने इस सीट से 4 बार विधायक का चुनाव जीता। इस दौरान उन्हें हरियाणा प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया। राव इंद्रजीत सिंह 1986-1987 में प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री बने उसके बाद साल 1991-1996 कर वो कैबिनेट मंत्री का दायित्व निभा चुके हैं।

1998 में पहली बार लोकसभा पहुंचे थे राव इंद्रजीत सिंह

राव इंद्रजीत सिंह पहली बार साल 1998 में पहली बार महेंद्रगढ़ सीट से लोकसभा का चुनाव जीता लेकिन 1999 के चुनाव में भाजपा की डॉ. सुधा यादव से चुनाव हार गए। उन्होंने 2004 के लोकसभा चुनाव में महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से फिर जीत हासिल की। इस दौरान वह डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में विदेश राज्यमंत्री रहे। उन्होंने केंद्रीय रक्षा उत्पादन राज्यमंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली।

गुडगांव से चार बार जीत चुके हैं चुनाव

राव इंद्रजीत सिंह साल 2009 के लोकसभा चुनाव में गुडगांव संसदीय क्षेत्र से जीत हासिल की। इस लोकसभा सीट से वह लगातार चार बार चुनाव जीत चुके हैं। नरेंद्र मोदी की सरकार में राव इंद्रजीत सिंह योजना एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन, शहरी विकास, कारपोरेट सहित कई मंत्रालयों में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का दायित्व संभाल चुके हैं। इस बार फिर उन्हें राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की जिम्मेदारी दी गई है।

हरियाणा के सीएम पद पर दावेदारी

राव इंद्रजीत सिंह को अहीरवाल क्षेत्र यानी दक्षिण हरियाणा में अच्छी पैठ रखते हैं। साल 2024 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में अहीरवाल क्षेत्र में भाजपा के 11 उम्मीदवारों में से 10 ने जीत हासिल की है। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही राव इंद्रजीत सिंह द्वारा हरियाणा के सीएम पद पर दावेदारी की खबरें भी चल रही है।

कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर भाजपा उनको मुख्यमंत्री नहीं बनाती है तो वह 9 विधायकों के साथ पार्टी से बगावत कर सकते हैं। भाजपा पहले ही नायब सिंह सैनी को अपना सीएम फेस घोषित कर चुकी है। हालांकि राव इंद्रजीत सिंह अपने बगावत की खबरों खारिज किया है। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि वो पार्टी के साथ खड़े हैं।

बेटी भी राजनीति में ले चुकी हैं एंट्री

राव इंद्रजीत सिंह की बेटी राव आरती सिंह ने भी राजनीति में एंट्री कर ली है। आरती सिंह ने इस बार अटेली विधानसभा की चुनाव लड़ा और जीता। उन्होंने बसपा के अट्टर लाल को 3 हजार से अधिक वोटों से चुनाव हराया। आरती राव को 57737 वोट मिले। कयास लगाए जा रहे हैं कि राव इंद्रजीत सिंह की बेटी को इस बार मंत्रिमंडल में जगह मिल सकता है। 

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17 अक्टूबर को होगा नई सरकार का शपथ

हरियाणा में भाजपा की नई सरकार का शपथ ग्रहण 17 अक्टूबर को होगा। हरियाणा के नए सीएम पंचकूला के दशहरा ग्राउंड में शपथ लेंगे। शपथ लेने से एक दिन पहले 16 अक्टूबर भाजपा विधायक दल की बैठक होनी है जिसमें नायब सैनी को विधायक दल का नेता चुना जाना लगभग तय है। विधायक दल की बैठक के लिए भाजपा ने गृहमंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश की सीएम मोहन यादव को पर्यवेक्षक बनाया है।

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