'रत्नावली साहित्य संगीत व कला का अद्भुत संगम', CM नायब सैनी ने शिल्प मेले में जलेबी और कई व्यंजनों का लिया आनंद
रत्नावली महोत्सव हरियाणा की लोक संस्कृति को पुनर्जीवित करने और युवाओं में अपनी विरासत पर गर्व जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित चार दिवसीय राज्य स्तरीय रत्नावली महोत्सव में युवाओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा के युवाओं में लोहे जैसा बल और सोने जैसा मन है। युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल की जा रही है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणवी लोक संस्कृति को पुनर्जीवित करने व युवा विद्यार्थियों में अपनी महान विरासत पर गर्व का भाव जगाने में रत्नावली महोत्सव अपनी सार्थक भूमिका निभा रहा है।
रत्नावली साहित्य-संगीत व कला का यह अद्भुत संगम है। वह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित चार दिवसीय राज्य स्तरीय रत्नावली महोत्सव में युवाओं को संबोधित कर रहे थे।
इससे पूर्व उन्होंने शिल्प मेले का अवलोकन किया। इस दौरान वह कुवि के छात्रों की ओर से लगाए गए विभिन्न स्टालों पर गए। उन्होंने जलेबी और विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भी आनंद लिया।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने मुख्यमंत्री व अन्य मेहमानों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि 1985 में आठ विधाओं और 300 कलाकारों से रत्नावली महोत्सव का आगाज हुआ था। आज इस महोत्सव के मंच पर 34 विधाओं में 3000 से ज्यादा छात्र-छात्राएं अपनी प्रतिभा का हुनर दिखा रहे हैं।
विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य
यह विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है। यह विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला सरकारी विश्वविद्यालय है, जिसका ए-प्लस-प्लस ग्रेड है।विश्वविद्यालय शिक्षा, शोध, खेलों में विश्वविद्यालय में तीसरे स्थान पर, सांस्कृतिक गतिविधियों में 1100 विश्वविद्यालयों में तीसरे स्थान पर और 500 राजकीय विश्वविद्यालयों में पहले स्थान पर है।
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