खुशखबरी: हरियाणा में 50 हजार से अधिक वेतन वाले कच्चे कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित, नायब सरकार लाएगी बिल
हरियाणा सरकार 50 हजार रुपये तक वेतन पाने वाले अनुबंध कर्मचारियों के लिए हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चितता) विधेयक लाने जा रही है। इससे विश्वविद्यालयों में अनुबंध पर लगे असिस्टेंट प्रोफेसर कॉलेजों के एक्सटेंशन लेक्चरर बहुतकनीकी संस्थानों में कार्यरत गेस्ट लेक्चरर पशु चिकित्सक वास्तुकला सहायक और जेई-एसडीओ की सेवाएं सुरक्षित हो सकेंगी। नायब सरकार इसके लिए बिल लाने जा रही है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में पांच साल से अनुबंध पर काम कर रहे 50 हजार रुपये तक वेतन वाले सभी कर्मचारियों की सेवाएं 58 साल की आयु तक सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार विधानसभा में हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चितता) विधेयक लाने जा रही है।
इससे अधिक वेतन वाले अनुबंधित कर्मचारियों की नौकरी सेवानिवृत्ति आयु तक सुरक्षित करने के लिए एक और बिल लाया जा सकता है। इससे विश्वविद्यालयों में अनुबंध पर लगे असिस्टेंट प्रोफेसर, कॉलेजों के एक्सटेंशन लेक्चरर, बहुतकनीकी संस्थानों में कार्यरत गेस्ट लेक्चरर, पशु चिकित्सक, वास्तुकला सहायक और जेई-एसडीओ की सेवाएं सुरक्षित हो सकेंगी।
लगाई हुई है उच्च अधिकारियों की ड्यूटी
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को संत कबीर कुटी पर पहुंचे हरियाणा यूनिवर्सिटीज कांट्रेक्चुअल टीचर्स एसोसिएशन (हुकटा) के प्रतिनिधिमंडल से कहा कि हम 50 हजार रुपये से ज्यादा वेतन वाले अनुबंध कर्मचारियों के लिए सेवा सुरक्षा बिल-2 ला रहे हैं।इसके लिए उच्च अधिकारियों की ड्यूटी लगाई हुई है। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे मनजीत शर्मा ने मुख्यमंत्री को चुनाव से पहले विवि के अनुबंध असिस्टेंट प्रोफेसरों का रोजगार सुरक्षित करने का वादा याद दिलाया। इस पर सीएम ने कहा कि जो वादा किया था, उसे हर हाल में पूरा करेंगे।
चिकित्सा लाभ की मांग भी उठाई
हुकटा के प्रदेशाध्यक्ष विजय मलिक ने बताया कि विश्वविद्यालयों में अनुबंध पर करीब 1500 सहायक प्रोफेसर कार्यरत हैं, जिनका वेतन 50 हजार रुपये से मामूली ज्यादा है। इस कारण वे अनुबंधित कर्मचारियों की सेवाओं को सुरक्षित करने के कानूनी दायरे में नहीं आ पाए।ऐसे में सरकार सभी अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों को नियमित होने तक आर्डिनेंस-2 में समावेशित कर सेवा सुरक्षा प्रदान करें। उन्होंने अन्य सुविधाओं यथा महंगाई भत्ते और चिकित्सा लाभ की मांग भी उठाई।
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