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हरियाणा के 'रणक्षेत्र' को तपिश दे रही अपनों की बगावत, BJP-Congress से बागी दो दर्जन नेता बने चुनौती

हरियाणा में बागी उम्मीदवारों ने भाजपा और कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कई सीटों पर बागी उम्मीदवार पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के लिए खिलाफ बगावत कर मैदान में हैं। भाजपा में सबसे बड़ी बगावत हिसार सीट पर हुई है जहां सावित्री जिंदल प्रमुख बागी उम्मीदवार हैं। कांग्रेस में भी बगावत कम नहीं है। पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की बेटी चित्रा सरवारा ने अंबाला में चुनावी ताल ठोंक रखी है।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sun, 22 Sep 2024 01:04 PM (IST)
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विधानसभा चुनाव में बागियों ने बढ़ाई मुश्किलें
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा में विधानसभा का चुनावी समर रोचक हो रहा है। सत्ता की समरभूमि में अपनों की बगावत खासकर प्रमुख राजनीतिक दलों को तपिश दे रही है। भाजपा व कांग्रेस के लिए चुनौती बने बागी पार्टी प्रत्याशियों की जीत-हार के समीकरण बिगाड़ने का खम ठोक रहे हैं।

बतौर निर्दलीय चुनावी समर में उतरे ये बागी करीब दो दर्जन सीटों पर दोनों ही प्रमुख दलों के अधिकृत प्रत्याशियों के लिए खतरा बने हुए हैं। यह सूरत तब है जबकि इन दोनों दलों के रणनीतिकार हालांकि करीब दो दर्जन बागियों को चुनाव मैदान में बैठा चुके हैं, इसके बाद भी वे संबंधित पार्टियों के उम्मीदवारों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

भाजपा में हिसार सीट पर सबसे बड़ी बगावत

इन बागियों को अधिकतर भाजपा के अधिकतर वे निवर्तमान विधायक हवा दे रहे हैं, जिन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिए हैं। भाजपा में सबसे बड़ी बगावत हिसार विधानसभा सीट पर है। यहां अधिकृत प्रत्याशी डॉ. कमल गुप्ता के विरुद्ध निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल चुनाव लड़ रही हैं। सावित्री जिंदल कुरुक्षेत्र के भाजपा सांसद नवीन जिंदल की माता हैं।

रानियां से रणजीत चौटाला निर्दलीय ठोक रहे ताल

रानियां में पूर्व कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह चौटाला आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनावी रण में हैं। भाजपा ने उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया। उन्होंने निर्दलीय ताल ठोक दी। तोशाम में पूर्व विधायक शशि रंजन परमार भाजपा की श्रुति चौधरी की परेशानी बढ़ा रहे हैं तो गन्नौर में देवेंद्र कादियान ने भाजपा के देवेंद्र कौशिक की परेशानी बढ़ा दी है।

देवेंद्र कौशिक सोनीपत के पूर्व सांसद रमेश कौशिक के भाई हैं। पूरे पांच साल तक समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत को पृथला से टिकट नहीं मिला है। वहां भाजपा ने पूर्व विधायक टेक चंद शर्मा पर भरोसा जताया है। उनके सामने नयनपाल रावत कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं, जबकि महम में राधा अहलावत, झज्जर में सतबीर सिंह और पूंडरी में पूर्व विधायक दिनेश कौशिक ने भाजपा उम्मीदवारों की चुनौती बढ़ा रखी है।

इन प्रत्याशियों ने भी बढ़ा दी भाजपा की मुश्किल

लाडवा में संदीप गर्ग भाजपा के बागी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। यहां मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी स्वयं चुनाव मैदान में हैं। भिवानी में प्रिया असीजा, रेवाडी में प्रशांत सन्नी, सफीदों में बच्चन सिंह और जसवीर देसवाल तथा बेरी में खाप के उम्मीदवार अमित अहलावत डीघल ने भाजपा प्रत्याशियों की चुनौती बढ़ा दी है। कलायत में विनोद निर्मल और आनंद राणा तथा इसराना में सत्यवान शेरा ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ाई हैं।

कांग्रेस में भी बगावत कम नहीं

कांग्रेस में भी बगावत कम नहीं है। पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की बेटी चित्रा सरवारा ने अंबाला में चुनावी ताल ठोंक रखी है। कांग्रेस ने हालांकि निर्मल सिंह को अंबाला शहर से उम्मीदवार बनाया हुआ है, लेकिन एक परिवार में दो टिकट नहीं होने की मजबूती के चलते चित्रा को टिकट नहीं मिला है।

अंबाला छावनी में पूर्व गृह मंत्री अनिल विज और कांग्रेस की बागी चित्रा सरवारा के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। जगाधरी में आदर्श पाल, पूंडरी में निवर्तमान निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन व सज्जन ढुल ने चुनावी ताल ठोकी है। पूंडरी से निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन ने चुनाव से पहले कांग्रेस को समर्थन दिया था, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिस कारण वे निर्दलीय चुनाव मैदान में फिर से उतर गए हैं।

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कांग्रेस के इन बागियों ने थाम रखा बगावत का झंडा

कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए कलायत में अनीता ढुल, बाढ़डा में सोमवीर घसोला, पृथला में नीटू मान, कोसली में मनोज कुमार, पटौदी में सुधीर चौधरी और गोहाना में हर्ष छिक्कारा चुनौती पेश कर रहे हैं। जींद में प्रदीप गिल, उचाना में बीरेंद्र गोगड़िया, बहादुरगढ़ में राजेश जून, बरवाला में संजना सातरोड और पानीपत शहरी में पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी कांग्रेस उम्मीदवारों की राह में बड़ी बाधा बने हैं। बल्लभगढ़ में शारदा राठौर को टिकट नहीं मिल पाया है। शारदा राठौर और कपूर नरवाल दोनों ही पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों की परेशानी बढ़ाने वाले साबित हो सकते हैं।

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