सम्मान पर कलह: पुरस्कार राशि से वंचित रह सकते हैं विरोध करने वाले खिलाड़ी
हरियाणा में पदक विजेता खिलाडियों के पुरस्कार राशि को लेकर विवाद खत्म हो रहा है। अब संकेत हैं कि सरकार विरोध करने वाले खिलाडिय़ों को पुरस्कार राशि से वंचित कर सकती है।
जेएनएन, चंडीगढ़। राष्ट्रमंडल खेलों में हरियाणा की बजाय अन्य राज्याें आैर संस्थाओं व एजेंसियों का प्रतिनिधित्व करने वाले पदक विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार राशि से वंचित रहना पड़ सकता है। राज्य सरकार विरोध के स्वर बुलंद करने वाले 11 खिलाड़ियों को पुरस्कार राशि के रूप में एक भी पैसा नहीं देने पर विचार कर रही है। हालांकि अंतिम फैसला हरियाणा कैबिनेट करेगी, जिसमें खिलाड़ियों को पुरस्कार राशि देने अथवा नहीं देने पर मुहर लगेगी।
हरियाणा की ओर से नहीं खेलने वाले खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि पर संशय
खेल मंत्री अनिल विज इस मामले को कैबिनेट के सामने रखेंगे। कैबिनेट में विरोध करने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कार राशि देने पर दो मत हैं। कुछ मंत्री चाहते हैं कि खिलाड़ियों को पुरस्कार राशि दे देनी चाहिए, क्योंकि मूल राशि में से कटौती की जाने वाली राशि बहुत अधिक नहीं है, जबकि कुछ मंत्री सिद्धांतों की बात करते हुए पुरस्कार राशि नहीं देने से सहमत हैं।
खेल मंत्री अनिल विज कैबिनेट के सामने रखेंगे पूरा मामला, मंत्रियों में भी राशि को लेकर धड़ेबंदी
हरियाणा की खेल नीति में भी प्रावधान है कि जो खिलाड़ी राज्य की ओर से नहीं खेलेंगे, उन्हें पुरस्कार राशि नहीं मिलेगी। इसके बावजूद सरकार ने पदक विजेता खिलाड़ियों का सम्मान रखने के लिए खेल नीति में बदलाव किया और एजेंसियों की ओर से मिलने वाली राशि सरकार द्वारा निर्धारित पुरस्कार राशि में से घटाकर देने का अहम निर्णय लिया था। इस पर 11 खिलाड़ियों ने विरोध कर दिया।
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'' सरकार की सोच बेहद पाक-साफ और खिलाड़ियों के हक में है। हमने हरियाणा की ओर से नहीं खेलने वाले खिलाड़ियों को भी सम्मान देने का फैसला लिया। साथ ही यह भी तय किया कि उन्हें दी जाने वाली पुरस्कार राशि में से खेल एजेंसियों द्वारा दी जाने वाली राशि को कम कर दिया जाएगा, मगर कुछ खिलाड़ियों को यह मंजूर नहीं था। इसलिए हमने समारोह रद कर दिया है। अब उन्हें राशि दी जाए या नहीं, यह फैसला कैबिनेट करेगी।
- अनिल विज, खेल मंत्री, हरियाणा।
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हरियाणा सरकार खेल नीति पर कन्फ्यूज : बबीता फौगाट
भिवानी : दूसरी ओर, गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ की पदक विजेता बबीता फौगाट ने कहा कि अवार्ड बांटने आैर खेल नीति को लेकर हरियाणा सरकार कन्फ्यूज नजर आ रही है। अपने चाचा सज्जन बलाली के घर भिवानी आईं बबीता ने कहा कि सरकार की नई खेल नीति से हरियाणा के खिलाड़ियों का मनोबल गिरा है। प्रतियोगिता में जाने से पहले जो घोषणा हुई थी, उसे प्रतियोगिता के बाद बदल दिया गया।
बबीता और विनेश फौगाट।
बबीता ने कहा कि विजेता खिलाड़ी जो हरियाणा से बाहर नौकरी कर रहे हैं, उनकी इनामी राशि को घटाना उचित नहीं है। यदि प्रदेश सरकार हरियाणा में ही अच्छी नौकरी दे तो इन खिलाड़ियों को दूसरे राज्यों व केंद्र में नौकरी करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। बबीता फौगाट ने कहा कि यह कार्यक्रम रद नहीं होता है तो भी उसकी बहन विनेश उसमें भाग लेने नहीं जाती। हालांकि इस मामले में विनेश फौगाट ने कुछ भी बोलने से मना कर दिया। विनेश रेलवे में सीटीआइ के पद पर तैनात हैं।