हरियाणा में औद्योगिक गतिविधियां चालू करने का खाका तैयार, जानें किन क्षेत्रों में खुलेंगी फैक्टरियां
हरियाणा में कोराेना के खिलाफ जंग के बीच राज्य में औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने की तैयारी कर रहा हैै। इसके लिए सरकार ने खाका तैयार कर लिया है।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sat, 18 Apr 2020 10:33 AM (IST)
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने को लेकर सरकार खासी गंभीर है। रेड जोन में शामिल चार जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह और पलवल के कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी हिस्सों में औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने पर सरकार विचार कर रही है। ओरेंज और ग्रीन जोन में शामिल प्रदेश के बाकी 18 जिलों में शारीरिक दूरी (Physical distance) के नियमों का पालन करने तथा श्रमिकों के रहने-खाने और ठहरने का बंदोबस्त करने की शर्त पर छोटे उद्योगों में उत्पादन आरंभ करने की इजाजत दी जा सकती है। सभी जिला उपायुक्तों व उद्योग विभाग के अधिकारियों को इसके लिए अगले दो दिन के भीतर प्लान तैयार कर सरकार को भेजने के लिए कह दिया गया है।
रेड जोन के कंटेनमेंट एरिया को छोड़कर बाकी हिस्सों में आरंभ होगी औद्योगिक इकाइयां
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रमुख समाचार पत्रों के संपादकों के साथ विचार-विमर्श के दौरान यह जानकारी साझा की। देश भर में लाॅकडाउन 3 मई तक है, लेकिन कुछ राज्यों में 20 अप्रैल से कामकाज शुरू करने की इजाजत मिल सकती है। कोरोना संक्रमण के कम प्रभाव वाले राज्यों में हरियाणा भी शामिल है, इसलिए उसे केंद्र के नए दिशा निर्देशों का लाभ मिल सकता है। बेहतर अर्थव्यवस्था के लिए संपादकों ने सरकार को कुछ सुझाव भी दिए।
ओरेंज और ग्रीन जोन में शामिल जिलों में सशर्त मिलेगी उत्पादन आरंभ करने की अनुमतिसंपादकों से विचार विमर्श के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि राज्य और जिला स्तर पर डिस्टेंसिंग प्लानिंग कमेटी बनाई गई है, जो निरीक्षण करने के बाद अपनी रिपोर्ट देगी कि किस स्थान पर काम शुरू हो सकता है। जिन कारखानों में अधिक लेबर की जरूरत है, वहां प्रदेश स्तरीय डिस्टेंसिंग प्लान कमेटी से मंजूरी लेने की जरूरत होगी, जबकि बाकी स्थानों पर जिला व ब्लाक स्तरीय कमेटियां उत्पादन आरंभ करने की मंजूरी प्रदान करेंगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की प्रमुख अखबारों के संपादकों के साथ वीडियो कांफ्रेंस पर चर्चामुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि लाकडाउन अवधि तक प्रदेश में शराब के ठेके नहीं खुलेंगे। उन्होंने एक जानकारी के आधार पर बताया कि हमें उम्मीद थी कि 14 अप्रैल को लाॅकडाउन में कुछ रियायत मिल सकती है, इसलिए शराब फैक्टरियों को 11 अप्रैल को परिपत्र जारी कर बोटलिंग आरंभ करने के लिए कह दिया गया था, लेकिन साथ ही उस पत्र में यह भी स्पष्ट था कि लाॅकडाउन खुलने के बाद ही शराब बेची जा सकेगी। अब चूंकि लाॅकडाउन तीन मई तक है, इसलिए प्रदेश सरकार अपने स्टैंड पर कायम है।
विपक्ष हो रहा क्वारंटाइन, नहीं फसल खरीद की जानकारीहरियाणा में सरसों व गेहूं खरीद में किसानों की दिक्कतों से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के कुछ ऐसे लोग, जो अपने कमरों में बैठे हैं और क्वारंटाइन की अवधि पूरी कर रहे हैं, उन्हें सही जानकारी नहीं है। पिछली बार प्रदेश में सरसों की खरीद के लिए 70 मंडियां स्थापित की गई थी, जिन्हें अब बढ़ाकर 163 कर दिया गया है। गेहूं खरीद के लिए तीन से चार गांवों को केंद्र बनाकर दो हजार मंडियां बनाई गई हैं। किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदा जाएगा और उन्हें फसल उठाने के बाद 24 घंटे के भीतर पैसा मिलेगा।
प्रदेश में दस लैब, हर रोज एक हजार टेस्टमुख्यमंत्री ने दावा किया कि प्रदेश में हालात सामान्य हैं। तब्लीगी जमातियों की वजह से कुछ केस बढ़े हैं, लेकिन उनके उपचार में सरकार किसी तरह का भेदभाव नहीं आने देगी। कोरोना संक्रमित लोगों का ईलाज करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों का वेतन हमने डबल किया है। पीपीई किट तथा बाकी उपकरणों की कोई कमी नहीं है। आरंभ में प्रदेश में सिर्फ दो लैब थी। आज इस समय दस टेस्टिंग लैब हैं। एक हजार से ऊपर टेस्ट हर रोज हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो टेस्टिंग लैब की संख्या बढ़ा सकते हैं। मनोहर लाल के अनुसार विभिन्न योजनाओं के तहत अभी तक 13 लाख लोगों को 438 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता पहुंचाई जा चुकी है। बाकी लाभार्थियों को भी जल्द ही आर्थिक सहायता पहुंचा दी जाएगी।--------दैनिक जागरण के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को आठ सुझाव-
1. हमारी भारतीय संस्कृतिक में सोशल डिस्टेंसिंग कोई शब्द नहीं है। हमारी विचारधारा और सभ्यता हमें सामाजिक दूरी जैसे शब्द के प्रचलन की अनुमति नहीं देती। यह शब्द डब्ल्यूएचओ से आया है। यूरोप और अमेरिका में सामाजिक दर्शन के मतलब अलग हैं। दैनिक जागरण लगातार सोशल डिस्टेंसिंग (सामाजिक दूरी) की बजाय फिजिकल डिस्टेंसिंग (शारीरिक दूरी) की बात करता है। सरकार भी इसे अपनाए।
2. किसान हमारा अन्नदाता है। उसकी अतिरिक्त चिंता की जाए। सरसों और गेहूं की खरीद में उदारता बरती जाए। किसानों को ज्यादा तकनीकी दावपेंच में न उलझाया जाए।3. लाॅकडाउन खत्म होने के बाद हमें जिन विसंगतियों का पता चलेगा, उससे उबरने में हमारे लिए सबसे ज्यादा मददगार अन्नदाता-किसान ही होगा, जो हमारा पेट भरता है और भरेगा।4. यह मौका कमियां गिनाने का नहीं है। साथ-साथ काम करने का है, जो देश, प्रदेश व समाज हित में हो। यह बात सभी पर लागू होती है।
5. गरीब और भूखों को भोजन देना अच्छी बात है, लेकिन हमें पुरुषार्थ को भी प्राथमिकता देनी चाहिए। हमारी भारतीय संस्कृति गरीबों को भोजन के पक्ष में है, लेकिन हमें पुरुषार्थ का विकल्प भी ढूंढना होगा।6. जो मजदूर और कर्मचारी कैंप में रह रहे है, वहां भी कुछ स्वाभिमानी लोग होंगे, वह भी नहीं चाहेंगे कि बैठे-बैठे बिना पुरुषार्थ भोजन करें, वह परिश्रम और पुरुषार्थ जरूर करना चाहेंगे। उन्हें मौका मिले।
7. गुरुग्राम व फरीदाबाद के सुरक्षित जोन में इंडस्ट्री शुरू की जानी चाहिए। सोनीपत, रेवाड़ी और पानीपत समेत विभिन्न जिलों में छोटी इंडस्ट्री में काम आरंभ कराकर उसे प्रोत्साहित किया जाए।8. उत्तर प्रदेश के बाद हरियाणा में तब्लीगी जमाती सबसे ज्यादा आए हैं। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से उन पर बारीकी से निगाह रखी जाए। उनकी सौ फीसदी टेस्टिंग की व्यवस्था हो, ताकि कोरोना का विस्तार होने से रोका जा सके।
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