क्या है महिला कोच उत्पीड़न मामला? जिसमें फंसे हैं हरियाणा के मंत्री Sandeep Singh; चार्जशीट ने खोल दिए कई राज
Sandeep Singh Case कोच के उत्पीड़न के मामले में हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। चंडीगढ़ पुलिस की चार्जशीट ने संदीप सिंह को लेकर बड़े खुलासे किए हैं। चार्जशीट से पता चला है कि संदीप सिंह और पीड़िता के बीच जो रिश्ते थे वो प्रोफेशनल से कहीं ज्यादा थे। साथ ही यह भी पता चला है कि दोनों के बीच अक्सर बातें हुआ करती थी।
चंडीगढ़, जागरण डिजिटल डेस्क। Sandeep Singh Case Charge Sheet महिला कोच के साथ उत्पीड़न के मामले में हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी ने इस मामले में अदालत में चार्जशीट भी दायर कर दी है। चार्जशीट से कई अहम खुलासे हुए हैं। पता चला है कि संदीप सिंह और पीड़िता के बीच अक्सर बातें हुआ करती थी। दोनों का रिश्ते प्रोफेनशल बातों से परे था। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में ये भी कहा है कि संदीप सिंह आरोपों की जांच में अधिकारियों का सहयोग नहीं कर रहे हैं। चलिए अब आपको इस पूरे केस के बारे में सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं।
कब लगे उत्पीड़न के आरोप?
संदीप सिंह पर महिला कोच ने पिछले साल 26 दिसंबर को उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। उस समय संदीप सिंह हरियाणा के खेल मंत्री थे। आरोप लगने के बाद जब दबाव बढ़ा तो उन्होंने खेल विभाग मुख्यमंत्री को सौंप दिया था। हालांकि, मंत्री पद से उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है।
चलिए अब वापस केस पर लौटते हैं। पीड़िता ने संदीप सिंह पर यौन उत्पीड़न (Allegations On Sandeep Singh) सहित कई गंभीर आरोप लगाए। पीड़िता ने चंडीगढ़ पुलिस में इसकी शिकायत दी। पुलिस ने जांच के बाद 31 दिसंबर को संदीप सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 342, 354, 354ए, 354बी, 506 के तहत केस दर्ज किया था। हालांकि, संदीप सिंह ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
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जब आरोप लगे तो क्या बोले थे संदीप सिंह?
मेरी छवि को खराब करने के लिए माहौल तैयार किया गया है। खेल विभाग की जूनियर कोस ने मुझपर झूठे आरोप लगाए हैं। मैं चाहता हूं कि उससे अच्छे से जांच हो। मैंने नैतिकता के आधार पर खेल विभाग मुख्यमंत्री को सौंप दिया है। जांच के बाद जब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए तो मुख्यमंत्री अपना फैसला लें।
पुलिस ने आठ महीने बाद दायर की चार्जशीट
चंडीगढ़ पुलिस (Chandigarh Police) ने यौन उत्पीड़न मामले में आठ महीने बाद चार्जशीट दायर कर दी है। चार्जशीट में संदीप सिंह और महिला कोच को लेकर की अहम खुलासे हुए हैं। चार्जशीट से पता चला है कि संदीप सिंह ने पुलिस अधिकारियों के सामने यह बात कबूल की है कि उन्होंने पिछले साल 2 मार्च को इंस्टाग्राम (Instagram) के जरिए और फिर 1 जुलाई को स्नैपचैट (Snapchat) के जरिए पीड़िता से बातचीत की थी। चार्जशीट मुताबिक, संदीप सिंह ने यह भी माना कि उन्होंने पीड़िता को ऑफिस समय बजाय देर शाम को मिलने के बुलाया था। हालांकि, उन्होंने पुलिस को इस बात की वजह नहीं बताई की वो पीड़िता से देर शाम क्यों मिलना चाहते थे।
CFSL की रिपोर्ट में क्या पता चला
चंडीगढ़ पुलिस ने चार्जशीट (Chandigarh Police Charge Sheet) में सीएफएसएल रिपोर्ट का भी हवाला दिया है। सीएफएसएल की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ चैट, वॉयस मैसेज और कॉल रिकॉर्डिंग सामने आई हैं जिससे यह पता चला है कि पीड़िता ने कुछ लोगों को अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी थी।
चैट से यह भी पता चला है कि संदीप सिंह ने पीड़िता को उत्कृष्ट खेल व्यक्ति नीति के आधार पर नियुक्ति में सहायता करने की भी पेशकश की थी। सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि महिला कोच और संदीप सिंह के बीच अक्सर बातें हुआ करती थी। आरोप पत्र में कहा गया है कि दोनों का रिश्ता प्रोफेनशल बातों से परे था। हालांकि, संदीप सिंह ने इन बातों से स्पष्ट रूप से इनकार किया है।
अब संदीप सिंह को गिरफ्तारी का डर?
चार्जशीट दायर होने के बाद संदीप सिंह ने 5 सितंबर को ही चंडीगढ़ जिला अदालत में अग्रिम जमानत याचिका (Sandeep Singh Anticipatory Bail Petition) दायर कर दी थी। याचिका पर एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज (एडीजे) राजीव के. बेरी की अदालत में मंगलवार को सुनवाई हुई। अदालत ने मामले में चंडीगढ़ पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। पुलिस को आरोपित की याचिका पर सुनवाई की अगली तारीख 13 सितंबर को रिप्लाई फाइल करना है। सेक्टर-26 थाना पुलिस की तरफ से जवाब दायर करने के बाद अदालत याचिका पर फैसला लेगी।
संदीप सिंह मामले में सियासत भी जमकर हुई
बीते दिनों हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष ने संदीप सिंह मामले को जोर-शोर से उठाया। विपक्ष ने संदीप सिंह के इस्तीफे की मांग की, जिस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का चेहरा गुस्से से लाल हो गया। कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने शून्यकाल में संदीप सिंह को बर्खास्त करने की मांग की। तभी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने बेंच पर हाथ मारते हुए कहा, "मैंने अच्छी तरह सोच लिया है कि संदीप सिंह का इस्तीफा नहीं लिया जाएगा, नहीं लिया जाएगा...और नहीं लिया जाएगा।" सीएम ने यह भी कहा कि विपक्ष को अपनी हद में रहना चाहिए। यदि वह बोलेंगे तो धज्जियां उड़ा देंगे। गौरतलब है कि चंडीगढ़ कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को है।
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