हॉकी स्टार Sandeep Singh की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, उत्पीड़न मामले में हुए कई बड़े खुलासे
Sandeep Singh Case Update जूनियर कोच उत्पीड़न मामले में संदीप सिंह की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। चंडीगढ़ पुलिस की चार्जशीट में कई अहम खुलासे हुए हैं। पुलिस ने आरोप पत्र में कहा है कि संदीप सिंह आरोपों की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। साथ ही पीड़िता के फोन की जांच से पता चला कि दोनों अक्सर बातें करते थे और उनका रिश्ता प्रोफेशनल बातों से परे था।
चंडीगढ़, एजेंसी। Sandeep Singh News हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह महिला द्वारा लगाए उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे हैं। संदीप सिंह के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट भी दायर कर दी है। चार्जशीट से एक अहम खुलासा हुआ है। पुलिस ने कहा है कि संदीप सिंह आरोपों की जांच में अधिकारियों को सहयोग नहीं कर रहे हैं।
बता दें कि जूनियर महिला कोच (Junior coach harassment case) ने दिसंबर में आरोप लगाया था कि संदीप सिंह ने पिछले साल फरवरी से नवंबर तक सोशल मीडिया पर बार-बार संदेशों के जरिए उसे परेशान किया और उसे गलत तरीके से छुआ भी। हालांकि, संदीप सिंह ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है।
डीएसपी राम गोपाल ने बताया, "एसआईटी ने 25 अगस्त को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। सुनवाई की अगली तारीख 16 नवंबर है। मामला आईपीसी की धारा 322, 354, 354 ए, 354 बी और 506 के तहत दर्ज किया गया है।"
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संदीप सिंह ने पुलिस को दिया बड़ा बयान
आरोप पत्र के अनुसार, संदीप सिंह ने अपने बयान में कहा था कि उन्होंने पीड़िता से पिछले साल 2 मार्च को इंस्टाग्राम के जरिए और फिर 1 जुलाई को स्नैपचैट के जरिए बातचीत की थी। साथ ही कहा था कि वह उनसे ऑफिस के समय नहीं बल्कि निजी तौर पर मिलना चाहते हैं। हालांकि, संदीप सिंह ने अधिकारियों को यह नहीं बताया कि उन्होंने पीड़िता को अपने ऑफिस के समय की बजाय देर शाम मिलने को क्यों बुलाया था।
'संदीप सिंह विश्वास जीतना चाहते थे'
पीड़िता के अनुसार, खेल विभाग में जूनियर कोच के रूप में उनकी नियुक्ति को कुछ ज्यादा समय नहीं हुआ था। जबकि संदीप सिंह उनका विश्वास जीतना चाहते थे। पीड़िता की संदीप से हुई चैट के मुताबिक वह काफी परेशान थी। आरोप पत्र के मुताबिक, पीड़िता ने संदीप पर उसके खिलाफ माहौल बनाने का आरोप लगाया था। कुछ गवाहों के बयानों के अनुसार, यह पता चला कि संदीप सिंह विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर पीड़िता को मानसिक रूप से परेशान कर रहे थे।
दोनों के बीच अक्सर होती थी बातें
सीएफएसएल की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ चैट, वॉयस और कॉल रिकॉर्डिंग सामने आई हैं, जिससे पता चला कि पीड़िता ने कुछ लोगों को घटना की जानकारी दी थी। एसआईटी को चैट से यह पता चला कि संदीप सिंह ने हरियाणा सरकार की उत्कृष्ट खेल व्यक्ति (ओएसपी) नीति के अनुसार पीड़िता की नियुक्ति में सहायता करने की पेशकश की थी। पीड़िता के फोन की जांच से पता चला कि दोनों अक्सर बातें करते थे और उनका रिश्ता प्रोफेशनल बातों से परे था। हालांकि, संदीप ने अपने बयानों में इस बात से इनकार किया था।
चंडीगढ़ कोर्ट में 16 सितंबर को सुनवाई
चंडीगढ़ कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को है। आरोप पत्र के अनुसार, पीड़िता दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के अनुसार दिए गए अपने बयानों पर कायम रही। कई गवाहों ने उसके बयान का समर्थन किया है। चंडीगढ़ पुलिस ने संदीप सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 354ए, 354बी, 342 और 506 के तहत एफआईआर दर्ज की और जांच शुरू की।
बता दें कि हरियाणा की खापों ने पहले मांग की थी कि राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार संदीप सिंह को बर्खास्त करे। आरोपों के बीच संदीप सिंह ने 1 जनवरी को कहा था कि उन्होंने जांच लंबित रहने तक खेल विभाग की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को सौंप दी है। उन्होंने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप उनकी छवि खराब करने के लिए हैं।
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