यही नहीं महिला ने मंत्री संदीप सिंह के ऊपर चैट के माध्यम से आपत्तिजनक फोटो भेजने के भी आरोप लगाए हैं। वहीं महिला कोच ने आज अपने ऊपर हमला होने की भी बात कही है। साथ ही उसने कहा कि उस पर पहले भी कई बार हमला किया गया है। महिला कोच ने कहा कि अगर उसे कुछ भी होता है तो उसके जिम्मेदार हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज और
डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर होंगे।
साथ ही महिला कोच ने यह आरोप भी लगाया कि
मुख्यमंत्री और मंत्री संदीप सिंह उसे जान से मरवाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं कुछ लोगों द्वारा हथियार दिखाकर डराने और धमकाने के भी आरोप लगाए।
सरकार के दबाव के बाद भी चंडीगढ़ पुलिस ने लिखा सच
इसपर चंडीगढ पुलिस की जांच की सराहना करते हुए पीड़िता ने कहा कि चंडीगढ़ पुलिस ने सरकार के दबाव के बावजूद भी चार्जशीट में सच लिखा है। पीड़िता ने कहा कि उसने जो भी तथ्य चंडीगढ़ पुलिस के सामने रखे थे उन सभी तथ्यों पर जांच करते हुए और सबूत को जुटाते हुए चंडीगढ़ पुलिस ने पुख्ता रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट में दाखिल की है। तत्कालीन स्पोर्ट्स डायरेक्टर आईपीएस पंकज नैन द्वारा जांच में जो बात सामने रखी गई उसपर पीड़िता ने कहा कि वह संतुष्ट है कि एक अधिकारी ने सच का साथ दिया है।
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चंगुल से भागते वक्त महिला कोच को सिर में लगी थी चोट
काबिले जिक्र है कि चार्जशीट सामने आने पर मंत्री संदीप सिंह का जांच में सहयोग न करने और कई बातें झूठी पाए जाने का हुआ है खुलासा। चार्जशीट में पाया गया कि मंत्री संदीप सिंह के चंगुल से भागते वक्त महिला कोच को सिर में चोट लगी थी।
ऑफिस में नहीं निजी रूप से मिलने बुलाया
पुलिस के मुताबिक संदीप सिंह ने अपने बयान में कहा कि पीड़िता ने इंस्टाग्राम पर दो मार्च 2022 और स्नैपचैट पर एक जुलाई 2022 को मिलने के लिए समय मांगा था। वहीं स्टाफ के मुताबिक मंत्री ने पीड़िता को ऑफिस टाइम में न बुलाकर निजी रूप से मिलने बुलाया था।
मंत्री की कोठी में एक घंटे से ज्यादा समय तक रुकी थी
पुलिस के मुताबिक संदीप सिंह के विरोधाभासी बयान सामने आए। खास बात यह है कि मामले में फंसे हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह के बयान चार्जशीट में मौजूद तथ्यों से मेल नहीं खा रहे। आरोपित मंत्री के मुताबिक, पीड़िता सीन ऑफ क्राइम (मंत्री की कोठी) पर सिर्फ 15 मिनट ही रुकी थी जबकि कैब सेवा देने वाली कंपनी उबर से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़िता मंत्री की कोठी में एक घंटे से ज्यादा समय तक मौजूद रही थी।
मंत्री की कोठी में कमरों की पहचान की
वहीं, पुलिस के साथ क्राइम सीन का दौरा करने पर पीड़िता ने संदीप सिंह के ऑफिस, उसके साथ जुड़े कमरे, बेडरूम और इससे जुड़े रास्ते की भी पहचान की थी। पुलिस के मुताबिक पीड़िता द्वारा दी गई जानकारी से ये साफ है कि पीड़िता पहले भी वहां आई थी।
महिला कोच ने संदीप सिंह की तीन बार शिकायत की थी
जबकि मंत्री संदीप सिंह ने अपने दिए बयानों में केवल इतनी ही बात कबूली थी कि उसकी मुलाकात महिला जूनियर कोच से केवल ऑफिस में हुई थी, बेडरूम या केबिन में नहीं। वहीं, हरियाणा के तत्कालीन खेल निदेशक पंकज नैन के मुताबिक संदीप सिंह पीड़िता में खास दिलचस्पी दिखा रहे थे। उन्होंने बताया कि पीड़िता ने उन्हें संदीप सिंह की तीन बार शिकायत की थी।
अगली सुनवाई 16 सितंबर को
मामले की अगली सुनवाई चंडीगढ़ कोर्ट में 16 सितंबर को है। चार्जशीट के मुताबिक पीड़िता सीआरपीसी की धारा 164 के तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट को दिए अपने बयान पर कायम रही है। कई गवाहों ने पीड़िता के बयान का समर्थन किया। वहीं सीएफएसएल से प्राप्त रिपोर्ट में कुछ चैट, वॉयस और कॉल रिकॉर्डिंग सामने आईं हैं, जिनसे पता चला कि पीड़िता ने घटना की जानकारी कुछ लोगों को दी थी।
महिला कोच का टेबल से टकराया था सिर, आई थी चोट
बता दें कि राज मित्तल नामक व्यक्ति से 16 जुलाई को फोन पर बात के बाद कोच ने सिर पर लगी चोट वाली फोटो भी उसे भेजी थी जिसमें कोच के सिर पर बैंडेज लगी थी। पीड़िता के मुताबिक आरोपित संदीप सिंह से बचने के दौरान उसका सिर टेबल से टकरा गया था, जिससे उसे चोट आई थी।
किया जा रहा था मानसिक शोषण
वहीं, कुछ गवाहों के बयान से निकल कर सामने आया कि मंत्री संदीप सिंह समेत खेल विभाग के अन्य कर्मियों द्वारा पीड़िता का मानसिक शोषण किया जा रहा था। वहीं, खेल विभाग के कर्मियों के बयान व ऑफिस रिकॉर्ड से पता चला कि किसी प्रभाव के चलते पीड़िता की नियुक्ति में देरी हो रही थी और उसका तबादला पंचकूला से झज्जर किया जा रहा था।
स्क्रीनशॉट देख कर चैट होने की बात मानी
चार्जशीट के मुताबिक पीड़िता के मोबाइल के स्क्रीनशॉट संदीप सिंह को दिखाने पर उन्होंने माना था कि उनकी और पीड़िता की स्नैपचैट पर बात हुई थी। वहीं, एफआईआर दर्ज होने से तीन दिन पहले 28 दिसंबर 2022 की एक कॉल रिकॉर्डिंग में भी संदीप सिंह ने माना कि उसमें पीड़िता और उनकी आवाज है।
जूनियर कोच की नियुक्ति में अनुचित देरी की गई
मंत्री के मुताबिक एक जुलाई 2022 को उनके सेक्टर-7 स्थित सरकारी आवास पर एक संतरी के अलावा तीन से चार सुरक्षाकर्मी और तीन से चार किचन स्टाफ/ कुक मौजूद थे। चैट से इस बात की तस्दीक हुई कि संदीप सिंह ने पीड़िता को सरकार की ओएसपी पॉलिसी के तहत नियुक्ति में सहायता करने का ऑफर दिया था। जांच में यह भी पता चला कि जूनियर कोच की नियुक्ति में अनुचित देरी की गई।
नियमित रूप से संपर्क में थे दोनों
सीएफएसएल रिपोर्ट में कोच के मोबाइल फोन की जांच से इंगित होता है कि मंत्री और पीड़िता दोनों आपस में नियमित रूप से संपर्क में थे और उनका रिश्ता प्रोफेशनल बातचीत से ज्यादा था। हालांकि, संदीप सिंह ने इससे इंकार किया था। चार्जशीट में पुलिस ने कहा है कि चैट के स्क्रीनशॉट को लेकर संदीप सिंह ने झूठ बोला, जिससे प्रतीत होता है कि जांच के दौरान ईमानदार नहीं थे।
संदीप सिंह के बयान में दिखा मतभेद
रिप्रेजेंटेशन में संदीप सिंह ने कहा कि वह पहली बार पीड़िता से मार्च-अप्रैल 2022 में ताऊ देवी लाल स्टेडियम में मिले थे जबकि बयान में कहा कि मार्च में वह अपने घर पर पीड़िता से मिले थे। ये भी कहा कि पीड़िता ने उनके पीए से 31 दिसंबर 2021 को बात की थी, मगर बयान में कहा कि इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। संदीप सिंह यह भी नहीं बता पाए कि उन्होंने पीड़िता को मिलने के लिए ऑफिस टाइम छोड़कर देर शाम क्यों बुलाया था।
यौन लाभ पाने के लिए नियुक्ति में मदद का दिया प्रस्ताव
वहीं पीड़िता के कई गवाहों से हुई चैट से सामने आया है कि वह काफी मानसिक तनाव में थी। उसने आरोप लगाया था कि संदीप सिंह ने उसके लिए विपरीत माहौल पैदा कर दिया है। पीड़िता के मुताबिक आरोपित ने उसका विश्वास जीतने के लिए उसकी नियुक्ति में मदद का प्रस्ताव दिया ताकि वह उससे यौन लाभ पा सके। पुलिस ने कहा है कि मामले में एफआईआर दर्ज करने में देरी के पीछे तर्क दिया है कि संबंधित घटनाक्रम और पुलिस शिकायत देने में छह महीने का अंतराल था।
इन धाराओं के तहत मामला दर्ज
बता दें कि पुलिस ने मामले में संदीप सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 342, 354, 354 ए, 354 बी, 506 और 509 के तहत मामला दर्ज किया था।
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