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Mining in Aravalli : अवैध खनन के खिलाफ लचर कार्रवाई से कमजोर हो गया सख्त कानून

Mining in Aravalli अरावली में अवैध खनन पर रोक में लचर कार्रवाई सबसे बड़ी बाधा बना हुआ है। अवैध खनन के खिलाफ सख्त कानून लचर कार्रवाई के कारण ये कमजोर नजर आते हैंं। अवैध खनन के लिए पांच लाख जुर्माना और चार साल की जेल का प्रविधान है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Mon, 01 Aug 2022 09:31 AM (IST)
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अरावली क्षेत्र में अवैध खनन पर कार्रवाई में ढ़िलाई हो रही है। (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। Illegal Mining in Aravalli:  अरावली में अवैध खननकर्ताओं के खिलाफ लचर कार्रवाई के कारण सख्त कानून भी कमजोर पड़ गया। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार सहित कई राज्यों में अवैध खनन पर पांच लाख रुपये जुर्माने सहित चार साल तक की सजा का प्रविधान है मगर इस कानून के तहत हरियाणा में किसी भी अवैध खनन करनेवालों पर केस दर्ज नहीं किया गया।

पांच लाख जुर्माने और चार साल की सजा के प्रविधान को लेकर नहीं हुए मामले दर्ज

इसका कारण सरकारी तौर पर यह बताया जाता है कि अवैध खनन के लिए मौके पर जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में सिर्फ डंपर या ट्रक का चालक ही पकड़ा जाता है। इससे ट्रक चालक पर ही मामला दर्ज किया जाता है।पर्यावरणविद चेतन अग्रवाल कहते हैं कि यदि ट्रक चालक से कड़ी पूछताछ की जाए तो वह बता देगा कि खनन किसके कहने पर हो रहा है। राज्य में 14 हजार से अधिक अवैध खनन के मामले दर्ज हुए हैं। इनकी दोबारा से जांच की जाए तो यह पता चल जाएगा कि नियोजित रूप में अवैध खनन का संरक्षक कौन है।

शासन की तरफ से खनन कार्य की अनुमति के दिखाए जाते रहे सब्जबाग

अवैध खनन के खिलाफ सरकार की कार्रवाई सतही होती रही। इसके साथ ही सरकार ही नहीं राजनीतिक दलों की तरफ से अरावली में खनन कार्य की अनुमति के सब्जबाग दिखाए जाते रहे। इससे अवैध खननकर्ताओं के हौसले बुलंद रहे। 2009 के विधानसभा चुनाव में एक राष्ट्रीय दल ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में अरावली में खनन की अनुमति देने का वायदा किया था।

यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन था। सरकार की तरफ से 2100 हेक्टेयर में खनन खोलने की अनुमति सुप्रीम कोर्ट से मांगी भी गई मगर सुप्रीम कोर्ट ने कभी इसकी अनुमति नहीं दी। मौजूदा सरकार ने अभी भी खनन कार्य खोलने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई हुई है।

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अरावली के संरक्षण के साथ खनन की अनुमति पर पर्यावरणविदों के सुझाव - 

  • - खनन के लिए जो क्षेत्र तय किए गए हैं, उनमें तार फेंसिंग की जाए। इन क्षेत्रों तक पहुंचने वाले रास्तों को बंद किया जाए ताकि अवैध खननकर्ता वहां तक पहुंच नहीं पाएं।
  • - अवैध खनन कर्ताओं के वाहन जब्त किए जाएं और कानूनी कार्रवाई खननकर्ता के रूप में सिर्फ वाहन के चालक तक सीमित नहीं रहे।
  • - अवैध खननकर्ताओं पर बने पहले के मामलों की जांच दोबारा से कराई जाए ताकि उन्हें सजा मिल सके।
  • - अवैध खनन से घायल अरावली के पुनर्वास की योजना बनाई जानी चाहिए।
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