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गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित हरियाणा के गांवों में उद्योग लगाओ, 20 लाख रुपये तक सब्सिडी देगी सरकार

हरियाणा सरकार ने पिछड़े क्षेत्रों में उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए ग्रामीण औद्योगिक विकास योजना लांच की है। राज्य के ‘बी’ ‘सी’ व ‘डी’ श्रेणी के खंडों में लोन पर आठ लाख रुपये तक का ब्याज माफ रहेगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Sat, 31 Jul 2021 09:20 AM (IST)
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हरियाणा के गांवों में उद्योग लगाने पर मिलेगी सब्सिडी। सांकेतिक फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। ग्रामीण क्षेत्रों में स्टार्ट-अप के लिए तैयार युवा उद्यमियों को अच्छा मौका मिला है। प्रदेश सरकार ने ‘बी’, ‘सी’ व ‘डी’ श्रेणी के खंडों में पड़ते ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण औद्योगिक विकास योजना अधिसूचित की है। इसके तहत नए सूक्ष्म उद्यमों को पूंजीगत सहायता एवं किफायती ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शुक्रवार को नई नीति की खूबियां गिनाते हुए कहा कि हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति-2020 के तहत एमएसएमई क्षेत्र के लिए लाभ प्रदान करने के लिए अनुमोदन पत्र 45 दिन, स्वीकृति पत्र सात दिन और लाभ संवितरण सात दिन के भीतर जारी कर दिया जाएगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य श्रेणी के उद्यमियों को प्लांट व मशीनरी और भवन पर किए गए निवेश पर 15 फीसद सब्सिडी या अधिकतम 20 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। महिलाओं और अनुसूचित जाति के उद्यमियों को अधिकतम 25 लाख रुपये की पूंजीगत सहायता दी जाएगी। डीजल जनरेटर सेट के लिए 50 फीसद सब्सिडी दी जाएगी जो अधिकतम आठ हजार रुपये प्रति किलोवाट निर्धारित की गई है। सावधि ऋण पर सात वर्षों के लिए सात प्रतिशत या अधिकतम आठ लाख रुपये सालाना ब्याज सब्सिडी दी जाएगी।

इस साल पहली जनवरी से प्रभावी माने जाने वाली योजना पांच साल तक लागू रहेगी। योजना का लाभ लेने के लिए पोर्टल पर उद्यम पंजीकरण प्रमाणपत्र और हरियाणा उद्यम ज्ञापन दाखिल करना होगा। पूंजीगत सब्सिडी के लिए पांच साल तक नियमित उत्पादन होना चाहिए। संयुक्त निदेशक या उप निदेशक, जिला एमएसएमई केंद्र औद्योगिक इकाई का वार्षिक निरीक्षण करेंगे। जिस औद्योगिक इकाई ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत सब्सिडी ले रखी है, वह डीजल जनरेटर सेट सब्सिडी को छोड़कर किसी भी अन्य लाभ की हकदार नहीं होगी।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि योजना का लाभ लेने के लिए उद्यमों को सूचीबद्ध दस्तावेजों के साथ निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन एमएसएमई विभाग के निदेशक या महानिदेशक के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। निदेशक और महानिदेशक दस लाख रुपये से अधिक और अतिरिक्त निदेशक दस लाख रुपये तक की सब्सिडी की मंजूरी के लिए सक्षम प्राधिकारी होंगे।

गलत सब्सिडी ली तो चक्रवृदि्ध ब्याज के साथ होगी रिकवरी

यदि गलत तथ्यों के आधार पर सब्सिडी ली गई तो उद्यमियों को 12 फीसद प्रति वर्ष की चक्रवृद्धि ब्याज दर के साथ सहायता वापस करनी होगी। साथ ही कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा। ऐसे उद्यमी को प्रदेश सरकार की सभी प्रोत्साहनों व सहायता योजनाओं से वंचित कर दिया जाएगा। भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूली की जाएगी। तथ्य एवं आंकड़े बेमेल होने के कारण आवेदक को सार्वजनिक खरीद से भी वंचित कर दिया जाएगा।

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