कष्टों से मुक्ति पाने का स्थान है दिल्ली स्थित श्री शनिधाम, हजारों की संख्या में दर्शन को आते हैं भक्त; ये है मान्यता
ऐसी मानता है कि दिल्ली में स्थित श्री शनिधाम में 21 शनिवार परिक्रमा करने भर से सभी मनाकामनाएं पूरी होती हैं। इसकी स्थापना दाती जी महाराज द्वारा दी गई है। इस शनिधाम में आने वाले लोगों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। दाती महाराज कहते हैं कि शनि शत्रु नहीं मित्र हैं। श्री शनिदेव की पूजा-अर्चना तेलाभिषेक करने के बाद मूर्ति को गले लगाकर चूमा जाता है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। दिल्ली में स्थित श्री शनिदेव का पावनधाम श्री शनिधाम (Shri Shanidham), जहां 21 शनिवार परिक्रमा करने से ही मनोकामना पूर्ति हो जाती हैं। श्री सिद्ध शक्ति पीठ शनिधाम की स्थापना श्रीश्री 1008 अनंत विभूषित श्री शनिधाम पीठाधीश्वेर महामंडलेश्वर स्वामी निजस्वरूपानन्दपुरी जी महाराज (दाती जी महाराज) द्वारा की गयी है। इस धाम को स्थापित करने के पीछे दाती जी का जो उद्देश्य था, वो था जनसाधारण के मन में श्री शनिदेव के प्रति व्याप्त भय को दूर करना।
दाती महाराज ने लोगों को श्री शनिदेव से जोड़ने की दिशा में किया प्रयास
क्योंकि उन्हें ये महसूस हुआ कि वास्तम में जो चराचर विश्च को भय से मुक्ति देते हैं लोग उन्हीं से सबसे ज्यादा भयभीत हैं। इसलिए इस शनिधाम के रूप में श्री शनिदेव को लोगों के बीच लाकर उन्होंने लोगों को श्री शनिदेव से जोड़ने की दिशा में एक प्रयास किया ताकि श्री शनिदेव को लेकर लोगों के मन में जो धारणाएं, जो मिथ बस चुके हैं, वो बाहर निकल सकें और खुशी की बात है कि दाती जी का ये ध्येय आज बहुत हद तक पूरा हो चुका है।
शनिदेव कर्म के दाता के साथ भाग्य विधाता-दाती महाराज
इस बात को सिद्ध करती है इस शनिधाम में आने वाले लोगों की संख्या, जो दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। पिछले 40 वर्षो से पूज्य गुरुदेव का एक ही संदेश है : शनि शत्रु नहीं मित्र है। शनि भाग्य विधाता है। शनिदेव कर्म के दाता हैं। शनिदेव धर्म के दाता हैं। शनि शत्रु नहीं, मित्र हैं। आपको श्री शनिदेव से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं, काले रंग से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं। भयभीत होना है तो अपने काले कर्मो से भयभीत होइये। अपने स्वार्थ से भयभीत होइये क्योंकि श्री शनिदेव तो हमेशा सेवा में बसते हैं।फिर चाहे वो गरीबों की सेवा हो या गायों की सेवा या बुजुर्गों की सेवा हो। जो व्यक्ति अपने माता पिता की सेवा, धर्मानुकुल आचरण और राष्ट्र से प्रेम करता है उसे तो भगवान शनिदेव कभी कष्ट दे ही नहीं सकते। लेकिन ये सब बात लोगों तक पहुचाने के लिए एक प्लेटफार्म चाहिए और उसी प्लेटफार्म का नाम है भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित श्री शनिधाम। जहां श्री शनिदेव के रूप में दुनिया की सबसे बड़ी, अष्टधातु से बनी मूर्ति इस धाम के शिखर पर स्थापित है।
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श्री शनिदेव इस शनिधाम के मुख्य देवता
इस मूर्ति की स्थापना 31 मई 2003 में सौ करोड़ बत्तीस लाख शनि मंत्रों के जाप के उपरांत दाती जी महाराज (Daati Ji Maharaj) के सानिध्य में श्री श्री 1008 अनंत श्री विभूषित जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी माधवश्रम जी महाराज के करकमलों द्वारा की गई थी। श्री शनिदेव इस शनिधाम के मुख्य देवता हैं। श्री शनिदेव के अलावा धाम में अन्य देवताओं जैसे हनुमान जी, देवी जगदम्बा, माँ काली, नवग्रह, द्वादश ज्योतिर्लिंग, भैरों बाबा और अन्य देवता के मंदिर भी हैं।
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