Chandigarh: जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा में SIT से जवाब तलब, HC ने एसआईटी प्रमुख से पूछा कि जांच पूरी हुई या नहीं
जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मुरथल में सामूहिक दुष्कर्म और राज्य में हिंसा मामले में SIT से जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट ने एसआईटी प्रमुख आईजी ढिल्लो से पूछा कि जांच पूरी हुई या नहीं। लगभग चार साल से मामले में ठोस सुनवाई नहीं हो रही थी। जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई तोड़फोड़ और आगजनी मामले में दिसंबर 2018 तक इन केस का ट्रायल पूरा करने के आदेश थे।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के चलते मुरथल में सामूहिक दुष्कर्म और राज्य में हिंसा मामले में हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए गठित आईजी अमिताभ ढिल्लों ने हाई कोर्ट ने पूछा कि वह अगली सुनवाई पर यह बताएं कि क्या मामले की जांच पूरी हो चुकी या अभी चल रही है।
हाई कोर्ट की जस्टिस रितु बाहरी व जस्टिस निधि गुप्ता पर आधारित बेंच ने कोर्ट मित्र को भी प्राथमिकी/रद्दीकरण रिपोर्ट की जांच कर जहां अपराध प्रकृति में छोटे हैं, उस पर कोर्ट को जानकारी देने को कहा। इसी के साथ कोर्ट ने मामले की सुनवाई आठ फरवरी तक स्थगित कर दी। इस मामले में लगभग चार साल से कोई ठोस सुनवाई नहीं हो पा रही थी।
हाई कोर्ट ने SIT प्रमुख आईजी ढिल्लो से पूछा कि जांच पूरी हुई या नहीं
पिछले दिनों हरियाणा सरकार जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान जाट नेताओं पर दर्ज मामले वापस लेने पर विचार कर रही थी और संभावना था कि इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार अर्जी दायर कर कोर्ट से इस बाबत इजाजत लेगी।इस मामले में फरवरी 2019 में हुई सुनवाई पर हाई कोर्ट ने जांच पर सवाल उठाते हएु कहा था कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी मामले में दिसंबर 2018 तक इन केस का ट्रायल पूरा करने के आदेश दिए थे।
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