दिसबंर अंत तक सभी राजकीय मॉडल विद्यालयों में बनेंगे स्मार्ट क्लास रूम, हरियाणा सरकार का एलान;अभी तक इतने बन चुके
Haryana News शनिवार को मनोहर लाल सरकार ने एलान किया कि हरियाणा में दिसबंर अंत तक सभी राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम बना दिए जाएंगे। अभी तक इन स्कूलों के 7400 क्लास रूम में से 4035 स्मार्ट क्लास रूम बन चुके हैं। इन विद्यालयों में तीन लाख से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: Monu Kumar JhaUpdated: Sun, 15 Oct 2023 09:21 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, पंचकूला। Haryana News: हरियाणा में दिसबंर अंत तक सभी राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम बना दिए जाएंगे। अभी तक इन स्कूलों के 7400 क्लास रूम में से 4035 स्मार्ट क्लास रूम बन चुके हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal) ने शनिवार को आडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालयों (Government Model Culture Primary Schools) में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों से संवाद में यह बात कही।
उन्होंने बताया कि इन विद्यालयों में शिक्षण के लिए नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। दीवारों पर शिक्षण सामग्री पेंट करवाकर शैक्षणिक वातावरण बनाया गया है। एक तरह से पूरे स्कूल भवन को ही सहायक सामग्री में बदल दिया गया है। नई शिक्षा नीति के तहत हम प्रदेश में ऐसे शिक्षण संस्थान तैयार कर रहे हैं, जिनमें केजी से पीजी कक्षा तक की शिक्षा प्रदान की जाएगी।
चार विश्वविद्यालयों भगत फूल सिंह कन्या विवि खानपुर कलां, कुरुक्षेत्र विवि कुरुक्षेत्र, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विवि हिसार और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक में केजी से पीजी स्कीम के तहत दाखिले किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब परिवारों के बच्चों को प्राथमिक स्तर से ही उच्चकोटि की शिक्षा प्रदान करने के लिए 2017 में राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालय खोलने की प्रक्रिया शुरू की थी।
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उन्होंने कहा कि पहले चरण में सभी 119 खंडों में एक राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालय (बैग फ्री स्कूल) खोला गया था। आज इनकी संख्या बढ़कर 1419 हो गई है। इन विद्यालयों में तीन लाख से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
जिन विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय एक लाख 80 हजार रुपये तक है, उनके लिए मॉडल संस्कृति स्कूलों में शिक्षा निशुल्क है। इन विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे 65 प्रतिशत विद्यार्थी गरीब परिवारों के हैं। इन विद्यालयों में पहली से दूसरी कक्षा के बच्चों पर पढ़ाई के दबाव को कम करने के लिए उन्हें कोई होम वर्क नहीं दिया जाता।
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