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Haryana Politics: किरण चौधरी के जाने के बाद हुड्डा के विरुद्ध SRK गुट होगा कमजोर, भाजपा के लिए क्‍या हैं संकेत?

हरियाणा कांग्रेस की वरिष्‍ठ नेता किरण चौधरी (Kiran Choudhary) ने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया है। बुधवार को वह अपनी बेटी श्रुति चौधरी (Shruti Choudhary) के साथ भाजपा में शामिल होने जा रही हैं। किरण चौधरी के कांग्रेस पार्टी से जाने के बाद एसआरके ग्रुप हुड्डा के विरुद्ध कमजोर होता दिखाई दे रहा है। वहीं भाजपा को इसका फायदा मिल सकता है।

By Anurag Aggarwa Edited By: Himani Sharma Updated: Tue, 18 Jun 2024 10:32 PM (IST)
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किरण चौधरी के इस्‍तीफे के बाद कमजोर हुआ एसआरके ग्रुप
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा में कांग्रेस विधायक दल की नेता रह चुकी किरण चौधरी (Kiran Choudhary) के कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के कई राजनीतिक मायने हैं। किरण चौधरी (Kiran Choudhary Resigns Congress) के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने की घटना को सामान्य राजनीतिक घटनाक्रम नहीं माना जा सकता।

उनके भाजपा में जाने से हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupendra Singh Hooda) के समानांतर काम कर रहे एसआरके (सैलजा-रणदीप-किरण) गुट की गतिविधियां कमजोर पड़ेंगी। अब एसआरके गुट के नाम के पीछे से (के-किरण) तो हट जाएगा, लेकिन बीरेंद्र सिंह के एसआरके गुट में शामिल होने से इसका नया नाम एसआरबी (बी-यानी बीरेंद्र) पड़ सकता है।

राजनीतिक गलियारों में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को लेकर चर्चाएं तेज

कांग्रेस नेत्री किरण चौधरी के भाजपा में जाने के बाद प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। हुड्डा समर्थक किरण चौधरी के कांग्रेस छोड़ने को उनकी सफलता के रूप में देख रहे हैं।

किरण चौधरी समेत एसआरके गुट के तमाम प्रयासों के बावजूद हुड्डा ने किरण की बेटी श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंद्रगढ़ से लोकसभा का टिकट नहीं लेने दिया था। हुड्डा ने भिवानी में अपने चहेते विधायक राव दान सिंह को टिकट दिलाया। भले ही राव दान सिंह चुनाव हार गए, लेकिन श्रुति चौधरी का टिकट कटवाकर हुड्डा यह संदेश देने में कामयाब रहे थे कि हरियाणा में वे जो चाहेंगे, वही होगा।

हुड्डा पर लग रहे आरोप

राजनीतिक गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि आखिर हुड्डा अपने समानांतर नेताओं को राज्य में क्यों उभरने नहीं दे रहे हैं। इसे हुड्डा की कांग्रेस हाईकमान में मजबूत पकड़ के साथ-साथ लोकसभा चुनाव में चार सीटें जीतवाने की सफलता से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पूर्व में हुड्डा से नाराज होकर राव इंद्रजीत सिंह, बीरेंद्र सिंह और कुलदीप बिश्नोई सरीखे नेता भाजपा में शामिल होकर राजनीतिक के मुकाम हासिल कर चुके हैं।

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बीरेंद्र सिंह स्वयं केंद्रीय मंत्री बने और अपने बेटे बृजेंद्र सिंह को हिसार से सांसद बनवाया। राव इंद्रजीत भाजपा की राजनीति में पूरी तरह से रच-बस चुके हैं और तीसरी बार केंद्रीय मंत्री बने हैं। बीरेंद्र हालांकि वापस कांग्रेस में लौट आए, लेकिन हुड्डा ने उनके बेटे बृजेंद्र सिंह को भी हिसार से लोकसभा का टिकट नहीं लेने दिया है। हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके डा. अशोक तंवर भी हुड्डा से टकराव के चलते कांग्रेस छोड़ने को मजबूर हुए थे, जो अब भाजपा की राजनीति कर रहे हैं।

एक ही पार्टी में हरियाणा की राजनीति के चारों लाल

कांग्रेस में रहते हुए कुलदीप बिश्नोई की कभी हुड्डा से नहीं बनी। कुलदीप भाजपा में गए और अपने बेटे भव्य बिश्नोई को विधायक बनवा लिया। अब किरण चौधरी के राजनीतिक भविष्य के संवरने के दिन बताए जा रहे हैं। प्रदेश की राजनीति में यह भी चर्चा है कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल राज्य के ऐसे चौथे लाल बन गए, जिनके नेतृत्व में देश की राजनीति के प्रमुख घरानों देवीलाल, भजनलाल और बंसीलाल की अगली पीढ़ियां काम करने लगी हैं।

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इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम में किरण चौधरी के समर्थक अब उस दौर को भी याद कर रहे हैं, जिसमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा जब प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने अपने मंत्रिमंडल से किरण चौधरी को हटा दिया था, मगर किरण चौधरी कांग्रेस के दिल्ली दरबार में अपनी मजबूत पकड़ के चलते अपना मंत्री पद तुरंत वापस ले आई थी।

समय आने पर कई खुलासे करूंगी: किरण चौधरी

मैंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। हरियाणा के जनक चौधरी बंसीलाल जी के संस्कारों व विचारधारा को हरियाणा में प्रसारित करना और क्षेत्र एवं प्रदेश का ईमानदारी से विकास करना मेरी हमेशा प्राथमिकता रहेगी। मैं समय आने पर बहुत कुछ खुलासे करूंगी और साथ ही प्रदेश की जनता को बताऊंगी की आखिर क्या कुछ हो रहा था। -किरण चौधरी, कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद

किरण चौधरी के नहीं, अनिल विज के बयान देखो: हुड्डा

हमारी पार्टी में किसी तरह की कोई गुटबाजी नहीं है। सब अपना-अपना काम कर रहे हैं। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनेगी। गुटबाजी तो भाजपा में है। आपको किरण चौधरी के बयान दिखाई दे रहे हैं, लेकिन भाजपा में रहते हुए अनिल विज जिस तरह से बयानबाजी करते हैं, वह क्यों दिखाई नहीं देते। -भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री, हरियाणा

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