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एसवाईएल नहर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को लगाई फटकार, सीएम मनोहर बोले- सर्वोच्च न्यायालय का धन्यवाद

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार एसवाईएल नहर विवाद मामले को सुलझाने की दिशा में काम करे। सरकार को इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं करनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि एसवाईएल नहर विवाद मामले में कोई सख्त आदेश जारी करने पर मजबूर न करें।

By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Wed, 04 Oct 2023 10:21 PM (IST)
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एसवाईएल नहर विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को लगाई फटकार

ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। सतलुज यमुना लिंक यानी एसवाईएल नहर विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि इस विवाद को सुलझाने की दिशा में काम करना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि एसवाईएल नहर विवाद मामले में कोई सख्त आदेश जारी करने पर मजबूर न करें।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र से कहा कि वह पंजाब में सतलज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के निर्माण के लिए जमीन का सर्वेक्षण कराए ताकि पता चल सके कि कितना काम हुआ है और शीर्ष अदालत ने पंजाब सरकार से सर्वेक्षण में केंद्र सरकार का सहयोग करने को कहा है।

एसवाईएल हरियाणा की जीवन रेखा- सीएम मनोहर

वहीं, सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंजाब सरकार को दिए गए आदेश पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने धन्यवाद दिया है और बोले कि एसवाईएल हरियाणा की जीवन रेखा और इस पर हरियाणावासियों का पूरा हक है। मुझे आशा है कि पंजाब सरकार माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अविलंब अमल करेगी।

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केंद्र सरकार से किया आग्रह

आगे ट्विटर पर लिखा कि केंद्र सरकार से भी हमारा आग्रह है कि सतलज-यमुना लिंक (एसवाईएल) के सर्वे का कार्य बिना देरी के पूर्ण करवा कर हरियाणा को वर्षों से लंबित हक दिलाने का काम करें। मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि पंजाब अपने क्षेत्र में एसवाईएल नहर का निर्माण कार्य पूरा न करके हरियाणा के हिस्से के लगभग 1.9 एमएएफ जल का उपयोग कर रहा है।

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उल्लेखनीय है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2002 में हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाया था और पंजाब एसवाइएल कनाल को एक साल के अंदर बनाने का आदेश दिया था। वहीं, वर्ष 2004 में पांच नदियों वाले पंजाब की याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने फैसले को कायम रखा और याचिका खारिज कर दी। इसके बाद पंजाब ने कानून पास करके हरियाणा के साथ एसवाइएल नगर परियोजना के समझौते को रद कर दिया था।

मुख्यमंत्री ने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने पर नीरज चोपड़ा को दी बधाई

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा को एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर से देश और प्रदेश का नाम रोशन किया है। उनकी इस उपलब्धि पर पूरे देश को उन पर गर्व है।

चीन में चल रहे एशियाई खेलों में नीरज चोपड़ा ने 88.88 मीटर का भाला फेंक स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। इसी स्पर्धा में रजत पदक भी भारत के किशोर कुमार जैना ने जीता। नीरज चोपड़ा इससे पहले पिछली बार भी एशियाई खेलों के गोल्ड मेडल विजेता हैं।

नीरज चोपड़ा और उनके पूरे परिवार को बधाई दी

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नीरज चोपड़ा और उनके पूरे परिवार को बधाई देते हुए कहा कि हरियाणा के इस लाल ने एक बार फिर न केवल हरियाणा, बल्कि पूरे भारत का परचम विश्व स्तर पर लहराया है। उन्होंने नीरज को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए सुखद भविष्य की कामना की है।

एसवाईएल के पानी पर हरियाणा का मानवीय हक: धनखड़

हरियाणा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के बीच एसवाईएल के जल बंटवारे को और लंबा न खींचकर हरियाणा के कानूनी हक का सम्मान करते हुए और मानवीय आधार को ध्यान में रखकर पानी देने की व्यवस्था करनी चाहिए। पंजाब गुरुओं की भूमि है, गुरुओं की भूमि पर इंसानियत और मानवता को सर्वोपरि माना जाता रहा है।

सर्वोच्च अदालत के निर्णय पर अमल करना चाहिए

माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी एक बार फिर पंजाब सरकार को एसवाईएल से हरियाणा के हक का पानी देने के लिए पंजाब सरकार को निर्देशित किया है। साथ ही सर्वे कार्य में सहयोग करने के लिए कहा है। लोकतंत्र में कानून से शासन व्यवस्था चलती है और आप पार्टी की भगवत मान की सरकार को तत्काल सकारात्मक सोच के साथ माननीय सर्वोच्च अदालत के निर्णय पर अमल करना चाहिए।

जारी बयान में धनखड़ ने कहा कि एसवाईएल से हमारे कानूनी हक का पंजाब लगभग 19 लाख एकड़ फुट पानी दशकों से नहीं दे रहा है। जिससे हरियाणा में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की कमी हो रही है। देश की राजधानी दिल्ली को 1050 क्यूसिक और हरियाणा को दो हजार क्यूसिक पानी प्रतिदिन पेयजल की पूर्ति के लिए चाहिए।

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