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भुगतान में बिचौलियों का सिस्‍टम खत्‍म, किसान सुविधा अनुसार उतार रहे कर्ज; खातों में सीधे पहुंच रहे इतने रुपये

दूसरे राज्‍यों के लिए हरियाणा की किसानों की भुगतान प्रणाली उदाहरण बन गई है। हरियाणा में अब बिचौलियों का स‍िस्‍टम खत्‍म हो गया है। फसल खरीद के सिर्फ छह सीजन की बात करें तो राज्य सरकार ने करीब 76 हजार करोड़ रुपये की राशि किसानों के खातों में डाली है। पहले यह होता था कि किसानों को आढ़तियों और साहुकारों के माध्यम से अपनी फसल के दाम मिलते थे।

By Anurag AggarwaEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 17 Sep 2023 05:58 PM (IST)
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भुगतान में बिचौलियों का सिस्‍टम खत्‍म, किसान सुविधा अनुसार उतार रहे कर्ज
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो: हरियाणा के विपक्षी दल भले ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार को पोर्टल की सरकार बोल रहे हैं, लेकिन आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि पिछले नौ सालों के भीतर सरकार ने सीधे किसानों के खातों में फसलों का भुगतान कर बिचौलियों का पूरी तरह से सफाया कर दिया है। फसल खरीद के सिर्फ छह सीजन की बात करें तो राज्य सरकार ने करीब 76 हजार करोड़ रुपये की राशि किसानों के खातों में डाली है।

किसानों को नहीं मिल पाते थे फसल के पूरे दाम

पहले यह होता था कि किसानों को आढ़तियों और साहुकारों के माध्यम से अपनी फसल के दाम मिलते थे। शादी-ब्याह और फसल के बीज व खाद के लिए आढ़तियों से अग्रिम राशि प्राप्त करने वाले किसानों को उनकी फसल के पूरे दाम नहीं मिल पाते थे।

काफी राशि उन्हें आढ़ती व साहुकार का ब्याज लौटाने में खर्च करनी पड़ जाती थी। अब किसान अपने कर्ज का भुगतान अपनी सुविधा अनुसार सोच समझकर करता है, ताकि आढ़ती का कर्ज भी उतर जाए और उसके घर में भी फसल की पूरी राशि पहुंचे।

राज्यों के लिए अनुकरणीय उदाहरण

हरियाणा सरकार द्वारा सीधे किसानों के खाते में फसल का भुगतान करने की प्रक्रिया उन राज्यों के लिए अनुकरणीय उदाहरण है, जो अभी तक इस सिस्टम को अपने यहां लागू नहीं कर पाए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस बात से संतुष्ट हैं कि वह पोर्टल के माध्यम से पारदर्शिता लागू करते हुए सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे पात्र व्यक्तियों तक पहुंचा रहे हैं। बीच में सिस्टम को दागदार करने वाले लोग पोर्टल की व्यवस्था से किनारे हो गए और उनकी दुकानें बंद हो गई हैं।

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मुख्यमंत्री को अब इस बात से भी कोई फर्क नहीं पड़ता कि विपक्ष उनकी सरकार को पोर्टल की सरकार कहता है। मनोहर लाल छाती ठोंककर कहते हैं कि हां हम पोर्टल की सरकार हैं और विपक्ष को चुनाव के समय तक इस बात का प्रचार प्रसार करना चाहिए, ताकि लोग समझ सकें कि उन तक बिना बाधा के योजनाओं का लाभ पहुंचाने की प्रक्रिया का विपक्ष कितना विरोध कर रहा है।

कर्ज माफ करने की मांग

प्रदेश में किसानों का कर्ज माफ करने की मांग बहुत समय से उठती रही है, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की दलील है कि एक बार कर्ज माफ करने के बाद वह दोबारा चढ़ जाएगा। सरकार का जोर कर्ज माफ करने की बजाय किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की है, उनकी फसलों का पूरा दाम दिलाने की है, ताकि वह कभी कर्जदार ना बनें। अपनी इस सोच को फलीभूत करने के लिए सरकार किसानों को पीएम सम्मान निधि योजना के तहत उनकी मदद करने में लगी है।

हरियाणा के 19.70 लाख किसानों के खातों में अब तक 13 किस्तों में 4288 करोड़ रुपये पहुंच चुके हैं। कृषि क्षेत्र को लाभदायक सेक्टर बनाने और किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए सरकार किसानों को विभिन्न प्रकार की सब्सिडी और अनुदान राशि दे रही है। किसानों को 72 घंटे के भीतर उनकी फसलों का भुगतान सुनिश्चित कर प्रदेश सरकार ने दूसरे राज्यों के लिए बड़ा उदाहरण पेश किया है।

प्रदेश में 14 फसलें खरीदी जा रही

एमएसपी पर हरियाणा देश का ऐसा राज्य है, जहां न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सबसे अधिक 14 फसलों की खरीद की जा रही है। फसलों की आनलाइन बिक्री के लिए 81 मंडियों को ई नाम पोर्टल से जोड़ा गया है। मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर नौ लाख किसानों ने स्वयं को पंजीकृत कराया है। इसके माध्यम से किसान फसल बेचने के साथ-साथ खाद, बीज, ऋण और कृषि उपकरणों के लिए मिलने वाली आर्थिक सहायता का लाभ घर बैठे उठा रहे हैं।

किसानों को 3928 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि दी गई

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 20 लाख से अधिक किसानों को 7071 करोड़ रुपये बीमा क्लेम के रूप में राज्य सरकार ने दिए हैं। फसलों के खराबे की स्थिति में सरकार द्वारा किसानों को 3928 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि दी गई। 75 से 90 प्रतिशत अनुदान पर किसानों के खेतों में 56 हजार 343 सोलर पंप लगवाए गए हैं। मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत 40 हजार रुपये प्रति एकड़ तक बीमा की सुविधा प्रदान की गई है।

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