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Haryana Budget 2024: हरियाणा को 2027 तक 'पराली मुक्त राज्य' बनाने का लक्ष्य, निवेश बढ़ाने की तैयारी में मनोहर सरकार

हरियाणा विधानसभा (Haryana Assembly) के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने पराली को लेकर सरकार के लक्ष्य को बताया। उन्होंने बताया कि साल 2027 तक पराली जलाने से राज्य को मुक्त करने का लक्ष्य बताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार प्रकृति की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी से निर्वहन कर रही है। इसके साथ ही पराली आधारित परियोजनाओं के क्रियान्वयन में निजी निवेश सरकार बढ़ाएगी।

By Anurag Aggarwa Edited By: Deepak Saxena Updated: Tue, 20 Feb 2024 03:22 PM (IST)
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2027 तक पराली जलाने से मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य (फाइल फोटो)।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने राज्य को पराली के अवशेष जलाने की समस्या से मुक्त करने के लिए 2027 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए राज्य सरकार न केवल किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के प्रति जागरुक करेगी, बल्कि पराली आधारित परियोजनाओं के क्रियान्वयन में निजी निवेश को बढ़ाने की दिशा में अपने कदम आगे बढ़ाएगी।

हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अपने अभिभाषण के दौरान राज्य को पराली के अवशेष जलाने से मुक्ति दिलाने के सरकार के संकल्प को उभारा है। दिल्ली सरकार हर साल पराली के धुएं के लिए हरियाणा और पंजाब को जिम्मेदार ठहराते हुए उस पर हमलावर होती है। हालांकि, पंजाब व दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकारें हैं। ऐसे में सबसे अधिक ठीकरा हरियाणा के किसानों पर फोड़ा जाता है।

2027 तक पराली के अवशेष जलाने से मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य

पिछले साल के आंकड़े गवाह हैं कि हरियाणा के किसानों ने काफी हद तक पराली जलाने की समस्या पर काबू पा लिया है। लेकिन पंजाब को अभी इस दिशा में ठोस प्रयास करने की जरुरत है। इसके बाद भी राज्य सरकार बची हुई समस्या के निस्तारण के लिए गंभीर है। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में जानकारी दी कि आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण को संजोकर रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए सरकार प्रकृति की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी से काम कर रही है।

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पराली आधारित परियोजनाओं के क्रियान्वयन में निजी निवेश बढ़ाएगी सरकार

पराली को किसानों के लिए आय का साधन बनाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए हरियाणा एक्स-सीटू मैनेजमेंट ऑफ पैडी स्ट्रॉ पॉलिसी 2023 अधिसूचित की गई है। यह नीति पराली आधारित परियोजनाओं में निजी निवेश को बढ़ाने के साथ ही किसानों को प्रोत्साहन देकर पराली का उपयोग सुनिश्चित करने पर जोर देगी। इस नीति के तहत साल 2027 तक फसल अवशेष जलाने की समस्या को खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

राज्यपाल ने विधानसभा में जानकारी दी कि किसानों को पराली का उचित मूल्य दिलाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार ने कामन डिटरमाइंड प्राइस देने का निर्णय लिया है। कॉमन डिटरमाइंड प्राइस से आशय यह है कि किसानों को उनकी पराली का मूल्य बाजार की मांग और आपूर्ति के हिसाब से बढ़ाकर दिया जा सकता है, जिसे बाजार मूल्य भी कहा जाता है।

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