Haryana News: हरियाणा के सरकारी स्कूलों में देश भर से ट्रांसफर होकर आ सकेंगे शिक्षक, लागू हुई राष्ट्रीय शिक्षा नीति
हरियाणा सरकार (Haryana Government) ऑनलाइन तबादला नीति को पूरे देश में लागू करेगी इससे राज्य में शिक्षकों की कमी नहीं रहेगी। जीजेयू हिसार और दीनबंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी मुरथल में हिंदी में यूजी लेवल पर इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम शुरू होंगे। साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) के तहत 1415 कलस्टर विद्यालयों में विज्ञान विषय की पढ़ाई पर जोर रहेगा।
By Anurag AggarwaEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Sun, 22 Oct 2023 10:56 PM (IST)
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कोई कमी नहीं रहेगी। प्रदेश सरकार ने राज्य के प्रत्येक स्कूल में हर छात्र को पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध कराने की कार्ययोजना तैयार की है। शिक्षकों की आनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी को हरियाणा सरकार पूरे देश में लागू करेगी। ऐसा होने के बाद देश भर से शिक्षक हरियाणा में स्थानांतरित होकर आ सकेंगे।
हरियाणा में लागू हुई राष्ट्रीय शिक्षा नीति
देश के बाकी राज्यों से पहले हरियाणा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कर चुकी मनोहर सरकार राज्य की शिक्षा प्रणाली में आमूल-चूल परिवर्तन भी करने जा रही है। 2025 के बाद राज्य में 12वीं क्लास के बाद चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम की शुरुआत होगी। इस पाठ्यक्रम में स्नातक और बीएड की उपाधि समेकित रूप से प्रदान की जाएगी।
इसके बाद सभी डिग्रीधारकों को एचटीईटी (एचटेट) उत्तीर्ण कर लेने के बाद उनकी भर्ती शिक्षक के तौर पर राज्य सरकार के स्कूलों में हो सकेगी। साथ ही जीजेयू हिसार और दीनबंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी मुरथल में हिंदी में यूजी लेवल पर इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।ये भी पढ़ें: Haryana Group D Exam: हरियाणा ग्रुप डी परीक्षा हुई संपन्न, 5.26 लाख ने छोड़ी परीक्षा, धरे गए 25 मुन्ना भाई
केंद्र सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मनोहर सरकार अपने यहां लागू कर चुकी है। वर्ष 2025 तक यह पूरे प्रदेश में लागू हो जाएगी। नई शिक्षा नीति के माध्यम से सरकार प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक विद्यार्थियों के प्रतिभा स्तर को ऊंचा ले जाना है। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत राज्य के चार हजार आंगनबाडी केंद्रों को प्ले-वे स्कूलों में अप्रग्रेड किया गया है।सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में खेल आधारित शिक्षण प्रणाली के साथ ही संवाद आधारित अध्ययन अध्यापन पर सरकार का पूरा फोकस है। वर्ष 2025 तक इन सुविधाओं को प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा।
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