Haryana News: पिछले पांच लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा में होती रही भिड़ंत, आंकड़ों से समझिए प्रदेश की राजनीति
हरियाणा में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हो गए हैं जिनका परिणाम चार जून को आने वाला है। वहीं प्रदेश में साल 1999 से लेकर 2019 तक मुख्य टक्कर कांग्रेस और बीजेपी उम्मीदवारों के बीच होती रही। साल 2004 में कांग्रेस को नौ और भाजपा को एक सीट मिली थी। वहीं साल 2009 में कांग्रेस ने नौ सीटें जीती। हालांकि साल 2014 और 2019 में बीजेपी ने अपनी बढ़त बनाई।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा में साल 1999 से लेकर 2019 तक हुए पिछले पांच लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के मत प्रतिशत में ना केवल उतार-चढ़ाव आता रहा, बल्कि मुख्य मुकाबला कांग्रेस व भाजपा उम्मीदवारों में ही रहा।
साल 1999 के चुनाव में शानदार परफॉरमेंस के बाद भाजपा ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार अपने मत प्रतिशत में बढ़ोतरी की, लेकिन लोकसभा सीटों की संख्या के हिसाब से साल 2004 और 2009 में कांग्रेस ने भाजपा पर शानदार बढ़त बनाए रखी।
साल 2019 में भाजपा ने कांग्रेस के इस चक्र को तोड़ते हुए पिछले सभी रिकार्ड ध्वस्त कर दिए और 10 लोकसभा सीटें जीतते हुए 58.2 प्रतिशत वोट प्राप्त किए। अभी तक प्रदेश में भाजपा का यह रिकार्ड नहीं टूटा है। चार जून को पूरे देश में मतगणना होने वाली है। भाजपा को जहां अपना स्वयं का रिकार्ड टूटने की उम्मीद है, वहीं कांग्रेस को अपने पक्ष में आश्चर्यजनक चुनाव नतीजे आने की आस बंधी हुई है।
पांच लोकसभा चुनाव का परिणाम
इन चुनाव नतीजों से पहले आइए जानते हैं पिछले पांच लोकसभा चुनाव का रिजल्ट और मत प्रतिशत कैसा रहा। सबसे पहले साल 1999 में हुए लोकसभा चुनाव की बात करते हैं, जब राज्य की 10 लोकसभा सीटों पर 63.7 प्रतिशत मतदान हुआ है। उस समय 29.2 प्रतिशत मतों के साथ भाजपा ने पांच लोकसभा सीटें जीती थी और इनेलो ने भी पांच लोकसभा सीटें जीतते हुए 28.7 प्रतिशत मत प्राप्त किए थे।
कांग्रेस हालांकि तब कोई लोकसभा सीट नहीं जीत पाई थी, मगर उसका मत प्रतिशत इन दोनों दलों से ज्यादा था, जिसने 34.9 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। साल 1999 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान सोनीपत लोकसभा सीट से तत्कालीन भाजपा उम्मीदवार किशन सिंह सांगवान ने सबसे अधिक 2 लाख 66 हजार 138 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी, जो कि 40.4 प्रतिशत मत थे। फरीदाबाद से भाजपा के ही रामचंद्र बैंदा ने सबसे कम 34 हजार 248 मतों के अंतर से जीत प्राप्त की थी, जो मात्र 4.5 प्रतिशत थे।
2004 में कांग्रेस ने जीती थीं नौ सीटें
साल 2004 के लोकसभा चुनाव में 65.5 प्रतिशत वोटिंग के बीच कांग्रेस ने नौ लोकसभा सीटें जीती थी और उस समय 42 प्रतिशत मत प्राप्त किए थे, जबकि भाजपा को मात्र एक सीट मिली थी, लेकिन उसके मतों का प्रतिशत 17.2 था।उस समय अंबाला लोकसभा सीट से कांग्रेस की कुमारी सैलजा ने 2 लाख 34 हजार 935 मतों के अंतर से सबसे बड़ी जीत हासिल की थी, जो कि 27.7 प्रतिशत वोट थे। इसी चुनाव में सोनीपत से भाजपा के किशन सिंह सांगवान ने 7569 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी, जो कि सबसे कम थी व जिसका प्रतिशत सिर्फ 1 पर सिमट गया था।
राज्य में उपचुनाव भी हुआ था, जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था और वह राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा रोहतक लोकसभा सीट के उपचुनाव में सांसद चुने गए थे।
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