Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Haryana Election: तो इसलिए राहुल गांधी चाहते थे कांग्रेस-AAP का गठबंधन, हुड्डा ने बिगाड़ दिया 'प्लान'

Haryana Election 2024 हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच विधानसभा चुनाव में गठबंधन की संभावनाएं लगभग खत्म हो चुकी हैं। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और आप के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने पर डटे थे। वहीं कांग्रेस नेतृत्व आप के साथ गठबंधन कर दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में लाभ उठाना चाहता था।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Wed, 11 Sep 2024 03:32 PM (IST)
Hero Image
राहुल गांधी की इच्छा के बावजूद हुड्डा नहीं चाहते थे गठबंधन

सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा में लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने वाली कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के राज्य स्तरीय नेता नहीं चाहते थे कि विधानसभा चुनाव में दोनों दलों का फिर से गठजोड़ हो। दोनों दलों के नेताओं की अपनी-अपनी महत्वाकांक्षाएं इसका बड़ा कारण रही हैं।

AAP ने कांग्रेस के जवाब का नहीं किया इंतजार

कांग्रेस और आप के राष्ट्रीय नेताओं ने ही दोनों दलों के बीच विधानसभा चुनाव में गठबंधन की बातचीत शुरू की थी, लेकिन गठबंधन पर कांग्रेस का कोई स्पष्ट जवाब आने से पहले आम आदमी पार्टी के राज्य स्तरीय नेताओं ने उम्मीदवारों की तीन लिस्ट जारी कर दिए।

राहुल गांधी चाहते थे आप से गठबंधन

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की सोच हरियाणा में आप से गठबंधन कर अगले साल दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका लाभ उठाने की थी। भविष्य की राजनीतिक परिस्थितियों के बारे में कांग्रेस की सोच आम आदमी पार्टी के साथ-साथ समाजवादी पार्टी के साथ भी इसी तरह के रिश्ते बनाए रखने को लेकर है।

आम आदमी पार्टी में राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा, राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) डॉ. संदीप पाठक और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह की रणनीति भी कांग्रेस को सहारा बनाते हुए हरियाणा में पहली बार खाता खोलने की थी।

गठबंधन नहीं चाहते थे प्रदेश के नेता

इसके उलट प्रदेश में कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान, हरियाणा में आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता तथा वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की रणनीति पर डटे रहे।

गठबंधन की संभावनाओं को देखते हुए पहले चरण में सिर्फ 32 प्रत्याशी घोषित करने वाली कांग्रेस इस पर कोई अंतिम निर्णय लेती, इससे पहले ही आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के विरोध में प्रत्याशी उतारकर गठबंधन के सारे रास्ते बंद कर दिए हैं।

दिल्ली में AAP का फायदा उठाना चाहती थी कांग्रेस

कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि अगर हरियाणा में दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन होता तो दिल्ली का रास्ता कांग्रेस के लिए आसान हो जाता, लेकिन भूपेंद्र सिंह हुड्डा को इस समय सिर्फ हरियाणा में सरकार बनाने की चिंता है।

पिछले दो विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी दिल्ली में खाता नहीं खोल सकी है। हरियाणा में जहां कांग्रेस मजबूत है तो वहीं दिल्ली में आप का मजबूत जनाधार है। इसका लाभ उठाने के लिए दोनों पार्टियों के शीर्ष नेताओं में गठबंधन को लेकर कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन सीटों की संख्या को लेकर सहमति नहीं बन सकी।

10 सीटें मांग रही थी आप

आप की तरफ से वार्ता कर रहे राघव चड्ढा पंजाब और दिल्ली के साथ लगती 10 सीट पर अड़े रहे, जबकि दीपक बाबरिया और केसी वेणुगोपाल सिर्फ पांच सीटें देने को तैयार थे। यह भी वह सीटें हैं जिन पर भाजपा मजबूत स्थिति में है।

लोकसभा में साथ लड़ी थी दोनो पार्टियां

लोकसभा चुनाव में आइएनडीआईए गठबंधन के नाते कांग्रेस ने कुरुक्षेत्र सीट आप को दी थी जहां से सुशील गुप्ता को प्रत्याशी बनाया गया। भाजपा के नवीन जिंदल से हार के बावजूद सुशील गुप्ता कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र में शामिल नौ विधानसभा क्षेत्रों में से चार हलकों गुहला चीका, पिहोवा, कलायत और शाहाबाद में बढ़त बनाने में सफल रहे।

आप यह चारों सीटें भी मांग रही थी। सहयोगी पार्टी का सम्मान करते हुए कांग्रेस ने पहली लिस्ट में शाहाबाद को छोड़कर अन्य तीनों सीटों पर कोई प्रत्याशी नहीं उतारा। आप की नजर जींद, गुरुग्राम, फरीदाबाद और पानीपत ग्रामीण विधानसभा सीट पर भी थी, जिस पर कांग्रेस नेता राजी नहीं हुए।

यह भी पढ़ें- Haryana Election: चुनाव से पहले सीएम की गद्दी क्यों छोड़ेंगे नायब सैनी? आज हरियाणा विधानसभा भंग होने पर फैसला

आप बिगाड़ सकती है कांग्रेस का समीकरण

आप के प्रत्याशी कांग्रेस को पहुंचाएंगे नुकसान आप ने विभिन्न विधानसभा सीटों पर ऐसे उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं जो जातिगत व अन्य समीकरणों से कांग्रेस प्रत्याशी को सीधा नुकसान पहुंचाएंगे। इसका फायदा सीधे-सीधे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को होगा। खासकर लोकसभा चुनावों में जिन 33 सीटों पर हार-जीत का अंतर काफी कम रहा था, वहां आप प्रत्याशी कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ सकते हैं।

यह भी पढ़ें- 'उम्मीद करता हूं... टिकट मिल जाएगी', पहले CM की कुर्सी और अब नई डिमांड; BJP के सामने 'राव' बने चुनौती!

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें