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Haryana News: भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने वाले तीन निर्दलीय विधायकों को झटका, राज्यपाल ने पत्र किया खारिज

हरियाणा (Haryana Politics News) में नायब सैनी सरकार से समर्थन लेने वाले तीन निर्दलीय विधायकों द्वारा राज्यपाल को लिखा पत्र अब राजभवन ने खारिज कर दिया है। बता दें तीनों विधायकों ने ई-मेल के जरिए सरकार से अपना समर्थन वापिस लेने की बात कही थी। ऐसे में अब उन सभी को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के सामने व्यक्तिगत तौर पर हाजिरी लगानी होगी। पढ़ें अभी क्या समीकरण हैं।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Wed, 15 May 2024 03:28 PM (IST)
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Haryana News: भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने वाले तीन निर्दलीय विधायकों को लगा झटका। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़।(Haryana Lok Sabha Election 2024 Hindi News) तीन निर्दलीय विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री नायब सैनी (CM Nayab Saini) की सरकार से समर्थन वापस लेने के मामले में पेच फंस गया है। विधायक रणधीर गोलन, धर्मपाल गोंदर और सोमवीर सांगवान ने जिस ई-मेल से समर्थन वापसी का पत्र भेजा है, वह किसी अन्य व्यक्ति की है। लिहाजा राजभवन ने इसकी वैधानिकता पर सवाल उठाते हुए इसे खारिज कर दिया है।

अब तीनों विधायकों को  राज्यपाल के सामने देनी होगी हाजिरी

अब तीनों विधायकों को या तो समर्थन वापसी की पुष्टि के लिए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय (Governor Bandaru Dattatreya) के सामने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा या अपनी आधिकारिक ई-मेल से दोबारा समर्थन वापसी का पत्र भेजना होगा। सूत्रों के मुताबिक विधायकों के बजाय अन्य की ई-मेल आईडी से आए पत्र की सत्यता संदेह के घेरे में थी, इसी कारण स्वीकार नहीं किया गया।

राजभवन में किसी भी निजी व्यक्ति या अन्य पार्टियों की मेल आईडी से भेजे गए ऐसे पत्र पर विचार नहीं किया जाता है। इस पत्र की कानूनी रूप से मान्यता नहीं होने के कारण राजभवन के रिकॉर्ड में अभी भी निर्दलीय विधायक सरकार (Haryana Independent MLA) को समर्थन दे रहे हैं। राजभवन के अधिकारियों के मुताबिक सरकार गठन के समय निर्दलीय विधायकों द्वारा भाजपा (Haryana BJP News) के समर्थन में जो पत्र सौंपा गया था। वह तब तक कायम रहेगा जब तक कि उनसे कोई नया पत्र प्राप्त नहीं हो जाता।

विधानसभा को भी नहीं समर्थन वापसी की अधिकृत सूचना

विधानसभा को भी विधायकों द्वारा समर्थन वापस लेने की कोई अधिकृत सूचना नहीं मिली है। राजभवन को जब ऐसा लेटर प्राप्त हो जाएगा तो इसे विधानसभा को भेज दिया जाएगा। इससे पहले राज्यपाल सुनिश्चित करेंगे कि क्या पत्र प्रामाणिक है और दबाव में तो नहीं दिया गया है। इसके बाद ही सरकार से समर्थन वापस लिया हुआ माना जाएगा। फिलहाल राज्यपाल हरियाणा से बाहर हैं और उनके जल्द ही वापस लौटने की उम्मीद है। इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

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अभी बन और बिगड़ रहे समीकरण

90 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल दो सीटें खाली हैं। शक्ति परीक्षण की नौबत आती है तो सरकार को बहुमत हासिल करने के लिए 88 विधायकों में 45 का समर्थन चाहिए। भाजपा के पास 40 और कांग्रेस (Haryana Congress) के पास 30 विधायक हैं। जजपा के पास 10 तो इनेलो के पास एक विधायक हैं। छह निर्दलीय विधायक हैं और हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) के पास एक सीट है।

भाजपा के पास वर्तमान में दो निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ हलोपा के विधायक का समर्थन है। इस तरह भाजपा के पास कुल 43 सीटें हैं, यानी बहुमत से दो कम। तीन निर्दलीयों के समर्थन से कांग्रेस के पास 33 विधायक हैं। यानी बहुमत से 12 कम।

फ्लोर टेस्ट होता है तो जजपा के कुछ विधायक इस्तीफा दे सकते हैं, जिससे मुख्यमंत्री सैनी को बहुमत हासिल करने में दिक्कत नहीं होगी। संभावना यह भी है कि जजपा के बागी विधायक सरकार के समर्थन में मतदान कर दें। हालांकि इससे उनकी विधानसभा सदस्यता जा सकती है, लेकिन सरकार पर खतरा टल जाएगा।

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