Haryana Election 2024: एक कैबिनेट मंत्री समेत कई विधायकों के टिकटों पर संकट, इस चुनाव में क्या है BJP का प्लान?
हरियाणा में एक अक्टूबर को विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election) होगा। चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों में उम्मीदवारों को लेकर माथापच्ची चल रहा है। भारतीय जनता पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए पूरी जोर लगा रही है। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा हो सकती है। कयास लगाया जा रहा है कि कुछ मंत्रियों के टिकट काटे जा सकते हैं।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा भाजपा की प्रदेश चुनाव समिति और छोटी टोली की बैठकों के बाद टिकट के दावेदारों के पैनल केंद्रीय चुनाव समिति के पास भेज दिए गए हैं। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की 27 और 28 अगस्त को होने वाली बैठक में हरियाणा के पैनल में शामिल दावेदारों के नामों पर चर्चा हो सकती है।
कुछ मंत्रियों के काटे जा सकते हैं टिकट
प्रदेश चुनाव समिति ने वैसे तो राज्य की भाजपा सरकार के सभी मंत्रियों, केंद्रीय नेताओं, राज्य मंत्रियों, सांसदों और पूर्व सांसदों को चुनाव लड़ने को तैयार रहने के संकेत दिए हैं, लेकिन जातीय समीकरण और ग्राउंड पर हुए सर्वे के आधार पर कुछ मंत्रियों के टिकट काटे जा सकते हैं। दिग्गजों के चुनाव लड़ने पर फैसला पार्टी हाईकमान पर छोड़ा गया है।
एमपी-राजस्थान की तर्ज पर हरियाणा में लड़ना चाहती है बीजेपी
मध्यप्रदेश और राजस्थान में पार्टी ने भाजपा दिग्गजों को चुनाव लड़वाने का प्रयोग किया था, जो कि सफल रहा था। इसी तर्ज पर भाजपा चाहती है कि हरियाणा में भी सभी प्रमुख नेताओं को चुनाव लड़वाया जाए, ताकि तीसरी बार सरकार बनाने में सफल रह सके। राज्य में भाजपा के 41 विधायक हैं।
प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में हालांकि सभी 41 विधायकों के नाम पैनल में शामिल करने का दावा किया गया है, लेकिन सभी को टिकट मिलेगी, यह बिल्कुल भी तय नहीं है। इनमें करीब डेढ़ दर्जन विधायकों व मंत्रियों के टिकटों पर संकट छाया हुआ है।
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व, प्रदेश नेतृत्व और आरएसएस के नेताओं ने राज्य में अपने स्तर पर ग्राउंड सर्वे करवाया है। पैनल में शामिल नामों का मिलान इन सर्वे रिपोर्ट में शामिल नामों से होगा।
टिकटों को लेकर यह बन रहे समीकरण
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के लिए प्रदेश चुनाव समिति ने तीन विधानसभा सीटें करनाल, लाडवा और नारायणगढ़ छोड़ी है, जिनमें से करनाल और लाडवा से उनके चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है।
मुख्यमंत्री नायब सैनी की कैबिनेट में शामिल मंत्रियों कंवरपाल गुर्जर का जगाधरी से, डॉ. बनवारी लाल बावल से, रणजीत सिंह चौटाला रानियां से, पंडित मूलचंद शर्मा जेपी बल्लभगढ़ से और जेपी दलाल का लोहारू से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है।
डॉ. कमल गुप्ता की हिसार विधानसभा सीट पर सांसद नवीन जिंदल की माता पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल और भाजपा नेता तरुण जैन की निगाह है।
राज्य मंत्रियों के लिए ये है प्लान
भाजपा सरकार के राज्य मंत्रियों में असीम गोयल का अंबाला शहर, सुभाष सुधा का थानेसर, संजय सिंह का सोहना, महिपाल ढांडा का पानीपत ग्रामीण और डॉ. अभय सिंह यादव का नांगल चौधरी से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है।
बड़खल में सीत्रा त्रिखा और बवानीखेड़ा के विधायक विशंभर वाल्मीकि को टिकट मिलने के 50-50 चांस हैं। सीमा त्रिखा की टिकट पर भाजपा नेता धनेश अदलखा की नजर है। पूर्व मंत्री ओमप्रकाश यादव, कमलेश ढांडा और संदीप सिंह के टिकट कटने भी तय माने जा रहे हैं।
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इन सीटों पर मौजूदा विधायकों के टिकट लगभग तय
भाजपा में कुछ सीटें ऐसी हैं, जिन पर मौजूदा विधायकों की टिकट लगभग तय मानी जा रही है। भाजपा की ओर से तोशाम में राज्यसभा सदस्य किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी, आदमपुर में भव्य बिश्नोई, घरौंडा में हरविंद्र कल्याण, पटौदी में सत्यप्रकाश जरावता को उतारा जा सकता है।
महेंद्रगढ़ में प्रो. रामबिलास शर्मा, अंबाला छावनी में पूर्व मंत्री अनिल विज, नारनौंद में पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, बादली में पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धनखड़, रेवाड़ी में रणधीर कापड़ीवास अथवा उनके भतीजे मुकेश कापड़ीवास और ऐलनाबाद में कप्तान मीनू बैनीवाल के टिकट तय माने जा रहे हैं। प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बडौली के अनुसार टिकटों पर अंतिम फैसला केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में होगा।
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