Haryana No Confidence Motion: कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव गिरा, प्रस्ताव के पक्ष में 32 व विरोध में 55 वोट
Haryana Assembly No Confidence Motion हरियाणा विधाानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है। प्रस्ताव के पक्ष में 32 वोट मिले और मनोहरलाल सरकार को 55 विधायकों का साथ मिला।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Wed, 10 Mar 2021 10:29 PM (IST)
चंडीगढ़, जेएनएन। Haryana No Confidence Motion : हरियाणा विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव गिर गया है। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 32 वोट मिले तो प्रस्ताव के विरोध में 55 वोट पड़े। प्रस्ताव पर चर्चा के बाद वोटिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है। चर्चा के दौरान सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच गर्मागरम बहस हुई। सदन कांग्रेस के सभी विधायक अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में समर्थन में खड़े हुए। भाजपा और जननायक जनता पार्टी के विधायक अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में खड़े हुए।
हरियाणा विधानसभा में करीब छह घंटे की लंबी चर्चा के बाद करीब 5 बजकर 2 मिनट पर अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग की प्रकिया शुरू हुई। अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 32 विधायक खड़े हुए। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में कांग्रेस के 30 विधायक और दो निर्दलीय विधायक खड़े हुए।
इसके साथी अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में 55 विधायक खड़े हुए। स्पीकर का वोट नहीं गिना गया। इनमें भाजपा के 40 और जजपा के 10 विधायक व निर्दलीय विधायक शामिल थे। 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में 88 विधायक माैजूद रहे। एक विधायक अभय चौटाला इस्तीफा दे चुके हैं और एक विधायक प्रदीप चौधरी को विधानसभा की सदस्यता से निलंबित किया गया था1
हरियाणा विधानसभा में विधायकों का यह है नंबर खेल
भाजपा - 40
जजपा - 10 निर्दलीय - 7 (दो बलराज कुंडू व सोमवीर सांगवान अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में रहे।) हलोपा - 1 कांग्रेस - 30
सदन में कांग्रेस विधायक दल के नेता और नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। हुड्डा ने सरकार पर जमकर हमले किए। इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हुड्डा और कांग्रेस पर हमले किए। सीएम मनोहरलाल ने कहा कि कांग्रेस के मन के मुताबिक काम न हो तो उसे अविश्वास हो जाता है। दरअसल कांग्रेस में विश्वास का संकट है। इस अविश्वास प्रस्ताव से हमारा ही फायदा है और अगले छह महीने के लिए हमारे ऊपर से खतरा टल जाएगा।
कोई कुछ भी कर ले कृषि कानून वापस नहीं होंगेमनोहरलाल ने कहा, कोई कुछ भी कर ले, कृषि कानून वापस नहीं होगा। इस आंदोलन से किसानों का भी नुकसान हुआ है। इस आंदोलन की वजह से खड़ी फसलों को नष्ट करने का आह्वान हुआ है। हर किसी को अपनी फसल बेचने का अधिकार होता है। कुछ लोगों ने कहा कि 100 रुपये किलो से कम दूध नहीं बचेंगे। किसान 150 रुपये में बेचें। हमें खुशी होगी, लेकिन इस जिद से नुकसान किसान का ही हुआ। इस आंदोलन से किसी को लाभ नहीं होगा। विपक्ष इसे खत्म कराने में मदद करे। आंदोलनकारियों को उकसाना बंद करे।
कहा- मंडियां जारी रहेगी, सरकार एमएसपी पर जारी रखेंगे किसानों की फसलों की खरीदमुख्यमंत्री ने कहा, तीनों कृषि कानून वैकल्पिक हैं। इन कानूनों का मानने का कोई बंधन नहीं है। हमने लोगों ने बार-बार कहा है और अब भी कह रहा हूं मंडियां बंद नहीं होंगी। एमएसपी पर सरकार फसल खरीदेगी। इससे ज्यादा पर यदि कोई खरीदता है तो वह खरीदे। एमएसपी पर तो हम खरीद ही रहे हैं। जिस दिन कानून लागू हो जाएंगे, उस दिन के बाद एक-एक पल का ध्यान रखा जाएगा कि यदि किसान को कोई हानि होती है तो उसकी भरपाई के लिए हम पूरी तरह से काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि फिलहाल इन कानूनों पर स्टे है। बिहार ने अपने स्टेट के हित में क्या कानून बना रखा है, वह वहां का मामला है। यदि बिहार सरकार को लगता है कि उसके यहां किसानों को दिक्कत है तो वह अपने राज्य में कानून में बदलाव कर सकती है। इस पर हुड्डा ने कहा कि पैरलर मंडियां चलेंगी।किसान आंदोलन से हुए वित्तीय नुकसान का आंकड़ा रखा मुख्यमंत्री ने सदन में किसान आंदोलन से 27 नवंबर 2020 से 9 फरवरी 2021 तक हुए नुकसान के आंकड़े रखे।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में तीन कृषि कानूनों के विरोध में हुए आंदोलन के चलते करीब 12 हजार करोड़ का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि टोल फ्री कराने से 212 करोड़ का नुकसान हुआ। दो माह 13 दिन का अनौपचारिक आंकड़ा यह आया है कि आठ हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यदि एक माह और जोड़ दें तो साढ़े 11 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो जाएगा। इसमें औद्योगिक संगठनों से मिले आंकड़ों से लेकर राजस्व के नुकसान का भी है।
मनोहरलाल ने कहा कि किसान की जमीन और फसल के विवाद सुलझाने के लिए एसडीएम की कोर्ट की बजाय यदि विपक्ष सहित सदन तैयार हो तो राज्य सरकार कोर्ट में जाने का रास्ता खोलने को तैयार है। उन्होंने कहा, आज यह हाल यह है कि कागज पर लिखी गजल बकरी चबा गई। चर्चा पूरे शहर में की बकरी शेर खा गई।मुख्यमंत्री मनोहर लाल का सदन में ऐलान किया कि इस बार कोई विकल्प नहीं सारी पेमेंट किसानों के खाते में जाएगी। उन्होंने कहा कि किसान व आढ़ती का क्या रिलेशन है यह वे दोनों आपस में समझें। हरियाणा में एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हो होगी। हमने हरियाणा को कैरोसीन मुक्त कर दिया है।
इससे पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने जमकर भिड़ंत हो रही है। बहस पूरी होने वाली है और अब थोड़ी देर में इस पर वोटिंग होगी। 55 विधायकाें के सरकार के पक्ष में और 32 विधायक अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने की संभावना है। इनमें 30 कांग्रेस विधायकों के साथ दो निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान और बलराज कुंडू शामिल हैं। एक विधायक के गैर हाजिर रहने की संभावना है।दुष्यंत चौटाला का हुड्डा पर तंज, कहा- सोच रहे, मैं सीएम और दीपेंद्र प्रधान बन जाए
हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके राज्यसभा सदस्य बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा पर राजनीतिक हमले बोले। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हुड्डा किसानों के नाम पर राजनीति कर रातों रात सरकार गिराकर खुद मुख्यमंत्री बनने और अपने बेटे दीपेंद्र को हरियाणा कांग्रेस का प्रधान बनाने के सपने ले रहे हैं। उनके यह सपने किसी सूरत में पूरे नहीं होने वाले हैं।
विधानसभा में कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान दुष्यंत चौटाला ने कहा कि स्व. देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला हमारे आदर्श हैं। हरियाणा के इस सदन के कम से कम 50 विधायक ऐसे हैं, जो राजनीति में स्व. देवीलाल की देन हैं। विधानसभा में मौजूदा स्थिति
कुल 90 सीटों से दो खाली
भाजपा- 40 जेजेपी - 10
कांग्रेस- 30निर्दलीय- 7हलोपा- 1
बहुमत के लिए - 45बहस में भाग लेते हुए जजपा के विधायक और श्रम राज्यमंत्री अनूप धानक ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर तंज कसा। उन्होंने कहा, हुड्डा तेरे राज में जमीन गई ब्याज में। निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने सदन में कहाकि अविश्वास प्रस्ताव में कुछ नहीं है। संख्या बल स्पष्ट दिख रहा है और सरकार के पास बहुमत है। मैं अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस की वजह से नहीं किसान की वजह से साथ हूं।गोपाल कांडा ने की सरकार के समर्थन की घोषणा
हरियाणा की पूर्व मंत्री एवं हलोपा विधायक गोपाल कांडा कहा कि मैं स्वयं के बूते पर लोगों के सहयोग से विधानसभा में चुनकर आया हूं। सदन में मुझे सभी की बात रखनी है। पूरा भारत गांवों में बसता है। अगर गांव का किसान सरकार हितैषी नहीं होता तो दोबारा देश और हरियाणा में भाजपा की सरकार नहीं आती।भाजपा विधायक असीम गोयल की टिप्पणी पर सदन में हुआ हंगामा, कांग्रेस विधायक बिफरेदादरी के निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने कहा कि भाजपा विधायक अभय सिंह यादव ने किसानों को गिरोह कहा है। यह शब्द हटना चाहिए। इसके बाद स्पीकर ने इस शब्द को डिलीट करवा दिया। सांगवान ने कहा कि हमने तीनों कानून पढ़े हैं। इसमें किसान की भलाई के नाम की कोई चीज नहीं है। भाजपा सरकार के मंत्री या सांसद या एमएलए गांवों में सभाएं नहीं कर पा रहे हैं, इसका कारण क्या है। इसके जिम्मेदार भाजपाई ही हैं। खुद पहले भाजपाइयों ने किसानों के हित में बड़े बड़े दावे किए हैं और अब उनकी बात नहीं मान रहे हैं।शकुंतला खटक ने कहा- हुड्डा का ट्रैक्अर अपनी मर्जी से खींचा, किसी पुरुष से कम नहीं हूंहरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का ट्रैक्टर खींचने वाली कलानौर की कांग्रेस विधायक शकुंतला खटक ने सदन में कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल कल ज्यादा ही भावुक हो रहे थे। यदि उनके दिल में दर्द है तो वह बार्डर पर बैठीं महिलाओं व बच्चों के लिए भी भावुक होकर दिखाएं। मैं किसी पुरुष से कम नहीं हूं। मैंने अगर ट्रैक्टर खींचा है तो यह मेरी मर्जी है।हुड्डा की चुनौती अपने क्षेत्रों में जाकर दिखाएं सरकार के मंत्री और विधायक प्रस्ताव पेश करने के बाद हुड्डा ने राज्य के मंत्रियों, सत्ता पक्ष के विधायकों को चुनौती दी कि वे अपने क्षेत्रों में जनता के बीच जाकर दिखाए। हुड्डा ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में सीक्रेट वोटिंग कराओ, पता चल जाएगा कि हरियाणा सरकार का बहुमत कहां चला गया। इस पर शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि हुड्डा और कांग्रेसी लोगों को उकसा रहे हैं। इनको किसानों से नहीं लेना, बस अपनी सियासत की पड़ी है। इस बीच स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का समय एक घंटा बढा दिया है।सदन में प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भाजपा के असीम गाेयल की टिप्पणी पर कांग्रेस विधायक गुस्सा हो गए और हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस विधायकों ने असीम गाेयल पर किसानों को देशद्रोही कहने का आरोप लगाया। गोयल ने इसे पूरी तरह गलत बताया। उन्होंने कहा कि मैंने किसानों के लिए ऐसे शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। मैं किसानों को नमन करता हूं और उनके बारे में ऐसा सोच तक नहीं सकता।
जजपा विधायक देवेंद्र बबली बोले किसानाें के नाम पर ड्रामा बंद हो, कांग्रेस विधायकों को दी इस्तीफे की चुनौतीटोहाना से जजपा विधायक देवेंद्र बबली ने सदन में कहा कि किसानों के नाम पर ड्राम नहीं करो। यदि किसी को किसान की समस्या का दुख है तो इस्तीफा दो। वे खुद भी इस्तीफा देने को तैयार हैं।निर्दलीय विधायक खुलकर सरकार के पक्ष में आए, कांग्रेस पर उठाए सवालकांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन ने सरकार के पक्ष में अपना भाषण दिया। उन्होंने कहा( मैं पहली बार सदन में आया हूं। इस देश और प्रदेश का किसान बदहाली में है। जो किसान देश का पेट भरता है, वह किसान अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए सड़कों पर है, अपनी किसानी व खेती बचाने के लिए सड़क पर है। हरियाणा में कोई भी किसान कर्जमुक्त नहीं है, जमीन और जायदाद बैंकों में गिरवी रखी है, असली किसान वह है, जो खेतों में काम करता है, वह ठेके पर जमीन लेकर खेती करता है, लेकिन जो माहौल एक वातावरण इस आंदोलन को लेकर बना दिया गया है, उससे सरकार भी चिंतित है।गोलन ने कहा कि विपक्ष आरोप लगाता है कि सरकार किसान विरोधी है। यहां विधानसभा में 60-70 विधायक किसान हैं। आज किसान चिंता में हैं। चर्चा सिर्फ यह करते हैं कि सीएम और डिप्टी सीएम के हेलीकाप्टर नहीं उतरने दिए जाते। यह सिर्फ कांग्रेस की सोच है। गोलन ने कहा, मेरे पास 60 किसान आए थे। कह रहे थे कि अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोटिंग करना। मैंने उन्हें कहा कि मैं 41 हजार वोटों से जीत कर आया हूं, क्या 60 लोगों के चक्कर में मैं 41 हजार लोगों के हितों की अनदेखी कर दूं।निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत बाेल- कांग्रेस ने लोगों को गुमराह किया, जनता माफ नहीं करेगीनिर्दलीय नयनपाल रावत ने भी अविश्वास प्रस्ताव का विरोध किया। नयनपाल रावत ने कहा कि तीन कृषि कानून किसान के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि पंजाब की विधानसभा में कांग्रेस के नेता नवजोत सिद्धू कहते हैं कि पंजाब में हरियाणा की सरकार की नीतियों को अपनाए मगर यहां कांग्रेस मनोहर लाल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रही है। राजस्थान में कांग्रेस सरकार 1100 रुपये प्रति क्विंटल बाजरा खरीद रही है और हरियाणा में 2100 रुपये प्रति क्विंटल खरीद रही है।किरण चौधरी ने कहा- मंडियों को खत्म करना चाहती है भाजपा सरकार
किरण चौधरी कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में अपनी बात रखी। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के लिए भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में वायदा किया था इसलिए भाजपा अपना वायदा पूरा करे। असली जड़ न्यूनतम समर्थन मूल्य का है। यदि इसका कानून बना देते तो कुछ नहीं होता। हरियाणा सरकार को एमएसपी की गारंटी देने संबंधी कानून बनाना चाहिए। भाजपा नेताओं ने एसवाईएल पर झूठे उपवास रखे। दक्षिण हरियाणा में पानी ही नहीं है।प्रस्ताव के पक्ष में आधा घंटा बाेले हुड्डा, करीब दर्जन भर मुद्दे उठाएभूपेंद्र सिंह हुड्डा अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में करीब आधा घंटे तक बोले। हुड्डा ने इस दौरान कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, महंगाई सहित करीब एक दर्जन मुद्दे उठाए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के पास भले ही बहुमत है, लेकिन उसेि मंत्री व विधायक अपने हलके में जाकर दिखाएं तो मानें।कांग्रेस के 30 विधायकों के हस्ताक्षरयुक्त अविश्वास प्रस्ताव सदन में पेश किया गया। कांग्रेस के 18 विधायकों ने खड़े होकर अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करते हुए उस पर चर्चा कराने की मांग की। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति देने के बाद विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा सदन अपनी बात रखी। हुड्डा ने कहा कि सरकार ने किसानों के आंदोलन पर सवाल उठाए तथा उन्हें खालिस्तानी कहा। यह सरकार नौकरियां बाहर के लोगों को दे रही है। बेरोजगारी की स्पीड तेजी के साथ बढ़ रही है। उन्हाेने कहा कि मैं आंदोलन के दौरान दिवंगत किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
हुड्डा ने कहा कि आज हाल यह हे कि सरकार का कोई मंत्री, विधायक या सांसद गांवों में नहीं घुस सकता। आज कृषि कानूनों की बात नहीं करूंगा लेकिन लोग इस सरकार से नाराज बैठे हैं। हरियाणा सरकार ने किसानों पर वाटर कैनन से हमला किया। पुलिस वालों को किसानों को पीटने के लिए लोहे से डंडे दिए गए। आज किसान की लागत बढ़ गई है और आमदनी घट रही है। सरकार ने आंदोलन को कुचलने का हरसंभव प्रयास किया ।
हुड्डा ने कहा कि सरकार लोगों का विश्वास खो चुकी है। लोग इनके हेलीकाप्टर तक नीचे नहीं उतरने दे रहे हैं। हरियाणा में बेरोजगारी की तरह अपराध भी बढ़ रहा है। अगलेे चुनाव में भाजपा जजपा के लोग फिर लोगों के साथ झूठे वादे करेंगे। हरियाणा में हर रोज तीन से चार हत्याएं, पांच से छह दुष्कर्म, 54 चोरी डकैती व लूट की वारदात हो रही है।जजपा विधायक ईश्वर सिंह ने कांग्रेस पर किया हमला, अविश्वास प्रस्ताव को बताया अनुचितजजपा विधायक ईश्वर सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव को अनुचित ठहराया। उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। ईश्वर सिंह ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में होती तो सब कुछ बढ़िया था, अब सब कुछ खराब है। ऐसा नहीं है। ईश्वर सिंह ने कहा कि किसान की बात करते समय कांग्रेस के नेता मजदूर वर्ग की कभी बात नहीं करते।कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कांग्रेस को किया कटघरे में खडाकृषि मंत्री जेपी दलाल कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ अपनी बात रखी। दलाल ने कहा कि कांग्रेस की सरकार की वजहों से किसान की हालत कमजोर है। कांग्रेस के राज के 10 साल के आंकड़े और भाजपा सरकार के छह साल के कामों के आंकड़े पेश कर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया। जेपी दलाल ने कहा कि यह बात सही है कि आज किसान की हालत कमजोर है, लेकिन यह बात भी सही है कि इसके लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार है। नैना चौटाला व जजपा विधायकों से बोेले रघुबीर कादियान- अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेंअविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में कांग्रेस विधायक रघुबीर सिंह कादियान भी बाेले और भाजपा-जजपा सरकार पर निशाना साधा। रघुबीर कादियान ने कहा कि मेरा जजपा के विधायकों से अनुरोध है कि वह भाजपा का विरोध करें। जजपा के नेताओं के चुनाव से पहले की रिकार्डिंग हमारे साथ हैं। मेरा नैना चौटाला से अनुरोध है कि वह झांसी की रानी बनकर अपनी पार्टी के विधायकों को कहें कि किसानों के हक में अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करें।दुष्यंत चौटाला की ओर इशारा करते हुए रघुबीर कादियान ने कहा कि वह आंख मीचकर देख लें। यदि उन्हें देवीलाल का फोटो नजर आ जाए तो अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट देना। मेरी रणजीत चौटाला से भी इसी तरह की अपील है। देवीलाल के परिवार के इन सदस्यों को यदि अपनी कुर्सी पर ढ़ाई सौ लोगों के खून के धब्बे नजर आ जाएं तो वह अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन कर दें।कंवरपाल गुर्जर ने कांग्रेस पर किसान आंदोलन को लेकर कसा तंजअविश्वास प्रस्ताव के विरोध में अपनी बात रखने के लिए संसदीय कार्य मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि किसान आंदोलन में कांग्रेस का लक्ष्य कुछ और था, किसानों का हित नहीं था। गुर्जर ने कहा हुड्डा ने किसानों को खालिस्तानी और पाकिस्तानी कहने का आरोप हम पर लगाया। हुड्डा हमारी पार्टी के किसी नेता का नाम बताएं कि किसने ऐसा कहा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का टारगेट किसान नहीं हैं। धरने पर बुजुर्ग किसानों ने दम तोड़ा। कांग्रेस विधायकों को चाहिए था कि वह बुजुर्गों को वहां से घर जाने के लिए कहते और खुद धरने पर बैठते। कंवरपाल गुर्जर ने कांग्रेस की सरकार और अपनी सरकार के कार्यकाल में फसलों के बढ़े दामों की तुलना करते हुए कांग्रेस को जवाब दिया।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।यह भी पढ़ें: कैथल में बंद कमरे में हो रही थी 15 साल की किशोरी की शादी, दरवाजा खुला तो देखकर अधिकारी रह गए सन्न
यह भी पढ़ें: Haryana Budget Session: अविश्वास प्रस्ताव पर सियासत तेज, निर्दलीय विधायक भी सक्रिय, पार्टियों का व्हिप
हरियाणा की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें