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हरियाणा में दो सप्ताह और लॉकडाउन, औद्योगिक गतिविधियाें की छूट, तीन जोन में बंटा प्रदेश

हरियाणा में लॉकडाउन दो सप्‍ताह और बढाया जा रहा है। इसके साथ ही राज्‍य को तीन जोन में बांटा गया है। लॉकडाउन के दौरान औद्योगिक गतिविधियाें की छूट रहेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sun, 12 Apr 2020 04:51 PM (IST)
हरियाणा में दो सप्ताह और लॉकडाउन, औद्योगिक गतिविधियाें की छूट, तीन जोन में बंटा प्रदेश
चंडीगढ़, जेएनएन। मनोहरलाल सरकार देश के बाकी राज्यों की तरह हरियाणा में फैली महामारी से निपटने के लिए प्रदेश सरकार दो सप्ताह तक लॉकडाउन की अवधि बढ़ाएगी। इस दौरान औद्योगिक ग‍तिविधियों की छूट रहेगी। इसके साथ ही राज्‍य को तीन जोनों में बांटा गया है। मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल ने राज्‍य की जनता के नाम अपने संदेश में कहा कि राज्य में चरणबद्ध तरीके से जिलों में लाकडाउन के दौरान औद्योगिक गतिविधियों के लिए छूट दी जाएगी।

राज्य में चरणबद्ध तरीके से लाकडाउन के दौरान औद्योगिक गतिविधियों को मिलेगी छूट

प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी सरकार के इस फैसले की जानकारी प्रदेश की जनता को दी। राज्य सरकार ने हरियाणा को तीन जोन में बांट दिया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के चार जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल और नूंह को ‘रेड जोन’ घोषित कर दिया गया है। प्रदेश के 22 जिलों में यह चारों जिले ऐसे हैं, जहां कोरोना के पॉजिटिव केस सबसे अधिक हैं। इन चारों जिलों को सरकार ने पहले ही हॉट स्पॉट घोषित किया हुआ है।

जिन जिलों में कोरोना के पॉजिटिव केस तो हैं लेकिन उनकी संख्या कम है, ऐसे जिलों को ओरेंज जोन घोषित किया गया है। कोरोना के सबसे कम केस वाले जिलों को येलो जोन में रखा गया है। इस जोन मे मुख्य रूप से वे जिले शामिल होंगे, जिनमें विदेश से आने वालों और सर्विलांस पर रखे गए लोगों की संख्या भी सबसे कम है।

गुरुग्राम, नूंह, फरीदाबाद व पलवल रेड जोन घोषित, अभी उद्योग धंधे शुरू होने के आसार नहीं

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश की जनता से रूबरू होते हुए कहा कि अधिक दिनों तक प्रदेश की औद्योगिक व कामर्शियल गतिविधियों को बंद नहीं रखा जा सकता। चरणबद्ध तरीके से हरियाणा में इन गतिविधियों को शुरू किया जाएगा। गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल व नूंह जिले चूंकि रेड जोन में हैं, ऐसे में इन जिलों में सख्ती जारी रहेगी और किसी तरह की औद्योगिक छूट फिलहाल नहीं दी जा सकेगी।

सोशल डिस्टेंसिंग कमेटियों की एनओसी अनिवार्य, कड़े नियमों के साथ मिलेगी मंजूरी

प्रदेश के बाकी 18 जिलों में छोटे उद्योगों व व्‍यापारिक गतिविधियों को छूट दी जाएगी, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग (शारीरिक दूरी) अपनाने की शर्तों के साथ। केवल उन्हीं औद्योगिक इकाइयों को काम करने की इजाजत मिलेगी, जिनमें कम लेबर लगेगी।

कम कोरोना केस वाले जिले ओरेंज जोन में तो बाकी जिलों को येलो जोन में रखा

मनोहर लाल ने कहा कि जिन जिलों में उद्योगों के लिए छूट दी जाएगी, वहां सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखना होगा। संबंधित उद्योगपति व व्यापारी को खुद ही सोशल डिस्टेंसिंग की प्लानिंग बनाकर इसके लिए गठित की जाने वाली कमेटी को देनी होगी। हर जिले में ऐसी सोशल डिस्टेंसिंग कमेटी बनेगी।

ओरेंज और येलो जोन में शुरू होंगी औद्योगिक व कामर्शियल गतिविधियां

सरकार सोशल डिस्टेंसिंग प्लानिंग को मंजूरी देने के लिए जिला, उपमंडल, ब्लाक व गांव स्तर पर कमेटी का गठन करेगी। इस कमेटी के सर्टिफिकेट के बिना किसी को छूट नहीं दी जाएगी। राज्य सरकार की कालाबाजारी पर पूरी निगाह होगी और इसकी इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। ऐसा करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

फैक्टरी में रुकने व खाने का होगा प्रबंध

मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि जो भी उद्योगपति या व्यापारी अपनी गतिविधियों को शुरू करेंगे, उन्हें मजदूरों के रुकने का प्रबंध फैक्टरी में ही करना होगा। इतना ही नहीं, उनके लिए दोनों वक्त के खाने का प्रबंध भी संबंधित उद्योगपति ही करेगा। सीएम ने कहा कि कंपनी में काम करने वाले हर किसी को दूरी भी बनाकर रखनी होगी और मुंह पर मास्क भी लगाना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान ऐसी कंपनियों को कच्चे माल को विधिवत रूप से लाने- ले जाने की अनुमति होगी। ऐसे ही माल तैयार होने के बाद उसे इधर-उधर लाने व ले जाने की अनुमति सरकार देगी।    

बिल्डर शुरू कर सकेंगे निर्माण कार्य

लॉकडाउन पीरियड के दौरान ही सरकार ने बिल्डरों को भी कंस्ट्रक्शन (निर्माण) कार्यों की छूट दे दी है। इसके लिए बिल्डरों को मजदूरों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का फार्मूला बनाकर सरकार को देना होगा। साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि कंस्ट्रक्शन कार्य के लिए धूल-मिट्टी न उड़े। मजदूरों के रुकने व खाने का प्रबंध करने वाले बिल्डरों को सोशल डिस्टेंसिंग का सर्टिफिकेट हासिल करने के बाद सरकार काम की मंजूरी देगी।

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