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Haryana News: आपराधिक मामले की जांच में दो साल की देरी, हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर पर लगाया पचास हजार रुपये का जुर्माना

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय (Haryana News) ने एक आपराधिक मामले की जांच में जरूरत से ज्यादा समय लगाने पर फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर पर एक्शन लेते हुए उन पर 50000 रुपये का जुर्माना लगाया। इतना ही नहीं इस जु्र्माने राशि को वसूलने के लिए डीएम को आदेश दिया है। इस खबर के माध्यम से जानिए पूरा मामला क्या है।

By Dayanand Sharma Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Tue, 14 May 2024 09:20 PM (IST)
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Haryana Crime News: हाईकोर्ट ने पुलिस कमिश्नर पर लगाया पचास हजार रुपये का जुर्माना। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो,चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक आपराधिक मामले की जांच पूरी करने में दो साल की अस्पष्ट देरी के लिए फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही, उच्च न्यायालय ने जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) फरीदाबाद को जुर्माना वसूलने का आदेश दिया है।

उच्च न्यायालय के जज हरकेश मनुजा ने हरबीर सिंह द्वारा दायर याचिका का निपटारा करते हुए ये आदेश पारित किए हैं। इस मामले में याचिकाकर्ता ने धोखाधड़ी, जालसाजी और संबंधित आरोपों के लिए एसजीएम नगर जिला फरीदाबाद पुलिस स्टेशन में 26 अप्रैल, 2022 को दर्ज एफआईआर में जांच पूरी करने के निर्देश के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

जिसमें पिछले दो वर्षों से जांच लंबित थी। हालांकि, जब नौ मई को मामला सुनवाई के लिए आया, तो हरियाणा सरकार के वकील ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि जांच अब पूरी हो गई है और अंतिम रिपोर्ट दो सप्ताह की अवधि के भीतर क्षेत्रीय मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश की जाएगी।

इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मनुजा ने मामले का निपटारा करने का आदेश दिया, बशर्ते कि पुलिस आयुक्त, फरीदाबाद, जिला फरीदाबाद द्वारा उक्त एफआईआर में जांच पूरी होने में दो साल की अस्पष्ट देरी के कारण याचिकाकर्ता को 50,000 रुपये का भुगतान किया जाए।

जज ने फरीदाबाद पुलिस आयुक्त पर जुर्माना लगाते हुए आदेश दिया कि जुर्माना की राशि याचिकाकर्ता के पक्ष में एक सप्ताह की अवधि के भीतर जारी की जाए और यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो जिला मजिस्ट्रेट द्वारा लागत को भूमि राजस्व के बकाया के रूप में वसूल किया जाए ताकि इसे याचिकाकर्ता को हस्तांतरित किया जा सके और इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर इस अदालत के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

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