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Haryana elections: हरियाणा के चुनाव में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा, भाजपा ने किया डेढ़ लाख सरकारी नौकरियां देने का दावा

भाजपा ने अपने कार्यकाल में डेढ़ लाख सरकारी भर्तियों के अलावा करीब 35 लाख लोगों को रोजगार देने का दावा किया है लेकिन कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने लोकसभा व राज्यसभा में सरकार के इस दावे को खारिज करते हुए सवाल उठाए हैं। प्रदेश में इस समय 37.4 प्रतिशत के साथ भारत में सबसे अधिक बेरोजगारी दर्ज की गई है।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 23 Aug 2024 05:45 AM (IST)
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हरियाणा के चुनाव में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है

अनुराग अग्रवाल, जागरण चंडीगढ़। हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है। भाजपा सरकार ने अपने 10 साल के कार्यकाल में हालांकि करीब डेढ़ लाख युवाओं को योग्यता व मेरिट के आधार पर सरकारी नौकरियां प्रदान की हैं, लेकिन सिर्फ सरकारी नौकरियों से राज्य की बेरोजगारी दर को कम करने में मदद नहीं मिल पाई है।

भारत में हरियाणा बेरोजगारी के मामले में सबसे ऊपर

प्रदेश में इस समय 37.4 प्रतिशत के साथ भारत में सबसे अधिक बेरोजगारी दर्ज की गई है, जो राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है। हरियाणा सरकार सेंटर फार मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी के इन आंकड़ों को मानने के लिए तैयार नहीं है। भाजपा सरकार की अपनी दलील है। उसका कहना है कि न केवल हरियाणा, बल्कि पूरे देश में बेरोजगारी दर कभी स्थिर नहीं रहती। यह हर माह घटती-बढ़ती रहती है।

प्रदेश में लगभग छह प्रतिशत बेरोजगारी दर

सरकार की नजर में प्रदेश में लगभग छह प्रतिशत बेरोजगारी दर है, जो कि सामान्य स्तर पर है। ऐसे में राज्य में बढ़ती बेरोजगारी के दावों को लेकर भाजपा बिल्कुल भी चिंतित दिखाई नहीं दे रही है, जबकि कांग्रेस इस मुद्दे पर बड़े ही आक्रामक ढंग से विधानसभा के चुनावी समर में ताल ठोकती दिखाई पड़ रही है। जननायक जनता पार्टी, इंडियन नेशनल लोकदल और आम आदमी पार्टी भी कांग्रेस के सुर में सुर मिलाते नजर आ रहे हैं। बता दें कि हरियाणा में 2.1 करोड़ मतदाता हैं।

सरकारी कर्मचारियों की संख्या चार लाख के आसपास है। इनमें पौने तीन लाख कर्मचारी नियमित और करीब सवा लाख कर्मचारी अनुबंध पर काम कर रहे हैं। हर साल करीब 10 हजार कर्मचारी सेवानिवृत्त होते हैं, लेकिन रिटायरमेंट के अनुपात में भर्ती होने वाले नियमित कर्मचारियों की संख्या काफी कम है। पिछली कांग्रेस और इनेलो की सरकारों के कार्यकाल से अगर सरकारी भर्तियों की तुलना की जाए तो भाजपा ने सबसे अधिक भर्तियां अपनी सरकार में की हैं।

भाजपा का 35 लाख लोगों को रोजगार देने का दावा

भाजपा ने अपने कार्यकाल में डेढ़ लाख सरकारी भर्तियों के अलावा करीब 35 लाख लोगों को रोजगार देने का दावा किया है, लेकिन कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने लोकसभा व राज्यसभा में सरकार के इस दावे को खारिज करते हुए सवाल उठाए हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंजीकृत बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी अथवा प्राइवेट सेक्टर में रोजगार मिलने तक उनका बेरोजगारी भत्ता बढ़ा दिया है। मगर, सवाल यह है कि जब तक राज्य में बेरोजगारी दूर करने की सर्व स्वीकार्य पालिसी नहीं बनेगी, तब तक युवा रोजगार के लिए लाइनों में खड़ा नजर आता रहेगा।

43.2 प्रतिशत बेरोजगारी तक पहुंच गई थी बेरोजगारी

हरियाणा इस समय 37.4 प्रतिशश बेरोजगारी दर के साथ टाप पर है। पिछले पांच साल में यह बेरोजगारी दर अब तक की दूसरी सबसे ज्यादा है। इसके पहले कोरोना की पहली लहर के दौरान लगे लाकडाउन के समय अप्रैल 2020 में बेरोजगारी दर 43.2 प्रतिशत पर पहुंच गई थी, जो अब तक की सर्वाधिक थी।

संसद में केंद्र ने माना हरियाणा में तेजी से बढ़ी बेरोजगारी

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र ¨सह हुड्डा का कहना है कि संसद में भारत सरकार ने माना है कि हरियाणा में भाजपा सरकार के समय में बेरोजगारी दर तीन गुना बढ़ी है। संसद में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री द्वारा दिए गए जवाब की प्रति जारी करते हुए दीपेंद्र ने कहा कि सरकार के आंकड़े बताते हैं कि गोवा, लक्षद्वीप, नगालैंड और केरल के बाद हरियाणा में सर्वाधिक बेरोजगारी है।

बेरोजगारी के आंकड़ों में बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने सेंटर फार मानीटरिंग इंडियन इकोनामी के आंकड़ों को कभी स्वीकार नहीं किया। उनका मानना है कि यह एजेंसी कांग्रेस नेता की है और गफलत पैदा करने के लिए ऐसे आंकड़े जारी करती है। 15 से 29 वर्ष के आयु वर्ग में हरियाणा की बेरोजगारी दर 17.5 प्रतिशत है, जबकि 15 से 59 वर्ष आयु वर्ग में यह दर 6.4 प्रतिशत तथा 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में यह दर 6.1 प्रतिशत है।

सीएमआइआइ राज्य में बेरोजगारी के आंकड़े जारी करते हुए उसमें बच्चों, बुजुर्ग लोगों व महिलाओं को भी शामिल कर लेते हैं, जो कि तथ्यात्मक रूप से बिल्कुल भी सही नहीं हैं। राज्य में बेरोजगारी दर पूरी तरह से नियंत्रण में हैं। पांच से छह प्रतिशत बेरोजगारी दर सामान्य बात है और हरियाणा में नीति आयोग ने इतने ही आंकड़ों की बात मानी है।

सरकारी रिकॉर्ड में पंजीकृत बेरोजगार 2.61 लाख, बढ़ा बेरोजगारी भत्ता

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य में बेरोजगारी दर बढ़ने के तथ्यों को गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि हमने 35 से 40 लाख लोगों को रोजगार दिए हैं। करीब 1.50 लाख सरकारी नौकरियां मेरिट के आधार पर पारदर्शी तरीके से दी जा चुकी हैं।

राज्य में फिलहाल 2.61 लाख पंजीकृत बेरोजगार युवा हैं, जिन्होंने सक्षम युवा योजना के तहत रोजगार मांगा है। नया रोजगार मिलने तक हम इन युवाओं को अगस्त से 12वीं पास युवाओं को 900 से 1200 रुपये, स्नातक को 1500 से 2000 रुपये तथा स्नातकोतर को 3000 से बढ़ाकर 3500 रुपये की राशि बेरोजगारी भत्ते के रूप में देंगे।