Lok Sabha Election 2024: अगली पीढ़ी के मोहपाश में फंसे हरियाणा के दिग्गज कांग्रेसी, बिगड़ सकता Congress का खेल
Lok Sabha Election 2024 हरियाणा में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी। लेकिन प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अपनी पीढ़ी के मोहपाश में फंसकर आलाकमान कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकते हैं। दरअसल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्वयं मैदान में न उतरकर बल्कि अपने पुत्रों पर इस बार दांव खेलने के मूड में हैं।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। मध्यप्रदेश और राजस्थान के बाद अब हरियाणा में भी कांग्रेस वही कहानी दोहराने जा रही है, जो उसकी राजनीतिक सेहत के लिए बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती। हरियाणा में कांग्रेस के जितने भी वरिष्ठ और दिग्गज नेता हैं, वह सभी स्वयं लोकसभा चुनाव लड़ने के बजाय अपनी आगे की पीढ़ी के लिए चुनाव लड़ने का रास्ता तैयार कर रहे हैं। प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों के लिए जितने भी दावेदारों ने चुनाव लड़ने के लिए आवेदन किए हैं, उनमें किसी दिग्गज कांग्रेस नेता का नाम शामिल नहीं है।
सभी की इच्छा स्वयं लोकसभा चुनाव लड़ने की बजाय या तो विधानसभा चुनाव लड़कर हरियाणा की राजनीति में सक्रिय रहने की है या फिर अपने परिवार के सदस्यों को आगे बढ़ाने की है।
वरिष्ठ नेताओं का चुनाव न लड़ने का मूड बिगाड़ सकती कांग्रेस का खेल
देश भर में कांग्रेस की जो स्थिति चल रही है, उसके मद्देनजर कांग्रेस हाईकमान का सोच हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को ही चुनाव लड़ाने का है, लेकिन इसमें उनकी रुचि नहीं होने के कारण पार्टी के सामने बड़ा संकट खड़ा हो रहा है। मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने स्वयं चुनाव लड़ने की बजाय अपने बेटे नकुलनाथ को छिंदवाडा लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरवाया है। राजस्थान में भी यही स्थिति है। वहां पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को जालौर लोकसभा सीट से टिकट मिला है।ये भी पढ़ें: Haryana News: नायब सैनी के सीएम बनने के बाद खाली हुई कुरुक्षेत्र सीट से कौन होगा दावेदार? इस समाज के लोग सबसे आगे
भूपेंद्र हुड्डा अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा पर खेलना चाह रहे दांव
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा वर्ष 2019 में सोनीपत लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन इस बार वह इस मूड में नहीं हैं। उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा राज्यसभा सदस्य हैं, लेकिन दीपेंद्र राज्यसभा सदस्य होने के बावजूद रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। गुरुग्राम से पूर्व सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय यादव ने टिकट के लिए आवेदन नहीं किया है। कैप्टन बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव के समधी हैं और सोनिया गांधी के करीबी भी। कैप्टन अपने बेटे चिरंजीव राव के लिए टिकट का प्रयास कर रहे हैं।अपने बेटों को आगे कर रहे नेता
कांग्रेस महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा अंबाला व सिरसा लोकसभा सीटों से सांसद रह चुकी हैं, लेकिन इस बार उन्होंने किसी लोकसभा सीट पर दावेदारी नहीं जताई है। कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता किरण चौधरी अपनी बेटी और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी के लिए भिवानी लोकसभा सीट से टिकट मांग रही हैं। विधानसभा के पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा करनाल से चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन इस बार वह अपने बेटे चाणक्य शर्मा के लिए टिकट मांग रहे हैं।
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