'IAS सोनल गोयल के खिलाफ विजिलेंस के पास पुख्ता सबूत', हरियाणा सरकार ने HC में कहा- जांच हो रही प्रभावित
Chandigarh हरियाणा के एडीशनल एडवोकेट जनरल दीपक सभरवाल ने कहा कि जांच एजेंसी के पास सोनल गोयल के खिलाफ पुख्ता सबूत है। लेकिन पंजाब सरकार द्वारा सुनवाई स्थगित की मांग का विरोध करते हुए हरियाणा की तरफ से कहा गया कि अंतरिम आदेश जारी रहने के कारण हरियाणा की जांच रुकी हुई है। सोनल गोयल ने विजिलेंस द्वारा उन्हें तलब करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो: त्रिपुरा कैडर की आइएएस अधिकारी सोनल गोयल को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से मिली राहत लगभग एक साल से जारी है। हाई कोर्ट के आदेश के कारण विजिलेंस उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर सकती। अब हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट में कहा है कि हरियाणा व पंजाब के पूर्व व वर्तमान नौकरशाहों के भ्रष्टाचार के मामले एक साथ सुनने के कारण हरियाणा की जांच प्रभावित हो रही है।
मामले की सुनवाई स्थगित
पंजाब सरकार द्वारा इस मामले में जवाब दायर न करने के कारण मामले की सुनवाई स्थगित हो रही है। इस कारण हरियाणा विजिलेंस द्वारा सोनल गोयल के खिलाफ जांच पूरी तरह से रुकी हुई है।
हरियाणा के एडीशनल एडवोकेट जनरल दीपक सभरवाल ने कहा कि जांच एजेंसी के पास सोनल गोयल के खिलाफ पुख्ता सबूत है। लेकिन पंजाब सरकार द्वारा सुनवाई स्थगित की मांग का विरोध करते हुए हरियाणा की तरफ से कहा गया कि अंतरिम आदेश जारी रहने के कारण हरियाणा की जांच रुकी हुई है।
सोनल गोप्ता ने हाई कोर्ट में दी चुनौती
हरियाणा सरकार की दलील को सुनने के बाद हाई कोर्ट के जस्टिस अनूप चितकारा ने पंजाब सरकार को 13 सितंबर तक जवाब दायर करने का अंतिम मौका देते हुए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। सोनल गोयल ने विजिलेंस द्वारा उन्हें तलब करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
मामले में कई आइएएस अधिकारी शामिल
इस मामले में कई आइएएस अधिकारी शामिल हैं, जो घोटाला होने की अवधि में फरीदाबाद नगर निगम के आयुक्त रह चुके हैं, लेकिन सोनल गोयल को इस बात पर आपत्ति है कि बाकी अधिकारियों की बजाय सिर्फ उन्हें ही निशाने पर लिया जा रहा है। वह हरियाणा में प्रतिनियुक्ति पर कई साल रहीं और त्रिपुरा कैडर में लौटने के बाद अब वहां की सरकार ने उन्हें दिल्ली स्थित त्रिपुरा भवन में रेजिडेंट कमिश्नर नियुक्त कर रखा है।
19 अप्रैल 2022 को एफआइआर दर्ज की थी
सोनल ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में बताया कि विजिलेंस ब्यूरो ने नगर निगम फरीदाबाद के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में 19 अप्रैल 2022 को एफआइआर दर्ज की थी। 10 जून 2022 को विजिलेंस ने सरकार को इस मामले में याची समेत अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और पूछताछ करने की इजाजत मांगी।
14 जुलाई को सरकार ने पूछताछ के लिए विजिलेंस को इजाजत दे दी। इसके खिलाफ सोनल ने सरकार को एक मांग पत्र भी दिया था। गोयल ने हाई कोर्ट से मांग की है कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में पूछताछ करने की इजाजत देने के आदेश को रद करें व विजिलेंस द्वारा उन्हें समन करने के आदेश पर रोक लगाएं।