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Randhir Singh Profile: जानिए JJP से इस्तीफा देने वाले कौन हैं रणधीर सिंह? पिता के साथ थाम सकते हैं कांग्रेस का हाथ

जजपा और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को आज एक और झटका लगा। जब गुहला से विधायक के बेटे जेजेपी नेता रणधीर सिंह ( Randhir Singh Resigned JJP) ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। रणधीर ने डेयरी डेवलपमेंट कोऑपरेटिव फेडरेशन के चेयरमैन पद से भी इस्तीफा दिया। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों पिता-पुत्र कांग्रेस में जा सकते हैं।

By Sudhir Tanwar Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Wed, 24 Apr 2024 06:42 PM (IST)
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Randhir Singh Profile: गुहला विधायक ईश्वर सिंह के बेटे रणधीर सिंह ने चेयरमैनी के साथ छोड़ी जजपा।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। (Haryana Politics Hindi News) भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद सरकार से बाहर हुई जननायक जनता पार्टी (जजपा) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सरकार द्वारा इस्तीफा मांगने के बाद जजपा विधायक ईश्वर सिंह ( Ishwar Singh) के बेटे रणधीर सिंह (Randhir Singh) ने न केवल हरियाणा डेरी विकास संघ के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया, बल्कि उन्होंने पार्टी भी छोड़ दी।

दोनों पिता-पुत्र के कांग्रेस में जाने की हो रही चर्चा

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि दोनों पिता-पुत्र कांग्रेस (Haryana Congress) ज्वाइन करेंगे। गठबंधन सरकार में जजपा (JJP News) के कोटे से बोर्ड व निगमों में 12 चेयरमैन लगाए गए थे, जिनमें नौ का कार्यकाल पूरा हो चुका है। हरियाणा डेयरी विकास संघ के चेयरमैन रणधीर सिंह के इस्तीफे के बाद अब हरियाणा वित्त विकास निगम के चेयरमैन पवन खरखौदा व हज कमेटी के चेयरमैन मोहसिन चौधरी पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है।

रणधीर पिता के विधानसभा से चुनाव लड़ने की कर रहे तैयारी

सीएमओ की ओर से इन्हें पद छोड़ने के लिए मौखिक आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं। रणधीर का कार्यकाल अक्टूबर तक बचा था। उन्हें करीब ढाई साल पहले चेयरमैन नियुक्त किया गया था। बताया जाता है कि रणधीर सिंह पिता के विधानसभा क्षेत्र गुहला से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

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ईश्वर सिंह पहली बार 1977 में कांग्रेस से बने थे विधायक

उनकी पत्नी भी गुहला नगर पालिका की अध्यक्ष हैं। ईश्वर सिंह के कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा से अच्छे राजनीतिक संबंध हैं। वह उन्हीं के नेतृत्व में कांग्रेस की सदस्यता लेंगे। ईश्वर सिंह पहली बार 1977 में कांग्रेस से विधायक बने थे।

उसके बाद कुमारी सैलजा (Kumari Selja) के समर्थन से राज्यसभा सदस्य बने और फिर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में सदस्य बने थे। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर ईश्वर सिंह ने कांग्रेस छोड़कर जजपा से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।

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