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अपनों की अनदेखी और परायों पर भरोसे से हरियाणा में बीजेपी हारी 42 सीटें, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

हरियाणा में भाजपा ने तीसरी बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई है। राज्य की 90 सीटों में से भाजपा को 48 पर जीत जबकि 42 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। पार्टी ने हार के कारणों का जानने के लिए एक रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में भितरघात किसानों-जाटों की नाराजगी टिकट वितरण में चूक और संगठन की कमजोरियों को हार का कारण बताया गया है।

By Anurag Aggarwa Edited By: Rajiv Mishra Updated: Wed, 13 Nov 2024 10:53 AM (IST)
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भाजपा ने हरियाणा में 42 सीटें क्यों गंवाई? (फाइल फोटो)
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। भाजपा ने हरियाणा में 48 विधानसभा सीटों के साथ भले ही तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बना ली, लेकिन पार्टी राज्य में हारी हुई 42 विधानसभा सीटों पर हार के कारण तलाश कमियां दूर करने की दिशा में बड़ी पहल की है।

इन सीटों पर हार के कारणों की तह में जाने के साथ ही उन कमियों को नोट किया गया, जिनकी वजह से भाजपा चुनाव हारी है। भविष्य में इन सीटों पर हुई हार को जीत में बदलने पर भी मंथन चालू कर दिया गया है। आरएसएस के पदाधिकारी भी इस काम में मदद कर रहे हैं।

हारे हुए सीटों पर तैयार हुई रिपोर्ट

भाजपा ने वर्ष 2014 में 47 सीट, 2019 में 40 तो साल 2024 के विधानसभा चुनाव में 48 सीटों पर जीत दर्ज की है। पार्टी को 42 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी की कोर टीम ने सभी सीटों पर हार को लेकर रिपोर्ट तैयार कर ली है।

एक महीने तक हारे हुए उम्मीदवारों, जिलाध्यक्षों, पुराने कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया गया। प्रदेश भाजपा इकाई ने यह रिपोर्ट पार्टी शीर्ष नेतृत्व को सौंप दी है। प्रत्येक सीट पर हार के कारणों को इंगित किया गया है।

भितरघात का उठाना पड़ा नुकसान

अधिकतर सीटों पर भाजपा को भितरघात का नुकसान उठाना पड़ा है। यह रिपोर्ट भी सामने आई कि यदि चुनाव में कुछ सीटों पर फोकस करने की बजाय इन सीटों पर भी ध्यान दिया जाता तो नतीजे 48 सीटों पर जीत से अधिक हो सकते थे। प्रदेश में भाजपा फिलहाल सदस्यता अभियान चला रही है।

भाजपा का 50 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य

भाजपा ने करीब 50 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। करीब 12 लाख सदस्य बन चुके हैं। सदस्यता अभियान के बाद प्रदेश में संगठन में बदलाव भी किया जाना प्रस्तावित है। ऐसे लोगों को पद मुक्त किया जाएगा जो पद लेकर बैठे रहे, मगर फील्ड में उन्होंने कोई काम नहीं किया।

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किसानों व जाटों की नाराजगी दूर नहीं कर सकी भाजपा

बड़ी बात यह सामने आई कि किसानों और जाटों की नाराजगी का पार्टी को नुकसान हुआ है। रोहतक, फतेहाबाद और सिरसा में जाट और किसान भाजपा के खिलाफ वोट डालने निकले। इन सीटों पर जाटों के साथ-साथ सिख मतदाताओं की नाराजगी भी देखने को मिली।

दलितों ने खुलकर भाजपा का साथ दिया। दोनों जिलों की पंजाबी बेल्ट में प्रदर्शन निराशाजनक रहा। कुछ सीटों पर टिकटों का वितरण सही नहीं हुआ। यहां पार्टी का सर्वे विफल रहा है। इन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते, जिसमें हिसार और महम जैसी सीटें भी शामिल हैं।

मेवात की तीनों सीटों पर भाजपा कमाल नहीं कर पाई। यहां नूंह दंगों का असर देखने को मिला। यहां के लोगों में भाजपा के खिलाफ नाराजगी दिखी।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आज से जिलों के प्रवास पर

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली 13 से 21 नवंबर तक पूरे प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। प्रदेश अध्यक्ष के साथ प्रवास प्रमुख भी मौजूद रहेंगे। इस एक सप्ताह में पार्टी का लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों को भाजपा से जोड़कर 50 लाख सदस्यों का टारगेट हासिल करना है।

अभियान के प्रदेश संयोजक वेदपाल एडवोकेट के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली के प्रवास कार्यक्रम के दौरान जिला अनुसार जिला कार्यकारिणी सदस्य, जिला सदस्यता टोली, मंडल सदस्यता टोली, शक्ति केंद्र प्रमुख, शक्ति केंद्र सदस्यता प्रमुख उपस्थित रहेंगे।

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