Haryana Politics: चुनाव से पहले क्या चौटाला परिवार होगा एक? जजपा को मिला खुले मंच से इनेलो में वापसी का न्योता
Haryana News हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके ओमप्रकाश चौटाला इनेलो से अलग होकर अपनी अलग पार्टी बनाने वाले बड़े बेटे अजय सिंह और पोतों दुष्यंत व दिग्विजय चौटाला के प्रति थोड़ा नरम होते हुए दिखाई दे रहे हैं। एक सभा में बिना नाम लिए कहा कि कुछ लोग गुमराह होकर तथा सत्ता के लालच में पार्टी से अलग होकर चले गए थे। उनसे हमारा कोई बैर नहीं है।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला इनेलो से अलग होकर अपनी अलग पार्टी बनाने वाले बड़े बेटे डा. अजय सिंह चौटाला और पोतों दुष्यंत चौटाला व दिग्विजय चौटाला के प्रति थोड़ा नरम हुए हैं। सिरसा के पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में चौटाला ने सीधे तौर पर जननायक जनता पार्टी के इन नेताओं का नाम तो नहीं लिया।
साथ मिल ताऊ देवीलाल के सपनों को करेंगे साकार-ओमप्रकाश चौटाला
यह जरूर कहा कि कुछ लोग गुमराह होकर तथा सत्ता के लालच में इनेलो पार्टी से अलग होकर चले गए थे। उनसे हमारा कोई बैर नहीं है। यदि वे अपने परिवार में वापस लौटते हैं तो साथ मिलकर ताऊ देवीलाल के सपनों को साकार करने का काम करेंगे।
89 साल के ओमप्रकाश चौटाला के इस राजनीतिक आह्वान को अपने बेटे व पोतों के लिए इनेलो में वापसी का खुला आमंत्रण माना जा रहा है। जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अजय सिंह चौटाला से जब भी पत्रकारों ने इनेलो व जेजेपी की एकजुटता का सवाल किया तो उन्होंने हमेशा यही कहा कि ओमप्रकाश चौटाला हमारे बड़े हैं।
यदि वे हमें बुलाएंगे तो घर वापसी पर विचार किया जा सकता है। यह बात अजय चौटाला ने कई बार कही लेकिन उनके पिता ओमप्रकाश चौटाला की ओर से रविवार को सिरसा में आयोजित पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में पहली बार अजय चौटाला के प्रस्ताव को स्वीकार करने के संकेत मिलते दिखाई दिए।
यह भी पढ़ें: हरियाणा में लोकसभा चुनाव से एक माह पहले उम्मीदवार घोषित करेगी कांग्रेस, हाईकमान ने दिया सुझाव
हालांकि इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला अपने भतीजों दुष्यंत व दिग्विजय को लेकर अक्सर गुस्से में रहते हैं और उनके विरुद्ध तल्ख टिप्पणियां भी करते रहे हैं लेकिन दोनों भाइयों को जिस भी पारिवारिक, राजनीतिक या सामाजिक कार्यक्रम में ओमप्रकाश चौटाला मिले, वहां उन्होंने अपने दादा के पांव छूकर आशीर्वाद जरूर लिया।
आशीर्वाद देते हुए दादा के चेहरे पर भी अपनेपन के भाव देखे गए। लेकिन अभय सिंह के कड़क तेवरों की वजह से ओमप्रकाश चौटाला किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रहे थे। अब जबकि राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने वाले हैं तथा जेजेपी व इनेलो दोनों को अपने राजनीतिक अस्तित्व को मजबूत बनाने में तमाम बाधाओं को पार करना पड़ रहा है।ऐसे में ओमप्रकाश चौटाला ने अपने बेटे अजय चौटाला के प्रस्ताव पर सहमति का संकेत देकर गेंद जेजेपी के पाले में डाल दी है। अजय सिंह यदि इनेलो में वापसी करना चाहेंगे तो उन्हें अपने छोटे भाई अभय सिंह को गले लगाने की पहल जरूर करनी होगी, अन्यथा भाजपा लोकसभा चुनाव में जेजेपी को कोई सीट देगी और आइएनडीआइए गठबंधन में इनेलो को शामिल किया जाएगा, इसकी संभावना बिल्कुल भी नहीं है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।