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Haryana: दूसरे राज्य के श्रमिक भी उठा सकेंगे स्वास्थ्य-शिक्षा सहित सामाजिक योजनाओं का लाभ, इस तरह से कर सकते हैं आवेदन

हरियाणा सरकार ने श्रमिकों (Workers in Haryana) के लिए स्वास्थ्य शिक्षा सहित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ देने के लिए अहम कदम उठाया है। अब दूसरे राज्य के लोग भी हरियाणा सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। इसके लिए उन्हें ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा। इस योजना के तहत छोटे किसान मजदूर रेहड़ी पटरी वाले और निर्माण श्रमिक आएंगे।

By Sudhir Tanwar Edited By: Deepak SaxenaUpdated: Tue, 16 Jan 2024 05:46 PM (IST)
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दूसरे राज्य के श्रमिक भी उठा सकेंगे स्वास्थ्य-शिक्षा सहित सामाजिक योजनाओं का लाभ।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में दूसरे राज्यों के श्रमिक भी स्वास्थ्य-शिक्षा सहित सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए उन्हें ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा। श्रम विभाग ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का पंजीकरण फिर से शुरू किया है। असंगठित क्षेत्र के अंतर्गत छोटे और सीमांत किसान, मजदूर, रेहड़ी-पटरी वाले, घरेलू कामगार और निर्माण श्रमिक इत्यादि आते हैं।

श्रम विभाग के प्रधान सचिव राजीव रंजन ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि ई-श्रम पोर्टल केवल एक डिजिटल मंच नहीं, बल्कि असंगठित कामगारों के जीवन स्तर में व्यापक सुधार लाने की पहल है। सभी जिलों में ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित कामगारों के पंजीकरण के लिए विशेष अभियान चलाया गया है। इसके माध्यम से प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक को 12 अंकों का यूनिवर्सल खाता संख्या (यूएएन) दिया जाएगा जो उसके पूरे जीवनकाल के लिए वैध होगा।

इस वेबसाइट पर करा सकते हैं पंजीकरण

साथ ही श्रमिकों का कौशल मानचित्रण भी किया जाएगा जहां वे अपने हुनर की पूरी जानकारी रजिस्टर करेंगे। इसकी मदद से नियोक्ता अपनी आवश्यकता अनुसार श्रमिकों को रोजगार प्रदान कर सकेंगे। योजनाओं का लाभ उठाने के लिए कोई भी श्रमिक eshram.gov.in पर स्वयं पंजीकरण कर सकता है या निकटतम सामान्य सेवा केंद्र या सरल केंद्र पर जा सकता है।

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पंजीकरण के लिए ये योग्यता जरूरी

पंजीकरण के बाद श्रमिक अपनी जरूरत अनुसार स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य सामाजिक सुरक्षा जैसी योजनाओं का लाभ आसानी से ले सकते हैं। श्रमिक की आयु 16 से 59 वर्ष के बीच होनी चाहिए। वह श्रमिक ईपीएफओ और ईएसआइसी का सदस्य नहीं होना चाहिए और न ही आयकर दाता नहीं होना चाहिए। श्रमिक अपने आधार नंबर, मोबाइल नंबर, आधार लिंक बैंक खाता इत्यादि से अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।

यह लोग करा सकते पंजीकरण

छोटे और सीमांत किसान, खेतिहर मजदूर, बटाईदार, मछुआरे, पशुपालन में शामिल लोग, बीड़ी बनाने वाले, लेबलिंग और पैकिंग, भवन और निर्माण श्रमिक, चमड़ा उद्योग में शामिल श्रमिक, बुनकर, बढ़ई, नमक श्रमिक, ईट-भट्ठों और पत्थर खदानों में काम करने वाले श्रमिक, आराघर के श्रमिक, घरेलू कामगार, नाई, सब्जी और फल विक्रेता, समाचार पत्र विक्रेता, रिक्शा चालक, ऑटो चालक, रेशम उत्पादन श्रमिक, टेनरी श्रमिक, स्ट्रीट वेंडर, आशा वर्कर्स, दूध देने वाले किसान, प्रवासी श्रमिक।

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