Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Haryana Crime: फैक्ट्री में किशोरी से दुष्कर्म कर निर्मम हत्या, शव चादर में लपेट छत पर कबाड़ में डाला

ठेकेदार ने फैक्ट्री में 15 वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म कर चेहरे और सिर पर ईंट से प्रहार कर निर्मम हत्या कर दी। शव को फैक्ट्री की दूसरी मंजिल पर चादर में लपेटकर कबाड़ के नीचे फेंक दिया। वारदात के बाद 55 दिनों तक फैक्ट्री में बेखौफ काम करता रहा और स्वजनों को बरगलाता रहा। पुलिस ने सुनवाई नहीं की तो स्वजन ने गृह मंत्री अनिल से शिकायत दी।

By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Fri, 10 Nov 2023 04:28 AM (IST)
Hero Image
शव चादर में लपेट छत पर कबाड़ में डालाफोटो 54, 55 क्रासर-फैक्ट्री में बेखौफ काम करता रहा

जागरण संवाददाता, पानीपत।  ठेकेदार ने फैक्ट्री में 15 वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म कर चेहरे और सिर पर ईंट से प्रहार कर निर्मम हत्या कर दी। शव को फैक्ट्री की दूसरी मंजिल पर चादर में लपेटकर कबाड़ के नीचे फेंक दिया। वारदात के बाद 55 दिनों तक फैक्ट्री में बेखौफ काम करता रहा और स्वजनों को बरगलाता रहा।

पुलिस ने सुनवाई नहीं की तो स्वजन ने गृह मंत्री अनिल विज और सीएम विंडो से शिकायत दी। सीआइए वन पुलिस ने किशोरी के कंकाल को बरामद कर अस्पताल में रखवा दिया है। आरोपित ठेकेदार को गिरफ्तार कर लिया है। वारदात में प्रयुक्त ईंट बरामद कर ली है।

पुलिस ने नहीं की सुनवाई किशोरी के स्वजन ने 15 सितंबर को थाना चांदनी बाग में शिकायत देकर आरोपित पर ही अपहरण कर अनहोनी का शक जताया था। पुलिसकर्मियों ने थाने में आरोपित से पूछताछ तक नहीं की। पीड़ित परिवार थाने के चक्कर लगाता रहा। थक हार कर पीड़ित परिवार ने सीएम विंडो और गृहमंत्री अनिल विज को शिकायत दी। 6 नवंबर को एसपी अजीत सिंह शेखावत ने मामले की जांच सीआइए वन पुलिस को सौंपी दी।

11 सितंबर को फैक्ट्री जाने लगी थी किशोरी

किशोरी के पिता ने बताया कि वह दो साल से सेक्टर-25 पार्ट-2 क्षेत्र में फैक्ट्री में काम करता है और वहीं पर तीन बेटियों व दो बेटों के साथ रहता है। 15 वर्षीय मंझली बेटी ने 11 सितंबर को तरुण कक्कड की फैक्ट्री में ठेकेदार कुलदीप के पास कपड़ों की पैकिंग का काम शुरू किया था।

15 सितंबर को बेटी लंच के बाद 1:50 बजे फैक्ट्री गई थी और शाम 5:30 बजे क्वार्टर पर नहीं आई। पत्नी फैक्ट्री गई तो बेटी की चप्पल फैक्ट्री के गेट पर मिली। अनहोनी का शक हुआ और ठेकेदार से पूछा तो बताया कि उसकी बेटी एक युवक के साथ भाग गई है। फैक्ट्री के सीसीटीवी कैमरे की जांच की तो बेटी फैक्ट्री से बाहर नहीं निकलती दिखाई दी। 

रात को ही थाने में शिकायत दे दी थी और शक कुलदीप व उसके पास काम करने वाले दो कामगारों पर जताया था। पुलिस ने तीनों को उनके सामने थाने में बुलाकर कुर्सी पर बैठाया और आवभगत करके छोड़ दिया। 18 अक्टूबर को उन्होंने सीएम विंडो व गृहमंत्री को शिकायत दी।

सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपी ने बताया सच 

सीआइए-वन प्रभारी इंस्पेक्टर दीपक कुमार ने 7 नवंबर को फैक्ट्री जाकर सात कर्मचारियों व शक के दायरे में आए कुलदीप से पूछताछ की। कुलदीप बार-बार बयान बदल रहा था। पुलिस ने उस पर पूरा दिन नजर रखी। वीरवार को सीआइए में कुलदीप, फैक्ट्री मालिक व अन्य कामगारों को भी बुलाकर पूछताछ की।

सख्ती से पूछताछ करने पर कुलदीप टूट गया और दुष्कर्म के बाद किशोरी की हत्या की वारदात स्वीकार कर ली। आरोपित 45 वर्षीय कुलदीप विकास नगर में रहता है और दो बच्चों का पिता है।

सांस बंद होने तक करता रहा ईंट से प्रहारपुलिस पूछताछ में आरोपित ने बताया कि फैक्ट्री में दोपहर एक से दो बजे तक लंच होता है। तब फैक्ट्री में वह अकेला होता है। 15 सितंबर को किशोरी लंच टाइम में दो बजने से करीब 10 मिनट पहले आ गई। उसने किशोरी को दूसरी मंजिल पर कमरे में रखे खराब सामान को लाने के लिए भेजा।

जैसे ही किशोरी कमरे में गई तो वह उसके पीछे चला गया और उसे दबोच कर दुष्कर्म किया। किशोर ने माता-पिता को बताने की बात कही तो उसने ईंट से किशोरी के सिर व चेहरे पर प्रहार कर दिए। किशोरी अचेत होकर फर्श पर गिर गई। इसके बाद वह सांस बंद होने तक सिर व छाती पर ईंट मारता रहा। हत्या के बाद किशोरी के शव को चादर में लपेटा और कमरे के बाहर छत पर कबाड़ में डालकर उस पर काफी कबाड़ डाल दिया। 

55 दिन में 70 थाने और पांच बार एसपी कार्यालय गए, नहीं हुई सुनवाईकिशोरी की मां व पिता विलाप कर रहे थे। वे बार-बार कह रहे थे कि पुलिस उनकी सुनवाई करके कुलदीप से पूछताछ कर लेती तो उनकी बेटी का शव 16 नवंबर को ही मिल जाता। बेटी कंकाल में तब्दील नहीं होती।

पिता ने बताया कि वह और उसकी पत्नी काम छोड़कर बेटी की तलाश में लगे रहे। वे 70 बार थाना चांदनी बाग गए, थाना प्रभारी, जांच अधिकारी से मिले और बेटी की तलाश की गुहार लगाई। पांच बार एसपी कार्यालय गए और हरियाणा महिला आयोग की चेयरमैन रेनू भाटिया से भी गुहार लगाई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।

केस के जांच अधिकारी ने कहा कि एक हजार पंफलेट छपवा कर लाओ। तभी बेटी को ढूंढ़ेंगे। उनकी किसी ने नहीं सुनी। थक हार कर सीएम विंडो व गृहमंत्री को शिकायत भेजी। अब बेटी का कंकाल मिला है। उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी और एसएचओ पर कार्रवाई होनी चाहिए। 

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर