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अंबाला सेंट्रल जेल सुर्खियों में, धड़ल्ले से हो रही नशे और मोबाइल की सप्लाई

अंबाला सेंट्रल जेल इन दिनों सुर्खियों में है। सेंट्रल जेल में नशे और मोबाइल की धड़ल्ले से सप्लाई हो रही है। औसतन हर माह यहां 15-20 मोबाइल फोन बरामद होना सामान्य सी बात है। बावजूद इसके इन मामलों पर रोक नहीं लग पा रही है।

By Rajesh KumarEdited By: Updated: Sun, 29 May 2022 04:49 PM (IST)
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अंबाला सेंट्रल जेल में नशे का कारोबार।

अंबाला शहर, जागरण संवाददाता। अंग्रेजों के समय की अंबाला सेंट्रल जेल इस समय सुर्खियों में है। जघन्य अपराधों में शामिल दुर्दांत अपराधी यहां सजा काट रहे हैं। गैंगस्टर से लेकर दुष्कर्म और कई हत्या कर चुके हत्यारोपित और हत्यारे यहां बंद हैं। इसके बावजूद यहां धड़ल्ले से फोन घनघना रहे हैं।

औसतन हर माह यहां 15-20 मोबाइल फोन बरामद होना सामान्य सी बात है। ऐसे में सवाल यह है कि इतने पुख्ता बंदोबस्त के बावजूद सेंट्रल जेल में आखिर बंदियों और कैदियों के पास आखिर कैसे मोबाइल फोन, नशीला पदार्थ पहुंच रहे हैं। सवाल यह भी है कि हाई टेक्नोलाजी होने के बावजूद मोबाइल फोन पर रोक लगाने के लिए यहां जैमर का प्रयोग क्यों नहीं किया जा रहा?

29 हैवान लटकाए जा चुके फंदे पर

अंबाला की इस ऐतिहासिक सेंट्रल जेल अंबाला में देश की आजादी के बाद से अब तक कुल 29 हत्यारों और हैवानों को फंदे पर लटकाया जा चुका है। यहां पहली बार महात्मा गांधी के हत्यारे नाथू राम गोडसे को 1949 में फंदे पर लटकाया गया था। आखिरी बार 21 अप्रैल 1989 को करनाल के गुलाब सिंह को यहां फांसी दी गई थी। प्रदेशभर की विभिन्न जेलों से आए 27 लोगों की फांसी को यहां उम्रकैद में तब्दील किया जा चुका है। वर्तमान में दो अंडर ट्रायल हैं। इनमें रोहतक का धर्मपाल भी शामिल है। धर्मपाल को वर्ष 1991 में दुराचार के मामले में कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी। इतिहास की बात करें तो 28 जून 1989 के बाद से लेकर अब तक 33 साल से सेंट्रल जेल में किसी को फांसी नहीं हुई।

शनिवार को पहले मिला नशीला पदार्थ फिर मोबाइल बरामद

सेंट्रल जेल में बंदी से नशीला पदार्थ मिला। जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने दो मोबाइल फाेन बरामद करवाए। इन्हीं के जरिए जेल में नशीला पदार्थ मंगवाया गया था। ऐसे में जेल प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़े होने लगे हैं। इससे पहले शुक्रवार और वीरवार को भी सेंट्रल जेल में दो अलग-अलग स्थानों से मोबाइल फोन बरामद किए गए थे। इनमें से एक मोबाइल फोन तो बाथरूम में छिपाया गया था। शनिवार रात को सेंट्रल जेल उप अधीक्षक नीलम ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि एनडीपीएस एक्ट के मामले में बंद अश्वनी गुप्ता से तलाशी के दौरान नशीला पदार्थ मिला।

पुलिस काे दी शिकायत में सहायक जेल अधीक्षक ने बताया कि शनिवार शाम को करीब साढ़े 7 बजे ब्लाक नंबर 7 में कमरा नंबर 5 में बंदी अश्वनी गुप्ता निवासी शहजादपुर की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान उसकी जेब से एक पन्नी बरामद की गई खोलकर चेकिंग करने पर से ब्राउन रंग का पाउडर मिला। बंदी से पूछताछ की गई तो उसके पास से दो मोबाइल फोन बरामद हुए।

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