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Panipat: लापरवाही! बिना सुरक्षा के तोड़े जा रहे जर्जर मकान का गिरा छज्जा, एक की मौत; जल्द होगा बिल्डिंगों का सर्वे

पानीपत के पंचरंगा बाजार प्राचीन हनुमान मंदिर के पास जर्जर मकान का छज्जा गिरने से हादसा हो गया। इस हादसे में सुताना गांव के सुशील कुमार की मौत हो गई। वहीं इस हादसे में सुशील की पत्नी और आसपास के लोग बाल बाल बच गए। हादसे के बाद अधिकारियों ने भवन को जेसीबी से तुड़वाया। शहर में 150 से ज्यादा जर्जर मकान और इमारतें हैं।

By Vinod KumarEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Thu, 02 Nov 2023 10:00 PM (IST)
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बिना सुरक्षा के तोड़े जा रहे जर्जर मकान का गिरा छज्जा, एक की मौत।

जागरण संवाददाता, पानीपत। पंचरंगा बाजार प्राचीन हनुमान मंदिर के पास बिना सुरक्षा के प्रबंध के जर्जर भवन को तोड़ा जा रहा था। इसी लापरवाही की वजह से सुताना गांव के सुशील कुमार की जान चली गई। जबकि सुशील की पत्नी और चार लोग बाल-बाल बचे। शहर में 150 से ज्यादा जर्जर मकान व अन्य इमारतें हैं।

निगम इनकी सूची तैयार कर नहीं करवा पाया है और न ही भवनों को गिराया गया है। हादसे के बाद निगम के अधिकारी कह रहे हैं कि जर्जर भवनों का सर्वे करवाया जाएगा। इसके बाद नोटिस दिए जाएंगे। हादसे के बाद अधिकारियों ने भवन को जेसीबी से तुड़वाया।

आखिर जिम्मेदार कौन ?

शहर में 150 से ज्यादा जर्जर बिल्डिंग है। ऐसे में नगर निगम ने अभी तक नोटिस तक नहीं दिए। वीरवार को पचरंगा बाजार में जर्जर बिल्डिंग में निर्माण कार्य बिना अनुमति के चल रहा था। इसमें मालिक, मिस्त्री की सबसे बड़ी गलती है कि अगर निर्माण कार्य चल रहा था तो रास्ता बेरिकेड्स के साथ क्यों नहीं राेका गया। इसी रास्ते से आवाजाही जारी थी। इसी लापरवाही के कारण हादसा घटित हो गया। अब निगम के अधिकारी भी जिम्मेदारी से बच रहे हैं।

हादसे बाद सहमे लोग

हादसे के बाद आसपास रहने वाले लोग सहमे हुए है। चश्मदीद राजबाला ने बताया कि अचानक से तेज आवाज और धूल का गुबार उठा दिखा। हादसा होते ही मौके पर जाकर देखा तो बाइक सवार पूरी तरह से ईंटों के नीचे दब चुका था और जब ईंटें हटाई तो आंतड़ियां बाहर निकली हुई थी और व्यक्ति के शरीर में कोई हलचल नहीं थी। इस तरह फिर पुलिस को सूचित किया गया और मौके पर पुलिस व दमकल की गाड़ी पहुंची।

आंखों के सामने हुआ हादसा

स्थानीय निवासी संजय ने बताया कि आंखों के सामने हादसा हुआ और मृतक व्यक्ति के शरीर से खून के छींटें काफी दूर तक आई। यह देख अब गलियों से बाहर निकलने में भी डर लग रहा है।

श्रद्धालुओं को भी मंदिर आने लग रहा डर

प्राचीन हनुमान मंदिर के पंडित देव नारायण ने बताया कि यहां आसपास कई बिल्डिंग जर्जर हुई है। अब हादसे से पहले भी श्रद्धालुओं को डर सता रहा था। अब नगर निगम ने कोई ठोस कार्रवाई करते हुए जर्जर बिल्डिंग को गिरवाना चाहिए।

यहां है जर्जर भवन

शहर में सबसे ज्यादा जर्जर मकान जैन मुहल्ला, महाजन वाली गली और इंसार मुहल्ला में है। यहां दो से तीन मंजिला 50 साल पुराने मकान हैं। हैरानी तो यह है कि नगर निगम 2011 में बना था। अब 12 साल बीत चुके हैं, अभी तक जर्जर इमारतों के सर्वे तक नहीं किए गए और न ही नोटिस दिए। अब हादसे होने का खतरा बना हुआ है। पहले ही गलियां तंग है और ऊपर से तीन-तीन मंजिला मकान काफी जर्जर हो चुके हैं।

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जर्जर बिल्डिंग में खुद नगर निगम

नगर निगम की खुद की बिल्डिंग जर्जर हुई पड़ी है। मानसून सीजन में छत से पानी कार्यालय के अंदर तक जाता है और और कर्मचारियों को भी डर के साये में काम करना पड़ रहा है। नगर निगम के अधिकारियों ने अभी तक जर्जर बिल्डिंगों कैसे गिराना और समाधान का कोई विकल्प नहीं तलाश किया।

नगर निगम पानीपत के एटीपी योगेश तोमर ने बताया कि अब सर्वे करवाया जाएगा कि शहर में कितनी जर्जर बिल्डिंग है। उसी के हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी। अगर जर्जर बिल्डिंग है तो वह अपनी बिल्डिंग गिरवा ले, नहीं तो निगम कार्रवाई करेगा।

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