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Panipat: महज 7000 रुपये में बांग्लादेश से की भारत में घुसपैठ, मैसेंजर के जरिए करते थे बात; पुलिस कस्टडी में किए कई खुलासे

पानीपत में पकड़े गए चार बांग्लादेशी युवकों को पुलिस ने एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। वहीं पूछताछ में पता चला कि फोन कॉल पर नहीं बल्कि फेसबुक मैसेज पर बातचीत होती है। बांग्लादेश से ही इंटरनेट पर ही ब्लीच हाउस का कारोबार सर्च किया था। पानीपत नाम ऊपर आने पर यहीं आए। हालांकि पुलिस इस मामले में और भी खुलासे कर सकती है।

By rajinder singh Edited By: Deepak SaxenaUpdated: Tue, 16 Jan 2024 10:00 PM (IST)
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महज 7000 रुपये में बांग्लादेश से की भारत में घुसपैठ, मैसेंजर के जरिए करते थे बात।

आशु गौतम, पानीपत। जिले में पकड़े गए चार बांग्लादेशी युवकों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में कई गिरोह है जो बिना पासपोर्ट और बिना वीजा के पांच से सात हजार रुपये में गरीब लोगों को अवैध तरीके से गुप्त रास्तों से भारत पहुंचाते है। पकड़े जाने के डर से गिरोह के सरगना कभी सामने नहीं आते।

सरगना फोन पर पूरा सौदा तय करते है। उसके बाद गिरोह का एक सदस्य उस व्यक्ति को गुप्त रास्तों से बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल तक पहुंचाता है। उसके बाद उसका आगे का सफर ट्रेन से शुरू हो जाता है। ये चारों भी उसी गिरोह की मदद से पानीपत पहुंचे थे। पुराना औद्योगिक थाना पुलिस ने चारों आरोपितों को पूछताछ के लिए एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। पुलिस रिमांड के दौरान सबसे पहले पानीपत पहुंचे आरोपित सलीम उर्फ काला ने बताया कि वह एक साल पहले पानीपत आया था।

बांग्लादेश भेजने के लिए ऐसे काम करता नेटवर्क

उसने कहा कि बांग्लादेश में लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर है। वहां के लोग ब्लीच हाउस का काम जानते है। उसने इंटरनेट पर सर्च किया कि भारत में ब्लीच हाउस कहां-कहां पर है और सबसे ज्यादा काम कहां पर होता है। इंटरनेट पर पानीपत का नाम सामने आया तो उसने भारत जाने का फैसला किया। उसे एक सदस्य मिला, जिसने भारत पहुंचाने वाले गिरोह का मोबाइल नंबर मुहैया कराया। गिरोह के सरगना ने फोन पर ही बात की। उसने मिलने के लिए कहा, लेकिन सरगना ने इंकार कर दिया।

उसने भारत पहुंचाने के लिए सात हजार रुपये मांगे। एक युवक उससे रुपये लेकर चला गया। उसके सात दिन बाद उसके पास दूसरा युवक आया, जिसने उसे गुप्त रास्तों से भारत के पश्चिम बंगाल में प्रवेश कराया। उसके बाद उसे ट्रेन की टिकट थमाकर ट्रेन में बैठा दिया, वह ट्रेन से पानीपत पहुंचा। उसके बाद उसने जबर, अख्तर और अली को बुलाया।

फोन पर नहीं, फेसबुक मैसेंजर पर होती है बातचीत

पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि गिरोह के सरगना ने भारत में प्रवेश कराने से पहले उसे कुछ सावधानी बरतने के लिए कहा था। उसने कहा था कि भारत में रहने के दौरान वह कभी भी अपने परिवार से फोन कॉल पर बात न करें। इससे पकड़े जाने का डर है, जिसके तहत वह अब पानीपत में रहते वक्त परिवार से फेसबुक मैसेंजर पर बातचीत करते थे। पुलिस ने उनके पास से तीन सिम कार्ड बरामद किए है।

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सफीदों में बांग्लादेश के युवक पकड़े तो अपडेट कराया पता

पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि शुरुआत में उनके पास आधार कार्ड नहीं थे। उन्होंने एक साल पहले जिस फैक्टरी में काम किया था, वहां के फैक्टरी मालिक ने उनके आधार कार्ड बना दिए थे, जिसमें उनका पानीपत का पता गांव चमराड़ा दिखाया था। अब तीन दिन पहले उन्होंने इंटरनेट पर पढ़ा कि सफीदों पुलिस ने कुछ बांग्लादेश के युवकों को पकड़ा है, जिससे वह चारों डर गए।

वे एक सीएचसी सेंटर संचालक के पास पहुंचे और जहां पर उन्होंने सोमवार को अपना पता अपडेट कराकर पश्चिम बंगाल करवाया था।

पुराना औद्योगिक थाना के प्रभारी इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार ने कहा कि चारों आरोपितों को न्यायालय में पेश कर एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है, गिरोह में ओर कौन-कौन शामिल है, उसकी पूछताछ की जा रही है। बुधवार को उन्हें दोबारा न्यायालय में पेश कर जेल भेजा जाएगा।

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