Christmas 2020: अंबाला के इस चर्च का इतिहास जानकार रह जाएंगे हैरान, क्वीन विक्टोरिया से भी है जुड़ाव
अंबाला कैंट की सेंट पॉल चर्च भारत-पाक युद्ध में क्षतिग्रस्त हुआ था। 1965 के भारत-पाक युद्ध में पाक लड़ाकू जहाजों ने बमबारी की थी। क्रॉस पर भी निशान पड़ गए थे। 1857 की बाइबल भी चर्च की शोभा बढ़ा रही है।
By Anurag ShuklaEdited By: Updated: Fri, 25 Dec 2020 08:43 AM (IST)
पानीपत/अंबाला, जेएनएन। अंबाला कैंट स्थित सेंट पॉल चर्च बेशक जर्जर हालत में है, लेकिन इसका इतिहास काफी दमदार है। करीब 163 सालों का इतिहास इस चर्च का है। आज यह आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआइ) के रिकॉर्ड में यह चर्च है। भारत-पाक युद्ध 1965 के दौरान पाकिस्तानी लड़ाकू जहाजों ने इस चर्च पर बम गिराये, जिसके कारण यह क्षतिग्रस्त हो गया है। बीते 55 सालों से यह चर्च जर्जर हालत में है। जब यह चर्च बनाया गया था, तो उत्तर भारत के चुनिंदा चर्च में यह शुमार था। एएसआइ की ओर से कांग्रेस कार्यकाल में इसके लिए राशि मंजूर तो की गई, लेकिन यह जारी नहीं हो पाई। इसी कारण से चर्च आज भी जर्जर हालत में ही है।
यह है इतिहास
जनवरी 1857 में इस चर्च का निर्माण किया गया था। सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु प्रार्थना के लिए इकठ्ठा होते थे। इसी चर्च में ब्रिटिश काल में क्वीन विक्टोरिया की दूसरी बरसी पर भी विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ था। ब्रिटिश काल में बनी यह चर्च उत्तर भारत के चुङ्क्षनदा चर्च में शामिल थी। इसका भीतरी हिस्सा काफी शानदार था, जिसकी यादें अब तस्वीरों में ही हैं। इसी चर्च में 1857 की बाइबल भी मौजूद है। इस चर्च के पास ही इन दिनों एयरफोर्स स्कूल चलाया जा रहा है।
1965 के युद्ध में हुआ था क्षतिग्रस्त
सेंट पॉल चर्च भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में क्षतिग्रस्त हो गया था। पाक लड़ाकू जहाज एयरफोर्स की हवाई पट्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए आए थे, लेकिन उन्होंने इस चर्च पर बम बरसा दिए। इस बमबारी में यह खूबसूरत चर्च क्षतिग्रस्त हो गया था। इसी चर्च में रखे क्रॉस को भी नुकसान हुआ था। यह क्रॉस आज भी मौजूद है। चर्च के क्षतिग्रस्त होने के बाद इसे कुछ ही दूरी पर शिफ्ट कर दिया गया था। आज जिस स्थान पर इसे चर्च का रूप दिया गया है, उसके पास ही ब्रिटिश काल की बैल्ल भी है।
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