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हरियाणा के इस शहर को मिली देश के पहले लघु गीता संग्रहालय की सौगात, सीएम ने किया उद्घाटन

हरियाणा की धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में लघु गीता संग्राहलय का मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उद्घाटन किया यह विश्व का एकमात्र गीता आधारित लघु संग्रहालय भी है। आजादी की लड़ाई में गीता के महत्व और विश्व के प्रमुख चिंतनकारों की कही बातों को प्रमुख रूप से उकेरा गया है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Updated: Sun, 07 Mar 2021 12:57 PM (IST)
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देश की सबसे छोटी और सबसे बड़ी गीता संग्रहालय में होंगी।
पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। हरियाणा की धर्मनगरी कुरुक्षेत्र को देश के पहले गीता लघु संग्रहालय की सौगात मिल गई है। यह विश्व का एकमात्र गीता आधारित लघु संग्रहालय भी है। इसमें थीम से लेकर हर चीज गीता से जुड़ी है। गीता ज्ञान संस्थानम् में इसके प्रथम चरण का मूर्त रूप दिया गया है। इसमें खास बात यह है कि आजादी की लड़ाई में गीता के महत्व और विश्व के प्रमुख चिंतनकारों की कही बातों को प्रमुख रूप से उकेरा गया है।आरएसएस के सह सर कार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय मंत्री रत्न लाल कटारिया, खेल मंत्री संदीप सिंह, विधायक सुभाष सुधा, घरौंडा विधायक हरविंदर कल्याण, पानीपत से प्रमोद विज, पूंडरी से रणधीर गोलन, कुरुक्षेत्र सांसद नायब सिंह सैनी मौजूद रहे।

गीता ही सही जीवन जीने का ज्ञान देती है ः सीएम मनोहर

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विश्व को मानवता का संदेश देने वाली गीता की उपस्थिति में हम यहां उपस्थित हुए हैं। गीता का सार जीवन मे उतारना से पड़ता है। वह एक छोटी गीता अपनी जेब में रखते हैं। इससे अच्छा काम करने की प्रेरणा मिलती है। महाभारत भी एक पुस्तक है और गीता भी एक पुस्तक है। महाभारत को लोग घर मे रखना पसंद नहीं करते लेकिन गीता का आदर करते हैं। गीता ही सही जीवन जीने का ज्ञान देती है। जीवन में गीता को उतरना जरूरी है। जीवन मे बहुत सी समस्याएं हैं, इनका हल ज्ञान में खोजना चाहिए।

गीता में सभी समस्याओं का समाधानः स्वामी ज्ञानानंद 

इस दौरान गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि इस संग्रहालय से विश्व भर में गीता का संदेश जाएगा। गीता में ही विश्व की सभी समस्याओं का समाधान है। डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि आज गीता के प्रचार में नया चरण शुरू हुआ है। सभी ग्रंथों का सार भगवद गीता में है। हर देश की विशेषता है हमारी विशेषता है कि हम आध्यत्मिक हैं। हर मनुष्य मानता है कि परमात्मा है। भारत भक्ति के लिए प्राचीन काल से ही ज्ञान ओर परमात्मा की तलाश ओर साधना में है। गीता कहती है परमात्मा सभी के अंदर है फिर द्वेष कैसा है। देश ने आध्यात्म को जीना सीखा है। कुछ भी काम करो निर्भय होकर करो। 16वें अध्याय का पहला श्लोक निर्भय होने का ही संदेश देता है।

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