साइबर ठगी का नया तरीका, रिश्तेदार बनकर करते हैं फोन, फिर बातों में उलझाकर देते है घटना को अंजाम
हरियाणा में साइबर ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। बदमाश नए-नए तरीके कर ठगी को अंजाम दे रहे है। पुलिस ने इसके लिए लोगों को एडवाजरी भी जारी कर रही है ताकि लोग ऐसे शातिरों के बहकावे में न आएं।
By Jagran NewsEdited By: Naveen DalalUpdated: Wed, 05 Oct 2022 03:15 PM (IST)
अंबाला, जागरण संवाददाता। साइबर ठगों ने अब रिश्तेदार या दोस्त बनकर लोगों से ठगी का तरीका अपनाना शुरू कर दिया है। यह शातिर इस तरह से काल करते हैं कि सामने वाला उसके झांसे में आ जाता है और उसके खाते से नकदी निकल जाती है। इसी को लेकर अब पुलिस भी लोगों को सावधान कर रही है ताकि लोग ऐसे ठगों के झांसे में न आए। यह ठग इस तरह से व्यक्ति की जानकारी जुटाते हैं कि पीड़ित को लगता ही नहीं कि कोई अनजान व्यक्ति उनको काल कर रहा है।
इस तरह से करते हैं ठगी ऐसे साइबर अपराधी इंटरनेट मीडिया पर किसी भी व्यक्ति की प्रोफाइल को चेक करते हैं और उसकी सारी जानकारी इकठ्ठा करते हैं। इसके बाद इस नंबर पर काल करते हैं और उसे उसके नाम से पुकारते हैं। ऐसे में व्यक्ति को लगता है कि हो सकता है कोई जानकार हो। शातिर उसे पहचानने की बात करता है, तो व्यक्ति कोई नाम लेता है। जैसे वह कोई नाम लेता है, तो शातिर वही बनकर उससे बातचीत को आगे बढ़ाता है। यही से शातिर अपना खेल शुरू करता है।
कुछ देर की बातचीत के बाद शातिर कहता है कि वह उसके खाते में कुछ रुपये ट्रांसफर कर रहा है। यदि उसे आवश्यकता हो तो इस्तेमाल कर लेना, नहीं तो वह बाद में रकम ले लेगा। इस पर व्यक्ति झांसे में आ जाता है और अपना खात नंबर शातिर को बता देता है। इसी पर कुछ एप के माध्यम से खाते में राशि डालते हैं और कहते हैं कि राशि ट्रांसफर हो रही है और वह ओके क्लिक करके उसे रिसीव कर ले। जैसे ही वह व्यक्ति ओके पर क्लिक करता है, तो उसके बैंक खाता से शातिर द्वारा भरी गई रकम ठग के खाते में ट्रांसफर हो जाती है। इसी तरह के कुछ मामले अब सामने आने लगे हैं, जिससे जनता को सावधान रहने के लिए पुलिस जागरूक कर रही है।
यह है पुलिस की एडवाइजरी
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- पुलिस ने इसके लिए लोगों को एडवाजरी भी जारी की है, ताकि लोग ऐसे शातिरों के बहकावे में न आएं।
- इंटरनेट मीडिया पर अंजान व्यक्ति से दोस्ती न करें, फोन पर किसी से भी बैंक खाते से संबंधित अपनी निजी जानकारी सांझा न करें।
- इंटरनेट मीडिया या ई-मेल पर आए किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
- इंटरनेट साइट पर डाले गए किसी भी असत्यापित खाते में रकम जमा न कराएं।
- किसी भी खाते में रकम जमा कराने से पहले पूरी जांच कर लें और आधिकारिक लिंक का ही प्रयोग करें। अपराधी फर्जी साइट बनाकर ठगी करते हैं।
- किसी भी साइट का इस्तेमाल पूरी सावधानी से करें।
- यदि कोई परिचित बनकर बात करता है तो सावधानी बरतें यह साइबर ठग हो सकता है।