हथिनी कुंड बैराज में खतरा, रिवर बैड का लेवल हुआ डाउन, कम किया जा रहा पानी का दबाव
हथिनी कुंंड बैराज में खतरा बढ़ता जा रहा है। रिवर बैड का लेवल डाउन होने से खतरा बढ़ रहा है। सुरक्षा के मद्देनजर बैराज से 500 मीटर नीचे की ओर बनाया जा रहा टेंपरेरी स्ट्रक्चर। वहीं पानी के दबाव को भी कम किया जा रहा है।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। हथिनी कुंड बैराज के रिवर बेड का लेवल डाउन हो जाने से बैराज को खतरा बढ़ गया हैं। वर्ष 1999 से अब तक करीब 14 मीटर डाउन आ गया है। उधर, सुरक्षा के मद्देनजर सिंचाई विभाग की ओर से बैराज से 500 मीटर नीचे की ओर टेंपरेरी स्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है, ताकि बैराज पर पानी के दबाव को कम किया जा सके। मानसून सीजन में पानी का दबाव बढ़ेगा। इससे दिक्कत आ सकती है। सिंचाई विभाग के एसई आरएस मित्तल का कहना है कि रिवर बैड डाउन हुआ है। इस पर काम किया जा रहा है। बैराज को खतरे वाली कोई बात नहीं है।
761 क्यूसेक पानी दिल्ली के लिए छोड़ा गया
मंगलवार को बैराज पर 3800 क्यूसेक पानी का बहाव रहा। इसमें 761 क्यूसेक पानी दिल्ली के लिए छोड़ा गया। हरियाणा में पानी की डिमांड नौ हजार क्यूसेक है, जबकि मात्र 23 सौ क्यूसेक पानी मिल रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश को 484 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है,जबकि मांग दो हजार क्यूसेक पानी की है। यमुना नदी में जलीय जीव जन्तुओं के लिए मात्र 352 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
ऐसे होता है नुकसान
विशेषज्ञ बताते हैं कि जब पानी का बहाव डेढ़ लाख क्यूसेक से अधिक होता है तो उसके साथ पत्थर व लक्कड़ आने शुरू हो जाते है। जिसके कारण बैराज पर दबाव बढ़ जाता है। रिवर बैड के नीचे से रेत-मिट्टी खिसकनी शुरू हो जाती है। धीरे-धीर रिवर बैड डाउन होती चली जाती है।
270 करोड़ की लागत से बना था बैराज
यमुना नदी के पानी का हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली व हिमाचल में बंटवारा व जल आपूर्ति के लिए बैराज का निर्माण किया गया। 270 करोड़ रुपये की लागत से बने बैराज का नौ जुलाई 1999 में पूर्व सीएम बंसीलाल ने उद्धाटन किया था। जलस्तर बढऩे पर बैराज के गेट को बंद कर नहरों की सप्लाई को कर्मचारी बंद करते हैं। नियमित तौर पर हर एक घंटे के अंतराल के बाद वाटर लेवल की रिपोर्ट प्रदेश व केंद्र सरकार के पास भेजी जाती है, ताकि समय रहते प्रशासन बाढ़ बचाओ के इंतजाम करें और बाढ़ आने से पहले यमुना से सटे आसपास के क्षेत्र में अलर्ट घोषित करवाया जा सके।
बैराज के 18 गेट
बैराज के 18 गेट हैं। जिसमें 15 गेट हरियाणा और तीन उत्तर प्रदेश में है। बैराज की क्षमता 10 लाख क्यूसेक पानी के दबाव की है। दो साल पहले सवा आठ लाख क्यूसेक पानी आया था, तब सेंटर वाटर एंड पावर रिसर्च स्टेशन ने बैराज की सुरक्षा पर खतरा जताया था और यहां पर पुख्ता इंतजाम के बारे निर्देश दिए थे। उसके बाद से ही सिंचाई विभाग की ओर से इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिए गए।