Ayushman Chirayu Yojna: मुफ्त का इलाज लेने में भी लेटलतीफी, रेड ज़ोन में हरियाणा के तीन ज़िलों का नाम
प्रधानमंत्री आरोग्य (आयुष्मान भारत) और चिरायु योजना (Ayushman Chirayu Yojna) का लाभ उठाने के लिए आखिरी तारीख 15 अक्टूबर रखी गई थी। हालांकि कई पात्रों ने इसके लिए अभी तक आवेदन किया ही नहीं है। इस सूची में फरीदाबाद गुरुग्राम जैसी स्मार्ट सिटी के साथ-साथ मेवात का नाम भी शामिल है।
जागरण संवाददाता, पानीपत। प्रधानमंत्री आरोग्य (आयुष्मान भारत) और चिरायु योजना (Ayushman Chirayu Yojna) के तहत सरकार हर साल प्रति परिवार को पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज करवाती है।
इसके लिए सरकार ने आवेदन करने की पहले आखिरी तारीख 30 सितंबर रखी थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 15 अक्टूबर (Ayushman Chirayu Yojna Application Last Date) कर दिया गया था। हालांकि, अभी भी लेटलतीफी देखने में मिली है। हरियाणा में आयुष्मान चिरायु योजना के लिए 5,75,456 पात्र हैं। इनमें से 4,43,268 पात्रों ने गोल्डन कार्ड बनवा लिए हैं।
अभी भी 1,32,088 पात्र ऐसे हैं, जो गोल्डन कार्ड बनाने में लेटलतीफ बने हैं। पात्रों के कार्ड बनाने में जिला महेंद्रगढ़, भिवानी, चरखी दादरी व हिसार के साथ पानीपत भी ग्रीन जोन में शामिल है।
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के तमाम प्रयासों के बाद एक साल से इसी नंबर पर है। जिला महेंद्र गढ़ 79.73 प्रतिशत पात्रों के गोल्डन कार्ड बनाकर शीर्ष पर है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात रेड जोन में हैं।
वहीं, पानीपत के सिविल सर्जन डॉ. जयंत आहूजा ने इसे लेकर कहा कि आयुष्मान चिरायु योजना के लिए पात्रों को आगे आकर कार्ड बनवाने चाहिए। कोई बीमारी समय बताकर नहीं आती। अस्पताल में पहुंचने पर गोल्डन कार्ड की सुध लेंगे तो कार्ड जनरेट कराने में देरी भी हो सकती है। उस स्थिति में पैनल में शामिल निजी अस्पतालों में पॉकेट से इलाज खर्च का भुगतान करना पड़ सकता है। कार्ड बनवाएं, फ्री इलाज का लाभ उठाएं।
आयुष्मान चिरायु योजना के लिए कौन-कौन कर सकता है आवेदन?
आयुष्मान चिरायु योजना में तीन लाख रुपये तक की आय वाले परिवारों को शामिल किया गया है। इसी साल सीएम मनोहर लाल ने घोषणा की थी कि सरकार एक लाख 80 हजार रुपये से तीन लाख रुपये तक की आय वालों को चिरायु योजना का लाभ देगी। इसके तहत 1500 रुपये का वार्षिक शुल्क जमा करना होगा। जबकि 1500 रुपये सरकार वहन करेगी। यह पेमेंट आनलाइन या फिर अटल सेवा केंद्रों के माध्यम से जमा करनी थी।