Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

मानसून में बढ़ जाता है इन बीमारियों का खतरा, लक्षण और बचाव भी जान लें

मानसून आते ही कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में बरसाती मौसम में हमें सावधानी बरतनी चाहिए। डाक्टर्स की मानें तो इन बीमारियों से बचाव के लिए उपाय करें ताकि इलाज की जरूरत न पड़े।

By Rajesh KumarEdited By: Updated: Sun, 03 Jul 2022 08:00 AM (IST)
Hero Image
मानसून में बढ़ जाता है बीमारियों का खतरा।

पानीपत, जागरण संवाददाता। बरसात के मौसम को यूं तो सुहाना कहा जाता है। मगर यह मौसम अपने साथ कई बीमारियां भी लेकर आता है। बारिश में भीगने से खांसी-जुकाम तो सामान्य है, फंगल इंफेक्शन भी हो जाता है। मच्छर और जलजनित बीमारियां भी खूब सताती हैं।

सिविल अस्पताल के कंसल्टेंट डा.जितेंद्र त्यागी कहते हैं कि बीमारियों से बचाव के लिए उपाय करें ताकि इलाज की जरूरत न पड़े। सर्दी-जुकाम, बुखार बारिश के मौसम में होना आम रोग है। शरीर में नमी रहने के कारण सर्दी-खांसी के बैक्टीरिया जन्म लेते हैं। बेहतर होगा कि बारिश में भीगने से बचें। भीग गए हैं तो जितना जल्दी हो कपड़े बदलकर सूखे कपड़े पहन लेना चाहिए। इस मौसम में मच्छर भी खूब पनपते हैं।

नतीजा, डेंगू-मलेरिया का खतरा। इन रोगों के लक्षण दिखें तो सबसे पहले रक्त जांच कराएं। मच्छरों से बचाव के उपाय करें। जुलाई को डेंगू जागरूकता माह के रूप में मनाया जा रहा है। हर रविवार को ड्राई डे भी मनाएं।

डा. त्यागी के मुताबिक यलो फीवर भी मच्छरों के काटने से होने वाली संक्रामक बीमारी है। मरीजों में पीलिया जैसे लक्षण दिखते हैं। लीवर से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं।

1. हैजा रोग: दूषित पेयजल, बरसात के मौसम में गंदगी, हैजा फैलने का सबसे बड़ा कारण है। पेट में दर्द के साथ उल्टी-दस्त इसके लक्षण हैं। बचाव के लिए पानी उबालकर पीना चाहिए। टीका लगवाना भी बहुत जरूरी है।

2. टाइफाइड बुखार : प्रदूषित जल और भोजन से होने वाले रोग का लक्षण तेज बुखार है।रोगी के पित्ताशय में संक्रमण हो जाता है। यह भी संक्रामक रोग है, मरीज को स्वस्थ लोगों से दूरी बनाकर रहना चाहिए। इलाज के साथ ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करें।

3. चिकनगुनिया बुखार : एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होने बुखार है। मच्छर के काटने के चार-पांच दिनों बाद लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। तेज बुखार, जोड़ों में दर्द व सूजन, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, शरीर पर दाने निकलना इसके लक्षण हैं। मच्छरों से बचें, शुद्ध व पौष्टिक भोजन का सेवन करें।

4. फंगल इंफेक्‍शन: बारिश से भीगने पर यह रोग हो सकता है। बचाव के लिए साफ-सफाई का ध्‍यान रखें। हाथ-पैर, तलवों, अंडरआर्म्‍स में ज्‍यादा पसीना न आने दें। गीले कपड़े न पहनेंं। दूसरों के साथ अपना तौलिया शेयर न करें। सूखे हुए सूती कपड़े पहनें। कपड़ों की धुलाई में एंटी बैक्टीरियल साबुन का प्रयोग करें।

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर