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प्राचीन सरस्वती नदी में जलप्रवाह का सपना होगा साकार, आदिबद्री में डैम का डिजाइन फाइनल

आदिबद्री के बनने वाले डैम का डिजाइन फाइनल हो गया है। अब बैठक इंतजार हो रहा है। डैम को हिमाचल प्रदेश की सरकार करवाएंगी निर्माण। इससे प्राचीन सरस्‍वती नदी में जलप्रवाह का सपना साकार होगा। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

By Anurag ShuklaEdited By: Updated: Thu, 08 Sep 2022 12:18 PM (IST)
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प्राचीन सरस्वती नदी में जलप्रवाह की योजना।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। प्राचीन सरस्वती नदी में जलप्रवाह की योजना पर तेजी से काम चल रहा है। धार्मिक स्थल आदिबद्री में बनने वाले डैम का डिजाइन फाइनल हो गया। मिट्टी के सैंपल की प्रक्रिया चल रही है। डिजाइन को लेकर हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों के साथ हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड बैठक होनी है। उसके बाद फाइनल रिपोर्ट तैयार कर टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

इस डैम का निर्माण हिमाचल प्रदेश की सरकार करवाएगी, जबकि बजट हरियाणा सरकार की ओर से उपलब्ध करवाया जाएगा। अंडरग्राउंड पाइप लाइन व सरस्वती जलाशय के लिए भी सर्वे पर काम हो रहा है। इन परियोजनाओं पर करीब 400 करोड़ रुपये खर्च होंगे। हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धूमन सिंह किरमच का कहना है कि अगले सप्ताह में बैठक हो सकती है। नवंबर माह तक डैम का कार्य शुरू होने की उम्मीद है।

224 हेक्टेयर भूमि पर होगा बरसाती पानी का भंडार

80 एकड़ जमीन पर डैम या बांध का निर्माण हिमाचल प्रदेश की एजेंसी एचपीपीसीएल करेंगी। इसके लिए दोनों राज्यों की सरकार के बीच गत जनवरी माह में समझौते पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। डैम में 224 हेक्टेयर मीटर जल का भंडारण होगा। 61.88 मीटर पानी को हिमाचल प्रदेश प्रयोग करेगा, जबकि शेष पानी से सरस्वती नदी को पुनर्जीवित किया जाएगा। डैम को लेकर दो समितियों का गठन किया गया है। जो निर्माण कार्य व रखरखाव के कार्यों के मामलों को देखेंगी।

ये काम भी होंगे

आदिबद्री में बनने वाले जलाशय में मत्स्य पालन हो सकता है। आदिबद्री क्षेत्र में की सड़कें, पेयजल और बिजली लाइनों में सुधार होगा। सिंचाई के लिए डैम का पानी को पहुंचाने के लिए पंप लगाने की योजना है। इस पर 34.76 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वन भूमि के लिए मुआवजे के लिए भी 27.75 करोड़ रुपए रखे गए हैं। सरस्वती नदी के लिए रामपुर कांबोज, रामपुरा हेडियान व छिलौर में रिजरवाए भी बनेगा। इसमें भी बरसाती पानी स्टोर होगा। जरूरत के हिसाब से पानी को सरस्वती नदी में छोड़ा जाएगा। चार सौ एकड़ भूमि पर बनने वाले इस परियोजना को भी मंजूरी मिल चुकी है। इस स्थान को पर्यटन की दृष्टि से तैयार किया जाएगा। जलाशयल के चारों और छायादार व फलदार पौधे व अन्य सुविधाएं दी जाएगी।

जिसका क्षेत्र निर्माण पर इसका पहला अधिकार

हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के एसई अरविंद्र कौशिक का कहना है क डैम का डिजाइन फाइल हो गया। अब हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों के साथ इस बारे में बैठक होनी है। जिसके बाद ही टेंडर व अन्य प्रक्रिया को हरी झंडी मिलेगी। नियम है कि जिस क्षेत्र में परियोजना का निर्माण होता है। उसका निर्माण का पहला अधिकार होता है। डैम हिमाचल प्रदेश के वन विभाग की जमीन पर तैयार होगा। केंद्रीय जल आयोग इस मामले की निगरानी कर रहा है।

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