पटाखा फैक्ट्री में लगी आग, धमाका, श्रमिक की मौत, 10 साल का बच्चा झुलसा
करनाल में एक पटाखा फैैक्ट्री में आग लग गई। आग की वजह से धमाका हुआ और छत उड़ गई। हादसे में एक श्रमिक की मौत हो गई जबकि मासूम झुलस गया।
By Anurag ShuklaEdited By: Updated: Mon, 25 May 2020 10:22 AM (IST)
पानीपत/करनाल, जेएनएन। करनाल के कुंजपुरा गांव के समीप मुगल माजरा रोड पर पटाखा फैक्ट्री में आग लग गई। आग की वजह से धमाका हुआ और एक कमरे की छत उड़ गई। हादसे में एक श्रमिक की मौत हो गई और 10 वर्षीय बच्चा झुलस गया। फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पा लिया है। पुलिस ने फैक्ट्री संचालक के खिलाफ लापरवाही का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि विनायक फायर वर्क्स की पटाखा फैक्ट्री में बिहार के नवादा क्षेत्र निवासी श्रमिक विनोद पटाखे बनाने के रॉ मैटेरियल के कमरे की सफाई कर रहा था। तभी कमरे में कहीं से चिंगारी से आ गई और उससे आग लग गई। धमाके के साथ कमरे की छत उड़ गई। इसमें विनोद बुरी तरह से जख्मी हो गया। फैक्ट्री में अपने रिश्तेदार के साथ आया कुंजपुरा निवासी 10 वर्षीय प्रदीप भी झुलस गया। हादसे के समय फैक्ट्री के दूसरे कमरे में करीब 12 श्रमिक काम कर रहे थे। विनोद व प्रदीप को कल्पना चावला राजकीय मेडिकल अस्पताल में भेजा गया, लेकिन विनोद की रास्ते में ही मौत हो गई।
धमाके ने उड़ा दिए सबके होश, फैली सनसनी
कुंजपुरा के समीप मुगल माजरा क्षेत्र की पटाखा फैक्ट्री में अचानक आग लगने के साथ हुए धमाके से श्रमिकों के साथ साथ आसपास के क्षेत्र में भी सनसनी फैल गई थी। जब हादसा हुआ तो करीब 12 श्रमिक फैक्ट्री में ही थे। श्रमिकों ने तेज धमाके के साथ एक कमरे की छत उड़ते हुए देखी तो उनके होश उड़ गए। श्रमिकों के अनुसार धमाके के साथ ही कमरे की दीवार भी ढह गई और उसके नीचे श्रमिक विनोद पासवान आ गया। मजदूरों ने तेजी से उसे बाहर निकाला, लेकिन तब तक वह गंभीर रूप से जख्मी हो चुका था। अस्पताल के रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।
विनायक फायर वर्क्स
विनायक फायर वर्क्स नामक इस फैक्ट्री के अंदर ही श्रमिकों के रहने के लिए क्वार्टर बना हुए हैं। रविवार की शाम को श्रमिक विनोद पासवान सफाई का काम कर रहा था। जबकि अन्य मजदूर अपने क्वार्टर में थे या फिर कोई और काम कर रहे थे। विनोद सफाई करते हुए उस कमरे के पास पहुंचा, जहां पटाखे से संबंधित सामग्री रखी हुई थी। वह जैसे ही कमरे में सफाई करने लगा तो एक ङ्क्षचगारी उठी और तेज धमाका हुआ। इसके बाद चारों तरफ अफरातफरी मच गई।
हालात देखकर दहल गए दिल मौेके पर मौजूद अन्य श्रमिकों ने बताया कि कि धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि कमरे की छत के साथ ही आसपास की टीन व दीवार भी ढह गई। आफिस के शीशे भी टूट गए। श्रमिकों ने विनोद पासवान को दीवार के नीचे दबता हुआ देखा तो वह तुरंत उसकी मदद के लिए दौड़ पड़े। इसी दौरान आसपास के लोग भी मदद के लिए आने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों में शामिल रमेश, सुनील व अजय ने बताया कि विनोद को जब दीवार से निकाला गया तो वह उसके शरीर से खून बह रहा था और वह बुरी तरह से घायल हो गया था। जबकि अपने एक रिश्तेदार के साथ फैक्ट्री में आया 10 वर्षीय बच्चा प्रदीप भी आग से झुलस गया था। यह मासूम भी इसी कमरे के समीप ही खेल रहा था। उसकी हालत देखकर सबके दिल दहल गए।
सिलेंडर थे चालू हालात में फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर आग को काबू पाया और आसपास रखे ज्वलनशील पदार्थ को भी निष्क्रिय कर दिया। फायर ब्रिगेड के सहायक अधिकारी रामकुमार ने बताया कि फैक्ट्री में फायर सिलेंडर पर्याप्त संख्या में रखे हुए थे और सभी चालू हालत में थे। फायर सेफ्टी के लिहाज से पानी का भी फैक्ट्री में पूरा इंतजाम था। क्योंकि तैयार पटाखे में यदि आग लग जाए तो उसे पानी से भी तेजी से नियंत्रित किया जा सकता है। इसके साथ ही यदि कच्ची सामग्री में आग लगे तो प्राथमिक तौर पर उसे फायर सिलेंडर से बुझाया जा सकता है।
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