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Arif Murder Case: पानीपत में हत्या को हादसा दिखाने के आरोप में इंस्पेक्टर गिरफ्तार, एक निलंबित ASI अभी भी फरार

Panipat Crime News सनौली रोड पर प्रेमी ढाबा के सामने आरिफ की हत्या को दबाने व करप्शन एक्ट में चांदनीबाग थाना के निलंबित इंस्पेक्टर कर्मवीर को एसआईटी ने गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया गया है। एसआईटी दूसरे फरार चल रहे जांच अधिकारी निलंबित एएसआई सतीश की धरपकड़ में जुट गई है। पुलिस उसके संभावित ठिकानों पर दबिश भी दे चुकी है लेकिन कोई सुराग नहीं लगा है।

By rajinder singh Edited By: Monu Kumar JhaUpdated: Thu, 18 Jan 2024 10:51 PM (IST)
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Haryana News: निलंबित इंस्पेक्टर को मेडिकल कराने के लिए नागरिक अस्पताल पहुंची एसआईटी।

जागरण संवाददाता, पानीपत। सनौली रोड पर प्रेमी ढाबा के सामने आरिफ की हत्या को दबाने व करप्शन एक्ट में चांदनीबाग थाना के निलंबित इंस्पेक्टर कर्मवीर को एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया है और उसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है। एसआईटी फरार चल रहे जांच अधिकारी निलंबित एएसआई सतीश की धरपकड़ में जुटी है। पुलिस उसके संभावित ठिकानों पर दबिश दे चुकी है लेकिन कोई सुराग नहीं लगा है। वहीं चारों दलाल भी फरार हैं।

एसआईटी के इंचार्ज डीएसपी नरेंद्र कादियान ने बताया कि जांच में सामने आया कि इंस्पेक्टर कर्मवीर और एएसआई सतीश को हत्या के बारे में पता था। आस-पास के सीसीटीवी कैमरे में पूरी वारदात कैद थी लेकिन उन्होंने उच्च अधिकारियों को हत्या बारे अवगत नहीं कराया और न ही हत्या का मुकदमा दर्ज किया। स्वजनों से झूठे बयान दर्ज कराकर 174 की कार्रवाई के तहत शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया।

जब एसपी अजीत सिंह शेखावत के संज्ञान में मामला पहुंचा तो उन्होंने सीआईए-1 को जांच सौंपी। जिसमें हत्या का मामला उजागर होने के बाद चांदनीबाग थाना में 302 का मुकदमा दर्ज किया गया था। इंस्पेक्टर और एएसआई को निलंबित कर दिया था। उसके बाद एएसपी मंयक मिश्रा ने पूरे मामले की जांच की।

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जिसमें इंस्पेक्टर कर्मवीर, जांच अधिकारी एएसआइ सतीश लापरवाही और दलालों की भूमिका नजर आई। एएसपी के आदेश पर इंस्पेक्टर व एएसआइ पर 120बी, 166, 166ए, 202,217, 218,389,506 और प्रीवेंशन आफ करप्शन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में निलंबित इंस्पेक्टर कर्मवीर को गिरफ्तार किया है। निलंबित एएसआई सतीश फरार है। जिसकी तलाश में टीम धरपकड़ में जुटी हुई है।

सात लाख की ट्रांजेक्शन हुई, इंस्पेक्टर तक नहीं पहुंची रकम

डीएसपी नरेंद्र ने बताया कि एसआइटी की जांच में सामने आया कि हत्यारोपितों और चार दलाल उग्राखेड़ी निवासी राजेश मलिक, सेक्टर 15, सोनीपत निवासी अनिल मदान, उग्राखेड़ी निवासी अनूप उर्फ भांजा और तहसील कैंप के इशांत उर्फ इशू के बीच छह से सात लाख रुपये तक की ट्रांजेक्शन हुई। ये रुपये इंस्पेक्टर कर्मवीर तक नहीं पहुंचे। एएसआइ फरार है, रुपये उन तक पहुंचे है या नहीं,उनके पकड़े जाने के बाद पूछताछ में पता चलेगा।

व्हाट्सएप कॉल पर करते थे बात

सूत्रों के अनुसार दलाल इंस्पेक्टर व एएसआई से व्हाट्सएप काल पर बातचीत करते थे। इसी पर पूरा सौदा तय हुआ। एसआईटी फोन की डिटेल खंगालने में जुटी हुई है। इसके अलावा खाते की भी जानकारी निकलवा रही है।

इंस्पेक्टर कर्मवीर को हत्या को दबाने व करप्शन एक्ट मामले में गिरफ्तार कर लिया है, उसे वीरवार को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। एएसआइ व दलालों की तलाश जारी है।

डीएसपी नरेंद्र कादियान, एसआईटी इंचार्ज

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