पूर्व विधायक रेलू राम पुनिया सहित परिवार के 8 लोगों का हत्यारा दामाद गिरफ्तार
Haryana Hisar Murder Case यमुनानगर से बड़ी खबर है। यमुनानगर में हिसार के पूर्व विधायक रेलूराम पुनिया सहित उनके परिवार के आठ लोगों का हत्यारा गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्यारा संजीव कुमार पैरोल पर आने के बाद फरार हो गया था।
By Anurag ShuklaEdited By: Updated: Mon, 01 Feb 2021 05:01 PM (IST)
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। स्पेशल टास्क फोर्स ने बड़ी कार्रवाई की है। हिसार के पूर्व विधायक रेलूराम पुनिया सहित उनके परिवार के आठ लोगों का हत्यारा हत्थे चढ़ा। हत्यारा संजीव कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया।
हिसार के पूर्व विधायक रेलूराम पुनिया समेत उनके परिवार के आठ लोगों के हत्यारे संजीव कुमार को स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार कर लिया। वर्ष 2018 में पैरोल पर आने के बाद वह फरार हो गया था। इसके बाद से ही उसकी तलाश की जा रही थी। एसटीएफ ने उसे उत्तर प्रदेश के मेरठ नेशनल हाईवे पर यूवी क्लब के सामने से गिरफ्तार किया। उस पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था।संजीव कुमार पूर्व विधायक का दामाद था
संजीव कुमार पूर्व विधायक रेलूराम पुनिया का दामाद था। 24 अगस्त 2001 को संजीव कुमार व उसकी पत्नी सोनिया ने हत्याकांड को अंजाम दिया था। इन्होंने रेलूराम पुनिया, उसकी पत्नी कृष्णा, बेटे सुनील, बहु शकुंतला, बेटी प्रियंका, चार साल के पोते लोकेश, ढाई साल की पोती शिवानी और डेढ़ माह की प्रीती की हत्या कर दी थी। इस मामले में उकलाना थाने में केस दर्ज हुआ था।
पुलिस ने संजीव, सोनिया व उसके माता पिता, भाई, मामा के लड़के व चाचा को गिरफ्तार किया था। इस केस में 31 मई 2004 में संजीव व उसकी पत्नी सोनिया को फांसी की सजा सुनाई गई थी। जबकि अन्य चारों आरोपितों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। इस सजा के खिलाफ हाईकोर्ट व फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील हुई। जहां से फांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील हो गई। इस दौरान संजीव व सोनिया अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र झज्जर, रोहतक व फरीदाबाद की जेलों में रहे।
चांगनौली का दिया था फर्जी पताहत्यारे संजीव साल 2018 में फर्जी दस्तावेजों पर बिलासपुर के गांव चगनौली के पते पर 28 दिन की पैरोल ली थी। उसे 31 मई 2018 को वापस लौटना था। तय समय पूरा होने के बाद वह वापस नहीं लौटा। दस जून तक उसका इंतजार किया गया। जब वह वापस नहीं लौटा, तो जून 2018 में बिलासपुर पुलिस ने कुरुक्षेत्र जेल डिप्टी अधीक्षक सुभाष चंद्र की शिकायत पर केस दर्ज कराया गया। इसके बाद से ही उसकी तलाश की जा रही थी।
अंबाला एसटीएफ ने की कार्रवाईपहले यह केस सीआइए टू को दिया गया था। तफ्तीश चलती रही, लेकिन संजीव का कोई पता नहीं लग सका। तभी से उसकी तलाश चलती रही। बाद में यह केस अंबाला एसटीएफ को ट्रांसफर कर दिया गया। एसटीएफ के इंस्पेक्टर निर्मल सिंह ने बताया कि संजीव की तलाश के लिए लगातार टीम लगी हुई थी। इसी बीच सूचना मिली कि संजीव मेरठ में छिपकर रह रहा है। जिस पर टीम ने रेड कर उसे काबू किया।
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